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अजीम प्रेमजी ने दान किए विप्रो के 52,750 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर

विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने विप्रो लिमिटेड के 52,750 करोड़ रुपये मूल्य के 34 प्रतिशत शेयर प्रेमजी फाउंडेशन को दान में दे दिए. जिसका मतलब इन शेयरों से होने वाले लाभ को प्रेमजी फाउंडेशन जनहित के कार्यों में लगाएगी.

अजीम प्रेमजी (फाइल फोटो)।
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Published : Mar 13, 2019, 8:01 PM IST

बेंगलुरु : भारत के आईटी सम्राट और देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने अपनी परोपकारी गतिविधियों के लिए विप्रो लिमिटेड के 52,750 करोड़ रुपये(7.5 बिलियन यूएसडी) मूल्य के 34 प्रतिशत शेयर दान में दे दिए हैं.

एक बयान में बताया कि अजीम प्रेमजी ने परोपकार के लिए अपनी प्रतिबद्धता को बढ़ाते हुए अपनी व्यक्तिगत संपत्ति का अधिक त्याग कर उन्हें अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की परोपकारी गतिविधियों में लगाया है.

इस नई प्रतिबद्धता के साथ प्रेमजी की परोपकारी बंदोबस्त में कुल योगदान 1,45,000 करोड़ रुपये (21 अरब डॉलर) का है, जिसमें विप्रो लिमिटेड का 67 प्रतिशत आर्थिक स्वामित्व शामिल है.

प्रेमजी फाउंडेशन शिक्षा क्षेत्र में काम करता है, जिसका उद्देश्य पब्लिक स्कूलिंग सिस्टम की गुणवत्ता में सुधार करना है, और बहु-वर्षीय वित्तीय अनुदान के माध्यम से क्षेत्र में काम करने वाले अन्य गैर-लाभकारी संगठनों का समर्थन करता है.

बयान में बताया गया कि वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में फाउंडेशन का काम पूरे कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पुदुचेरी, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में फैला हुआ है."

पिछले पांच वर्षों में फाउंडेशन ने देश भर में पिछड़े वर्ग के लिए काम कर रही 150 गैर-लाभकारी संगठनों को अनुदान मुहैया कराया है.

उन्होंने कहा, "आने वाले वर्षों में, फाउंडेशन की गतिविधियों में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है. शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली टीम को वर्तमान 1,600 लोगों से काफी बढ़ने की उम्मीद है."

बयान में बताया गया कि बेंगलुरु में चल रहे अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, जो कि शिक्षा और मानव विकास में स्नातक, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करता है, का भी विकास होगा.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कई कार्यक्रमों में 400 संकाय सदस्यों के साथ 5,000 छात्रों का विस्तार होगा. जिसके बाद भारत के उत्तरी हिस्से में एक और विश्वविद्यालय स्थापित किया जा सकता है.
(आईएएनएस)
पढ़ें : शुरुआती कारोबार में रुपया 25 पैसे मजबूत

बेंगलुरु : भारत के आईटी सम्राट और देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने अपनी परोपकारी गतिविधियों के लिए विप्रो लिमिटेड के 52,750 करोड़ रुपये(7.5 बिलियन यूएसडी) मूल्य के 34 प्रतिशत शेयर दान में दे दिए हैं.

एक बयान में बताया कि अजीम प्रेमजी ने परोपकार के लिए अपनी प्रतिबद्धता को बढ़ाते हुए अपनी व्यक्तिगत संपत्ति का अधिक त्याग कर उन्हें अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की परोपकारी गतिविधियों में लगाया है.

इस नई प्रतिबद्धता के साथ प्रेमजी की परोपकारी बंदोबस्त में कुल योगदान 1,45,000 करोड़ रुपये (21 अरब डॉलर) का है, जिसमें विप्रो लिमिटेड का 67 प्रतिशत आर्थिक स्वामित्व शामिल है.

प्रेमजी फाउंडेशन शिक्षा क्षेत्र में काम करता है, जिसका उद्देश्य पब्लिक स्कूलिंग सिस्टम की गुणवत्ता में सुधार करना है, और बहु-वर्षीय वित्तीय अनुदान के माध्यम से क्षेत्र में काम करने वाले अन्य गैर-लाभकारी संगठनों का समर्थन करता है.

बयान में बताया गया कि वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में फाउंडेशन का काम पूरे कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पुदुचेरी, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में फैला हुआ है."

पिछले पांच वर्षों में फाउंडेशन ने देश भर में पिछड़े वर्ग के लिए काम कर रही 150 गैर-लाभकारी संगठनों को अनुदान मुहैया कराया है.

उन्होंने कहा, "आने वाले वर्षों में, फाउंडेशन की गतिविधियों में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है. शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली टीम को वर्तमान 1,600 लोगों से काफी बढ़ने की उम्मीद है."

बयान में बताया गया कि बेंगलुरु में चल रहे अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, जो कि शिक्षा और मानव विकास में स्नातक, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करता है, का भी विकास होगा.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कई कार्यक्रमों में 400 संकाय सदस्यों के साथ 5,000 छात्रों का विस्तार होगा. जिसके बाद भारत के उत्तरी हिस्से में एक और विश्वविद्यालय स्थापित किया जा सकता है.
(आईएएनएस)
पढ़ें : शुरुआती कारोबार में रुपया 25 पैसे मजबूत

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बेंगलुरु : भारत के आईटी सम्राट और देश की तीसरी सबसे बडी़ आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने अपनी परोपकारी गतिविधियों के लिए विप्रो लिमिटेड के 52,750 करोड़ रुपये(7.5 बिलियन यूएसडी) मूल्य के 34 प्रतिशत शेयर दान में दे दिए हैं.

एक बयान में बताया कि अजीम प्रेमजी ने परोपकार के लिए अपनी प्रतिबद्धता को बढ़ाते हुए अपनी व्यक्तिगत संपत्ति का अधिक त्याग कर उन्हें अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की परोपकारी गतिविधियों में लगाया है.

इस नई प्रतिबद्धता के साथ प्रेमजी की परोपकारी बंदोबस्त में कुल योगदान 1,45,000 करोड़ रुपये (21 अरब डॉलर) का है, जिसमें विप्रो लिमिटेड का 67 प्रतिशत आर्थिक स्वामित्व शामिल है.

प्रेमजी फाउंडेशन शिक्षा क्षेत्र में काम करता है, जिसका उद्देश्य पब्लिक स्कूलिंग सिस्टम की गुणवत्ता में सुधार करना है, और बहु-वर्षीय वित्तीय अनुदान के माध्यम से क्षेत्र में काम करने वाले अन्य गैर-लाभकारी संगठनों का समर्थन करता है.

बयान में बताया गया कि वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में फाउंडेशन का काम पूरे कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पुदुचेरी, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में फैला हुआ है."

पिछले पांच वर्षों में फाउंडेशन ने देश भर में पिछड़े वर्ग के लिए काम कर रही 150 गैर-लाभकारी संगठनों को अनुदान मुहैया कराया है.

उन्होंने कहा, "आने वाले वर्षों में, फाउंडेशन की गतिविधियों में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है. शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली टीम को वर्तमान 1,600 लोगों से काफी बढ़ने की उम्मीद है."

बयान में बताया गया कि बेंगलुरु में चल रहे अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, जो कि शिक्षा और मानव विकास में स्नातक, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करता है, का भी विकास होगा.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कई कार्यक्रमों में 400 संकाय सदस्यों के साथ 5,000 छात्रों का विस्तार होगा. जिसके बाद भारत के उत्तरी हिस्से में एक और विश्वविद्यालय स्थापित किया जा सकता है.       


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