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मेरे लिए कोई भी बलिदान जेट एयरवेज के हितों के संरक्षण से बड़ा नहीं : गोयल

गोयल 1992 में कंपनी के चेयरमैन बने थे. गोयल ने कहा, "मेरा परिवार इस फैसले में मेरे साथ है. मुझे उम्मीद है कि आप मेरे फैसले का समर्थन करेंगे. आप सभी मुझे याद आएंगे."

मेरे लिए कोई भी बलिदान जेट एयरवेज के हितों के संरक्षण से बड़ा नहीं : गोयल
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Published : Mar 25, 2019, 11:57 PM IST

मुंबई: कर्ज निपटान योजना के तहत नरेश गोयल ने जेट एयरवेज के चेयरमैन का पद छोड़ दिया है. यह पद छोड़ते हुए गोयल ने सोमवार को कहा कि उनके लिए कोई भी बलिदान एयरलाइन और उसके 22,000 कर्मचारियों के परिवारों के हितों के संरक्षण से बड़ा नहीं है. गोयल पिछले 25 साल से परिचालन कर रही एयरलाइन के संस्थापक भी हैं.

एयरलाइन की ओर से जारी बयान के अनुसार गोयल ने कहा, "उनके लिए कोई भी बलिदान एयरलाइन और उसके 22,000 कर्मचारियों के परिवारों के हितों के संरक्षण से बड़ा नहीं है. इन 22,000 कर्मचारियों तथा उनके परिवार की भलाई के लिए मैं जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे रहा हूं."

ये भी पढ़ें-नरेश गोयल और उनकी पत्नी ने दिया जेट एयरवेज बोर्ड से इस्तीफा

गोयल 1992 में कंपनी के चेयरमैन बने थे. गोयल ने कहा, "मेरा परिवार इस फैसले में मेरे साथ है. मुझे उम्मीद है कि आप मेरे फैसले का समर्थन करेंगे. आप सभी मुझे याद आएंगे."

'यह यात्रा का अंत नहीं, बिल्कुल नए अध्याय की शुरुआत है'
इसके बाद, नरेश गोयल ने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा है कि उनका कंपनी के निदेशक मंडल से हटने का फैसला यात्रा का अंत नहीं, बल्कि एक बिल्कुल नए अध्याय की शुरुआत है. गोयल और उनकी पत्नी अनीता ने सोमवार को एयरलाइन के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया. गोयल ने इस 25 साल पुरानी एयरलाइन के चेयरमैन का पद भी छोड़ दिया है. कर्मचारियों को लिखे भावनात्मक पत्र में गोयल ने कहा कि कंपनी के लिए ऋण पुनर्गठन योजना से एयरलाइन वित्तीय रूप से मजबूत हो सकेगी.

कर्मचारियों को लिखे भावनात्मक पत्र में गोयल ने कहा कि कंपनी के लिए ऋण पुनर्गठन योजना से एयरलाइन वित्तीय रूप से मजबूत हो सकेगी. जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर कई सप्ताह से चल रही अटकलों के बीच उसके निदेशक मंडल ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में ऋणदाताओं के गठजोड़ की निपटान योजना को मंजूरी दे दी.

कंपनी के ऋणदाता अब एयरलाइन के नए मालिक हैं और उनके पास इसकी 51 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी है. वित्तीय संकट की वजह से जेट एयरवेज को अपने 80 विमान खड़े करने पड़े हैं. गोयल ने कर्मचारियों को लिखा कि वह और उनकी पत्नी अनिता दोनों तुरंत प्रभाव से जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से हट रहे हैं.

(भाषा)

मुंबई: कर्ज निपटान योजना के तहत नरेश गोयल ने जेट एयरवेज के चेयरमैन का पद छोड़ दिया है. यह पद छोड़ते हुए गोयल ने सोमवार को कहा कि उनके लिए कोई भी बलिदान एयरलाइन और उसके 22,000 कर्मचारियों के परिवारों के हितों के संरक्षण से बड़ा नहीं है. गोयल पिछले 25 साल से परिचालन कर रही एयरलाइन के संस्थापक भी हैं.

एयरलाइन की ओर से जारी बयान के अनुसार गोयल ने कहा, "उनके लिए कोई भी बलिदान एयरलाइन और उसके 22,000 कर्मचारियों के परिवारों के हितों के संरक्षण से बड़ा नहीं है. इन 22,000 कर्मचारियों तथा उनके परिवार की भलाई के लिए मैं जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे रहा हूं."

ये भी पढ़ें-नरेश गोयल और उनकी पत्नी ने दिया जेट एयरवेज बोर्ड से इस्तीफा

गोयल 1992 में कंपनी के चेयरमैन बने थे. गोयल ने कहा, "मेरा परिवार इस फैसले में मेरे साथ है. मुझे उम्मीद है कि आप मेरे फैसले का समर्थन करेंगे. आप सभी मुझे याद आएंगे."

