नई दिल्ली: सरकार द्वारा बैन लगाने के 12 घंटे के अंदर भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय एप टिकटॉक गूगल प्ले-स्टोर और एपल के स्टोर से हटा दिया गया है.
गूगल इंडिया या एप्पल ने अभी तक टिकटॉक के हटाए जाने को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, वहीं प्रतिबंध लगाए गए 59 एप्स में से कैम स्कैनर, यूसी ब्राउसर, शेयर-इट और वीचैट सहीन अन्य एप्स एप्स अभी भी प्ले-स्टोर और एप स्टोर पर मौजूद हैं.
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भारत ने सोमवार को चीन से संबंधित 59 एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें बेहद लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउजर शामिल हैं. सरकार ने कहा कि ये एप्स देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं.
बता दें कि इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि चायनीज ऐप्स द्वारा भारत के यूजर्स का डाटा का संकलन, माइनिंग और प्रोफाइलिंग राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की रक्षा के लिए सही नहीं थे, जिससे हमारे देश की संप्रभुता और अखंडता प्रभावित हो रही थी और यह गहरी चिंता का विषय था और इस पर तत्काल कदम उठाने की जरूरत थी.
टिक टॉक ने दी सफाई
टिक टॉक इंडिया के हैड निखिल गांधी ने कहा है कि भारत सरकार ने 59 ऐप्स को बैन करने का फैसला लिया है. हम इस आदेश को मान रहे हैं. इसके लिए हम सरकारी एजेंसियों से मुलाकात भी करेंगे और अपनी सफाई पेश करेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि उसने एप इस्तेमाल करने वाले किसी भी भारतीय की जानकारी चीन सहित किसी भी विदेशी सरकार के साथ साझा नहीं की है.
चीन के डिजिटल सिल्क रूट का हिस्सा थे ये एप
गेटवे हाउस के निदेशक ब्लाइस फर्नांडीस ने कहा कि भारत में चार प्रकार के चीनी ऐप काम कर रहे हैं. आर्थिक गतिविधि ऐप, सेवा-उन्मुख ऐप, वैनिटी ऐप और रणनीतिक ऐप. डिजिटल इंडिया की कहानी को विश्व स्तर पर ट्रैक किया गया है. बाईडू, अलीबाबा और टेंसेंट चीन के डिजिटल सिल्क रूट का हिस्सा हैं. भारत में 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध इनके संबंधित प्रमोटरों के मूल्यांकन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा. टिक्कॉक का 30 फीसदी यूजर बेस भारत से आता है. यह प्रतिबंध टिकटॉक के मूल्यांकन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा.