नई दिल्ली: रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली वैश्विक कंपनी यूनिलीवर ने सोमवार को अपने उत्पादों की पैकिंग में प्लास्टिक का उपयोग कम करके कचरे में कमी लाने की प्रतिबद्धता जताई. कंपनी 2025 तक अपनी पैकेजिंग में एक लाख टन प्लास्टिक को कम करेगी. साथ ही खुद के द्वारा बेचे जाने वाली प्लास्टिक से अधिक का संग्रहण और प्रसंस्करण करेगी.
कंपनी ने बयान में कहा कि 2025 तक वह अपने 'वर्जिन प्लास्टिक' के उपयोग को आधा करेगी. इसके स्थान पर वह पुनर्चक्रित प्लास्टिक को बढ़ावा देगी. वहीं कुल प्लास्टिक पैकेजिंग में कंपनी एक लाख टन की कमी लाएगी. वर्तमान में कंपनी पैकेजिंग में सालाना सात लाख टन प्लास्टिक का इस्तेमाल करती है.
वर्जिन प्लास्टिक का विनिर्माण प्राकृतिक गैस या कच्चे तेल जैसे पेट्रोरसायन से सीधे होता है. इस प्लास्टिक का ना तो पहले कभी इस्तेमाल किया गया होता है और ना ही प्रसंस्करण. कंपनी ने कहा कि वह जितना प्लास्टिक बेचती है, उससे ज्यादा के संग्रहण और प्रसंस्करण में भी मदद करेगी.
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बयान के मुताबिक, "इसके बाद यूनिलीवर दुनिया की पहली ऐसी उपभोक्ता उत्पाद कंपनी है जिसने अपने सभी पोर्टफोलियो में प्लास्टिक उपयोग कम करने की प्रतिबद्धता जतायी है."
कंपनी 2025 तक अपनी कुल पैकेजिंग में 25 प्रतिशत पुनर्चक्रित प्लास्टिक का उपयोग करेगी. वहीं वह 2025 तक अपनी सभी प्लास्टिक पैकेजिंग को पुन:उपयोग, पुनर्चक्रण या कंपोस्ट में काम आने लायक बनाने की दिशा में बढ़ रही है."
यूनिलीवर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन जोप ने कहा कि हम प्लास्टिक के कचरे को तभी कम कर सकते हैं जब हम तेजी से और प्लास्टिक के चक्र के हर बिंदु पर काम करें. हमारा पहला चरण डिजाइन और खुद के प्लास्टिक उपयोग को कम करना है. साथ ही हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हम पुनर्चक्रित स्रोत से आने वाली प्लास्टिक का उपयोग बढ़ाएं.
यूनिलीवर की घरेलू इकाई हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड देश में लैक्मे, डव, लाइफबॉय, लिप्टन, सर्फ एक्सेल और फेयर एंड लवली जैसे ब्रांड बेचती है.