नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2019) का शुद्ध घाटा 65 प्रतिशत कम होकर 4,750 करोड़ रुपये रह गया. डूबे कर्ज के लिए प्रावधान घटने तथा संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार से बैंक का घाटा कम हुआ है.
हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी के हजारों करोड़ रुपये के घोटाले की वजह से पीएनबी को इससे पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 13,417 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. शेयर बाजार को भेजी सूचना में बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 14,725.13 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 12,945.68 करोड़ रुपये रही थी.
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पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में बैंक का एकीकृत शुद्ध घाटा 9,570.11 करोड़ रुपये रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में 12,113.36 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष के दौरान बैंक की आय बढ़कर 59,514.53 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 57,608.19 करोड़ रुपये थी. तिमाही के दौरान बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घटकर 15.50 प्रतिशत पर आ गईं, जो मार्च, 2018 में 18.38 प्रतिशत थीं.
इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए 11.24 प्रतिशत से घटकर 6.56 प्रतिशत रह गया. मूल्य के हिसाब से बैंक का सकल एनपीए 78,472.70 करोड़ रुपये रहा जो 2017-18 के अंत तक 86,620.05 करोड़ रुपये था. इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए 48,684.29 करोड़ रुपये से घटकर 30,037.66 करोड़ रुपये पर आ गया.
एनपीए कम होने से डूबे कर्ज के लिए बैंक का प्रावधान भी घटकर 9,153.55 करोड़ रुपये पर आ गया जो इससे पिछले वित्त वर्ष के अंत तक 16,202.82 करोड़ रुपये था. पीएनबी ने कहा कि उसने 2018-19 की मार्च तिमाही के दौरान तरजीही आधार पर 80 करोड़ इक्विटी शेयर जारी किये जिसपर सरकार से 5,908 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश मिला.