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पिछले चार सालों में 150 से ज्यादा हैंडसेट विनिर्माण इकाइयां लगी : रिपोर्ट

गुरुग्राम : सरकार के मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने से पिछले चार सालों में देश में 150 से अधिक मोबाइल हैंडसेट विनिर्माण इकाइयों की स्थापना की गई है. साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) की एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

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Published : Feb 15, 2019, 9:50 AM IST

सीएमआर के इंडिया मोबाइल हैंडसेट मार्केट रिव्यू रिपोर्ट 2018 के मुताबिक, 2018 के चौथी तिमाही के अंत में सीकेडी (कंप्लीटली नॉक्ड डाउन) विनिर्माण 57 फीसदी रहा, जबकि एसकेडी (सेमी नॉक्ड डाउन) विनिर्माण करीब 39 फीसदी रहा. रिपोर्ट में कहा गया कि सीबीयू (कंप्लीटली बिल्ड यूनिट्स) की हिस्सेदारी 4 फीसदी रही.

भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) की शुरुआत की थी। इलेक्ट्रॉनिक घटकों के आयात पर शुल्क लगाकर पीएमपी का उद्देश्य स्थानीय घटकों का उपयोग करके स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना था.

सीएमआर के इंडस्ट्री इंटेलीजेंस समूह के प्रमुख प्रभु राम ने एक बयान में कहा, "सरकार की सक्रिय नीति के परिणामस्वरूप आयात शुल्क लगाने से मोबाइल फोन विनिर्माण को बढ़ावा मिला है. हमने घरेलू मोबाइल हैंडसेट निर्माण में स्पष्ट तेजी देखी है."

रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2018 की चौथी तिमाही देश में शीर्ष पांच ऑरिजिनल डिजायन निर्माता (ओडीएम्स) में फ्लेक्सोट्रॉनिक्स, सैमसंग, राइजिंग स्टार मोबाइल, हाईपैड टेक्नॉलजी और वीवो शामिल रहे.
(आईएएनएस)
पढ़ें : तेल और खाद्य पदार्थों में नरमी के चलते थोक महंगाई दर 10 महीने के निचले स्तर पर

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सीएमआर के इंडिया मोबाइल हैंडसेट मार्केट रिव्यू रिपोर्ट 2018 के मुताबिक, 2018 के चौथी तिमाही के अंत में सीकेडी (कंप्लीटली नॉक्ड डाउन) विनिर्माण 57 फीसदी रहा, जबकि एसकेडी (सेमी नॉक्ड डाउन) विनिर्माण करीब 39 फीसदी रहा. रिपोर्ट में कहा गया कि सीबीयू (कंप्लीटली बिल्ड यूनिट्स) की हिस्सेदारी 4 फीसदी रही.

भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) की शुरुआत की थी। इलेक्ट्रॉनिक घटकों के आयात पर शुल्क लगाकर पीएमपी का उद्देश्य स्थानीय घटकों का उपयोग करके स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना था.

सीएमआर के इंडस्ट्री इंटेलीजेंस समूह के प्रमुख प्रभु राम ने एक बयान में कहा, "सरकार की सक्रिय नीति के परिणामस्वरूप आयात शुल्क लगाने से मोबाइल फोन विनिर्माण को बढ़ावा मिला है. हमने घरेलू मोबाइल हैंडसेट निर्माण में स्पष्ट तेजी देखी है."

रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2018 की चौथी तिमाही देश में शीर्ष पांच ऑरिजिनल डिजायन निर्माता (ओडीएम्स) में फ्लेक्सोट्रॉनिक्स, सैमसंग, राइजिंग स्टार मोबाइल, हाईपैड टेक्नॉलजी और वीवो शामिल रहे.
(आईएएनएस)
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गुरुग्राम : सरकार के मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने से पिछले चार सालों में देश में 150 से अधिक मोबाइल हैंडसेट विनिर्माण इकाइयों की स्थापना की गई है. साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) की एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.



सीएमआर के इंडिया मोबाइल हैंडसेट मार्केट रिव्यू रिपोर्ट 2018 के मुताबिक, 2018 के चौथी तिमाही के अंत में सीकेडी (कंप्लीटली नॉक्ड डाउन) विनिर्माण 57 फीसदी रहा, जबकि एसकेडी (सेमी नॉक्ड डाउन) विनिर्माण करीब 39 फीसदी रहा. रिपोर्ट में कहा गया कि सीबीयू (कंप्लीटली बिल्ड यूनिट्स) की हिस्सेदारी 4 फीसदी रही.



भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) की शुरुआत की थी। इलेक्ट्रॉनिक घटकों के आयात पर शुल्क लगाकर पीएमपी का उद्देश्य स्थानीय घटकों का उपयोग करके स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना था.



सीएमआर के इंडस्ट्री इंटेलीजेंस समूह के प्रमुख प्रभु राम ने एक बयान में कहा, "सरकार की सक्रिय नीति के परिणामस्वरूप आयात शुल्क लगाने से मोबाइल फोन विनिर्माण को बढ़ावा मिला है. हमने घरेलू मोबाइल हैंडसेट निर्माण में स्पष्ट तेजी देखी है."



रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2018 की चौथी तिमाही देश में शीर्ष पांच ऑरिजिनल डिजायन निर्माता (ओडीएम्स) में फ्लेक्सोट्रॉनिक्स, सैमसंग, राइजिंग स्टार मोबाइल, हाईपैड टेक्नॉलजी और वीवो शामिल रहे.


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