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डीजीसीए ने इंडिगो के बाद गोएयर के 13 ए320 नियो विमानों के इंजनों को बदलने के दिए निर्देश - Pratt & Whitney engines of GoAir 13 A320 Neo aircraft replaced within 15 days

डीजीसीए के अधिकारी ने कहा कि इन 13 विमानों में अगले 15 दिन के भीतर पुराने इंजन को बदलकर कम से कम प्रैट एंड व्हिटनी के एक उन्नत इंजन को लगाया जाना है. यह इंजन कम दबाव वाला टरबाइन इंजन होना चाहिए.

डीजीसीए ने इंडिगो के बाद गोएयर के 13 ए320 नियो विमानों के इंजनों को बदलने के दिए निर्देश
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Published : Oct 29, 2019, 9:30 PM IST

नई दिल्ली: नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गोएयर से 13 ए320 नियो विमानों के प्रैट एंड व्हिटनी इंजन 15 दिन के भीतर बदलने के लिए कहा है. इन विमानों के इंजन 3,000 घंटे से ज्यादा समय उपयोग किए जा चुके हैं.

एयरलाइन ने कहा कि उसे अभी ऐसा कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है पर वह विनियाम के नीति और निर्देशों के अनुसार चलेगी.

नागर विमानन क्षेत्र नियामक ने मंगलवार को कहा कि यदि कंपनी निर्देश का पालन नहीं करती है तो इन विमानों के उड़ान भरने पर रोक लग सकती है.

ये भी पढ़ें- राज्यों की सहायता से विकास की नई ऊंचाइयां छुएगा भारत

डीजीसीए के अधिकारी ने कहा कि इन 13 विमानों में अगले 15 दिन के भीतर पुराने इंजन को बदलकर कम से कम प्रैट एंड व्हिटनी के एक उन्नत इंजन को लगाया जाना है. यह इंजन कम दबाव वाला टरबाइन इंजन होना चाहिए.

एयरलाइन गोएयर के प्रवक्ता ने कहा, "गोएयर को इस संबंध में अभी डीजीसीए से कोई पत्र/ निर्देश नहीं मिला है. (ऐसा कुछ होता है तो) हम उसका मूल्यांकन करेंगे और तदनुसार कदम उठाएंगे. हम डीजीसीए के सभी निर्देशों /नीतियों के अनुसार काम करते रहेंगे."

डीजीसीए के उस अधिकारी ने कहा कि कंपनी के बेड़े में 13 विमान ऐसे हैं जिनमें लगे प्रैट एंड व्हिटनी के दोनों इंजन 3,000 घंटे से ज्यादा उड़ान भर चुके हैं.

देश में इंडिगो और गोएयर प्रैट एंड व्हिटनी इंजन वाले ए320 नियो विमानों का उपयोग करती हैं. 23 अगस्त तक इंडिगो के बेड़े में ऐसे 92 और गोएयर के पास 35 विमान हैं.

वर्ष 2016 में इन विमानों को बेड़े में शामिल किए जाने के बाद से इस इंजन के चलते इनके बीच हवा में खराब होने के कई मामले सामने आए हैं. इसके चलते इन विमानों के उड़ान भरने पर भी कई बार रोक लगायी जा चुकी है.

सोमवार को डीजीसीए ने इंडिगो से भी अपने 16 विमानों के प्रैट एंड व्हिटनी इंजन बदलने का निर्देश दिया था.

इस बीच प्रैट एंड व्हिटनी के प्रवक्ता ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि कंपनी अपने एयरलाइंस ग्राहकों के साथ मिलकर काम कर रही है. साथ ही अपने कम दबाव वाले टरबाइन इंजन पीडब्ल्यू1100जी-जेएम को बेहतर और टिकाऊ बनाने का काम भी कर रही है.

नई दिल्ली: नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गोएयर से 13 ए320 नियो विमानों के प्रैट एंड व्हिटनी इंजन 15 दिन के भीतर बदलने के लिए कहा है. इन विमानों के इंजन 3,000 घंटे से ज्यादा समय उपयोग किए जा चुके हैं.

एयरलाइन ने कहा कि उसे अभी ऐसा कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है पर वह विनियाम के नीति और निर्देशों के अनुसार चलेगी.

नागर विमानन क्षेत्र नियामक ने मंगलवार को कहा कि यदि कंपनी निर्देश का पालन नहीं करती है तो इन विमानों के उड़ान भरने पर रोक लग सकती है.

ये भी पढ़ें- राज्यों की सहायता से विकास की नई ऊंचाइयां छुएगा भारत

डीजीसीए के अधिकारी ने कहा कि इन 13 विमानों में अगले 15 दिन के भीतर पुराने इंजन को बदलकर कम से कम प्रैट एंड व्हिटनी के एक उन्नत इंजन को लगाया जाना है. यह इंजन कम दबाव वाला टरबाइन इंजन होना चाहिए.

