नई दिल्ली: इंफोसिस के भीतर व्हिसिलब्लोअर की शिकायत के बाद के घटनाक्रम पर सरकार नजर बनाए हुए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को जानकारी दी कि इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) कंपनी में कथित लेखा अनियमिताओं के मामले को देखेगा.
एनएफआरए कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत काम करता है. यह ऑडिटिंग के पेशे का नियमन करने वाला एक स्वतंत्र नियामक है. अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि एनएफआरए से इंफोसिस में कथित अनैतिक गतिविधियों और लेखा अनियमिताओं के मामले को देखने के लिए कहा गया है.
ये भी पढ़ें- इन्फोसिस मामले में सेबी ने शुरू की जांच, कंपनी के शेयरों में भेदिया कारोबार पर भी होगी नजर
इंफोसिस ने सोमवार को शेयर बाजारों को अज्ञात व्हिसिलब्लोअर के कंपनी में अनैतिक कामकाज की शिकायत की जानकारी दी थी. बाद में मंगलवार को इसकी विस्तृत जानकारी दी गयी. बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और अमेरिकी बाजार नियामक सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) भी व्हिसिलब्लोअर की शिकायत के बाद इंफोसिस के मामले को देख रहे हैं.
इंफोसिस ने एक बयान में कहा, "कंपनी एसईसी के साथ इस मामले को लेकर लगातार संपर्क में है. हमें ज्ञात हुआ है एसईसी ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. कंपनी एसईसी को जांच में पूरा सहयोग करेगी."
इसके अलावा एक खबर के मुताबिक, सेबी ने इस मामले में कंपनी से अतिरिक्त जानकारी की मांग की है. कंपनी ने यह भी बताया कि वह अमेरिका में उसके खिलाफ प्रतिभूति से जुड़े एक कानूनी वाद के बारे में वह सजग है. कंपनी अदालत में इस कानूनी वाद में अपना मजबूती से बचाव करेगी. अमेरिका की रोजेन लॉ फर्म ने अमेरिका में इंफोसिस के निवेशकों को हुए नुकसान की वसूली के लिए एक कानूनी वाद पहले से दायर किया हुआ है.
इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने मंगलवार को बताया था कि खुद को नैतिक कर्मी बताने वाले कंपनी के एक व्हिसिलब्लोअर समूह ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और मुख्य वित्त अधिकारी निलांजन रॉय के खिलाफ लघु अवधि में आय और लाभ बढ़ाने के लिए अनैतिक कामकाज में लिप्त होने का आरोप लगाया है.
उनकी इस शिकायत पर कंपनी की व्हिसिलब्लोअर नीति के अनुरूप कार्रवाई की गयी है. इन पूरे घटनाक्रम के चलते इंफोसिस का शेयर बीएसई पर 1.95 प्रतिशत गिरकर 638 रुपये और एनएसई पर 1.93 प्रतिशत घटकर 638 रुपये पर चल रहा है.
राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण देखेगा इंफोसिस में कथित लेखा अनियमिताएं - US regulator probing whistleblower's charges: Infosys
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और अमेरिकी बाजार नियामक सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) भी व्हिसिलब्लोअर की शिकायत के बाद इंफोसिस के मामले को देख रहे हैं.
नई दिल्ली: इंफोसिस के भीतर व्हिसिलब्लोअर की शिकायत के बाद के घटनाक्रम पर सरकार नजर बनाए हुए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को जानकारी दी कि इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) कंपनी में कथित लेखा अनियमिताओं के मामले को देखेगा.
एनएफआरए कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत काम करता है. यह ऑडिटिंग के पेशे का नियमन करने वाला एक स्वतंत्र नियामक है. अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि एनएफआरए से इंफोसिस में कथित अनैतिक गतिविधियों और लेखा अनियमिताओं के मामले को देखने के लिए कहा गया है.
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इंफोसिस ने सोमवार को शेयर बाजारों को अज्ञात व्हिसिलब्लोअर के कंपनी में अनैतिक कामकाज की शिकायत की जानकारी दी थी. बाद में मंगलवार को इसकी विस्तृत जानकारी दी गयी. बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और अमेरिकी बाजार नियामक सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) भी व्हिसिलब्लोअर की शिकायत के बाद इंफोसिस के मामले को देख रहे हैं.
इंफोसिस ने एक बयान में कहा, "कंपनी एसईसी के साथ इस मामले को लेकर लगातार संपर्क में है. हमें ज्ञात हुआ है एसईसी ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. कंपनी एसईसी को जांच में पूरा सहयोग करेगी."
इसके अलावा एक खबर के मुताबिक, सेबी ने इस मामले में कंपनी से अतिरिक्त जानकारी की मांग की है. कंपनी ने यह भी बताया कि वह अमेरिका में उसके खिलाफ प्रतिभूति से जुड़े एक कानूनी वाद के बारे में वह सजग है. कंपनी अदालत में इस कानूनी वाद में अपना मजबूती से बचाव करेगी. अमेरिका की रोजेन लॉ फर्म ने अमेरिका में इंफोसिस के निवेशकों को हुए नुकसान की वसूली के लिए एक कानूनी वाद पहले से दायर किया हुआ है.
इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने मंगलवार को बताया था कि खुद को नैतिक कर्मी बताने वाले कंपनी के एक व्हिसिलब्लोअर समूह ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और मुख्य वित्त अधिकारी निलांजन रॉय के खिलाफ लघु अवधि में आय और लाभ बढ़ाने के लिए अनैतिक कामकाज में लिप्त होने का आरोप लगाया है.
उनकी इस शिकायत पर कंपनी की व्हिसिलब्लोअर नीति के अनुरूप कार्रवाई की गयी है. इन पूरे घटनाक्रम के चलते इंफोसिस का शेयर बीएसई पर 1.95 प्रतिशत गिरकर 638 रुपये और एनएसई पर 1.93 प्रतिशत घटकर 638 रुपये पर चल रहा है.
राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण देखेगा इंफोसिस में कथित लेखा अनियमिताएं
नई दिल्ली: इंफोसिस के भीतर व्हिसिलब्लोअर की शिकायत के बाद के घटनाक्रम पर सरकार नजर बनाए हुए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को जानकारी दी कि इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) कंपनी में कथित लेखा अनियमिताओं के मामले को देखेगा.
एनएफआरए कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत काम करता है. यह ऑडिटिंग के पेशे का नियमन करने वाला एक स्वतंत्र नियामक है. अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि एनएफआरए से इंफोसिस में कथित अनैतिक गतिविधियों और लेखा अनियमिताओं के मामले को देखने के लिए कहा गया है.
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इंफोसिस ने सोमवार को शेयर बाजारों को अज्ञात व्हिसिलब्लोअर के कंपनी में अनैतिक कामकाज की शिकायत की जानकारी दी थी. बाद में मंगलवार को इसकी विस्तृत जानकारी दी गयी. बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और अमेरिकी बाजार नियामक सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) भी व्हिसिलब्लोअर की शिकायत के बाद इंफोसिस के मामले को देख रहे हैं.
इंफोसिस ने एक बयान में कहा, "कंपनी एसईसी के साथ इस मामले को लेकर लगातार संपर्क में है. हमें ज्ञात हुआ है एसईसी ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. कंपनी एसईसी को जांच में पूरा सहयोग करेगी."
इसके अलावा एक खबर के मुताबिक, सेबी ने इस मामले में कंपनी से अतिरिक्त जानकारी की मांग की है. कंपनी ने यह भी बताया कि वह अमेरिका में उसके खिलाफ प्रतिभूति से जुड़े एक कानूनी वाद के बारे में वह सजग है. कंपनी अदालत में इस कानूनी वाद में अपना मजबूती से बचाव करेगी. अमेरिका की रोजेन लॉ फर्म ने अमेरिका में इंफोसिस के निवेशकों को हुए नुकसान की वसूली के लिए एक कानूनी वाद पहले से दायर किया हुआ है.
इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने मंगलवार को बताया था कि खुद को नैतिक कर्मी बताने वाले कंपनी के एक व्हिसिलब्लोअर समूह ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और मुख्य वित्त अधिकारी निलांजन रॉय के खिलाफ लघु अवधि में आय और लाभ बढ़ाने के लिए अनैतिक कामकाज में लिप्त होने का आरोप लगाया है.
उनकी इस शिकायत पर कंपनी की व्हिसिलब्लोअर नीति के अनुरूप कार्रवाई की गयी है. इन पूरे घटनाक्रम के चलते इंफोसिस का शेयर बीएसई पर 1.95 प्रतिशत गिरकर 638 रुपये और एनएसई पर 1.93 प्रतिशत घटकर 638 रुपये पर चल रहा है.
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