एयरलाइन गोएयर के प्रवक्ता ने कहा, "गोएयर को इस संबंध में अभी डीजीसीए से कोई पत्र/ निर्देश नहीं मिला है. (ऐसा कुछ होता है तो) हम उसका मूल्यांकन करेंगे और तदनुसार कदम उठाएंगे. हम डीजीसीए के सभी निर्देशों /नीतियों के अनुसार काम करते रहेंगे."

डीजीसीए के उस अधिकारी ने कहा कि कंपनी के बेड़े में 13 विमान ऐसे हैं जिनमें लगे प्रैट एंड व्हिटनी के दोनों इंजन 3,000 घंटे से ज्यादा उड़ान भर चुके हैं.

देश में इंडिगो और गोएयर प्रैट एंड व्हिटनी इंजन वाले ए320 नियो विमानों का उपयोग करती हैं. 23 अगस्त तक इंडिगो के बेड़े में ऐसे 92 और गोएयर के पास 35 विमान हैं.

वर्ष 2016 में इन विमानों को बेड़े में शामिल किए जाने के बाद से इस इंजन के चलते इनके बीच हवा में खराब होने के कई मामले सामने आए हैं. इसके चलते इन विमानों के उड़ान भरने पर भी कई बार रोक लगायी जा चुकी है.

सोमवार को डीजीसीए ने इंडिगो से भी अपने 16 विमानों के प्रैट एंड व्हिटनी इंजन बदलने का निर्देश दिया था.

इस बीच प्रैट एंड व्हिटनी के प्रवक्ता ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि कंपनी अपने एयरलाइंस ग्राहकों के साथ मिलकर काम कर रही है. साथ ही अपने कम दबाव वाले टरबाइन इंजन पीडब्ल्यू1100जी-जेएम को बेहतर और टिकाऊ बनाने का काम भी कर रही है.

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गोएयर 13 ए320 नियो विमानों के प्रैट एंड व्हिटनी इंजन को 15 दिन के भीतर बदले: डीजीसीए

नई दिल्ली: नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गोएयर से 13 ए320 नियो विमानों के प्रैट एंड व्हिटनी इंजन 15 दिन के भीतर बदलने के लिए कहा है. इन विमानों के इंजन 3,000 घंटे से ज्यादा समय उपयोग किए जा चुके हैं.

एयरलाइन ने कहा कि उसे अभी ऐसा कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है पर वह विनियाम के नीति और निर्देशों के अनुसार चलेगी.

नागर विमानन क्षेत्र नियामक ने मंगलवार को कहा कि यदि कंपनी निर्देश का पालन नहीं करती है तो इन विमानों के उड़ान भरने पर रोक लग सकती है.

डीजीसीए के अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इन 13 विमानों में अगले 15 दिन के भीतर पुराने इंजन को बदलकर कम से कम प्रैट एंड व्हिटनी के एक उन्नत इंजन को लगाया जाना है. यह इंजन कम दबाव वाला टरबाइन इंजन होना चाहिए.

एयरलाइन गोएयर के प्रवक्ता ने कहा, "गोएयर को इस संबंध में अभी डीजीसीए से कोई पत्र/ निर्देश नहीं मिला है. (ऐसा कुछ होता है तो) हम उसका मूल्यांकन करेंगे और तदनुसार कदम उठाएंगे. हम डीजीसीए के सभी निर्देशों /नीतियों के अनुसार काम करते रहेंगे."

डीजीसीए के उस अधिकारी ने कहा कि कंपनी के बेड़े में 13 विमान ऐसे हैं जिनमें लगे प्रैट एंड व्हिटनी के दोनों इंजन 3,000 घंटे से ज्यादा उड़ान भर चुके हैं.

देश में इंडिगो और गोएयर प्रैट एंड व्हिटनी इंजन वाले ए320 नियो विमानों का उपयोग करती हैं. 23 अगस्त तक इंडिगो के बेड़े में ऐसे 92 और गोएयर के पास 35 विमान हैं.

वर्ष 2016 में इन विमानों को बेड़े में शामिल किए जाने के बाद से इस इंजन के चलते इनके बीच हवा में खराब होने के कई मामले सामने आए हैं. इसके चलते इन विमानों के उड़ान भरने पर भी कई बार रोक लगायी जा चुकी है.

सोमवार को डीजीसीए ने इंडिगो से भी अपने 16 विमानों के प्रैट एंड व्हिटनी इंजन बदलने का निर्देश दिया था.

इस बीच प्रैट एंड व्हिटनी के प्रवक्ता ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि कंपनी अपने एयरलाइंस ग्राहकों के साथ मिलकर काम कर रही है. साथ ही अपने कम दबाव वाले टरबाइन इंजन पीडब्ल्यू1100जी-जेएम को बेहतर और टिकाऊ बनाने का काम भी कर रही है.

 


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