'यह यात्रा का अंत नहीं, बिल्कुल नए अध्याय की शुरुआत है'
इसके बाद, नरेश गोयल ने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा है कि उनका कंपनी के निदेशक मंडल से हटने का फैसला यात्रा का अंत नहीं, बल्कि एक बिल्कुल नए अध्याय की शुरुआत है. गोयल और उनकी पत्नी अनीता ने सोमवार को एयरलाइन के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया. गोयल ने इस 25 साल पुरानी एयरलाइन के चेयरमैन का पद भी छोड़ दिया है. कर्मचारियों को लिखे भावनात्मक पत्र में गोयल ने कहा कि कंपनी के लिए ऋण पुनर्गठन योजना से एयरलाइन वित्तीय रूप से मजबूत हो सकेगी.

कर्मचारियों को लिखे भावनात्मक पत्र में गोयल ने कहा कि कंपनी के लिए ऋण पुनर्गठन योजना से एयरलाइन वित्तीय रूप से मजबूत हो सकेगी. जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर कई सप्ताह से चल रही अटकलों के बीच उसके निदेशक मंडल ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में ऋणदाताओं के गठजोड़ की निपटान योजना को मंजूरी दे दी.

कंपनी के ऋणदाता अब एयरलाइन के नए मालिक हैं और उनके पास इसकी 51 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी है. वित्तीय संकट की वजह से जेट एयरवेज को अपने 80 विमान खड़े करने पड़े हैं. गोयल ने कर्मचारियों को लिखा कि वह और उनकी पत्नी अनिता दोनों तुरंत प्रभाव से जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से हट रहे हैं.

(भाषा)

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मेरे लिए कोई भी बलिदान जेट एयरवेज के हितों के संरक्षण से बड़ा नहीं : गोयल

मुंबई: कर्ज निपटान योजना के तहत नरेश गोयल ने जेट एयरवेज के चेयरमैन का पद छोड़ दिया है. यह पद छोड़ते हुए गोयल ने सोमवार को कहा कि उनके लिए कोई भी बलिदान एयरलाइन और उसके 22,000 कर्मचारियों के परिवारों के हितों के संरक्षण से बड़ा नहीं है. गोयल पिछले 25 साल से परिचालन कर रही एयरलाइन के संस्थापक भी हैं. 

एयरलाइन की ओर से जारी बयान के अनुसार गोयल ने कहा, "उनके लिए कोई भी बलिदान एयरलाइन और उसके 22,000 कर्मचारियों के परिवारों के हितों के संरक्षण से बड़ा नहीं है. इन 22,000 कर्मचारियों तथा उनके परिवार की भलाई के लिए मैं जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे रहा हूं."

गोयल 1992 में कंपनी के चेयरमैन बने थे. गोयल ने कहा, "मेरा परिवार इस फैसले में मेरे साथ है. मुझे उम्मीद है कि आप मेरे फैसले का समर्थन करेंगे. आप सभी मुझे याद आएंगे."

'यह यात्रा का अंत नहीं, बिल्कुल नए अध्याय की शुरुआत है'

इसके बाद, नरेश गोयल ने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा है कि उनका कंपनी के निदेशक मंडल से हटने का फैसला यात्रा का अंत नहीं, बल्कि एक बिल्कुल नए अध्याय की शुरुआत है. गोयल और उनकी पत्नी अनीता ने सोमवार को एयरलाइन के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया. गोयल ने इस 25 साल पुरानी एयरलाइन के चेयरमैन का पद भी छोड़ दिया है. कर्मचारियों को लिखे भावनात्मक पत्र में गोयल ने कहा कि कंपनी के लिए ऋण पुनर्गठन योजना से एयरलाइन वित्तीय रूप से मजबूत हो सकेगी. 

कर्मचारियों को लिखे भावनात्मक पत्र में गोयल ने कहा कि कंपनी के लिए ऋण पुनर्गठन योजना से एयरलाइन वित्तीय रूप से मजबूत हो सकेगी. जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर कई सप्ताह से चल रही अटकलों के बीच उसके निदेशक मंडल ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में ऋणदाताओं के गठजोड़ की निपटान योजना को मंजूरी दे दी. 

कंपनी के ऋणदाता अब एयरलाइन के नए मालिक हैं और उनके पास इसकी 51 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी है. वित्तीय संकट की वजह से जेट एयरवेज को अपने 80 विमान खड़े करने पड़े हैं. गोयल ने कर्मचारियों को लिखा कि वह और उनकी पत्नी अनिता दोनों तुरंत प्रभाव से जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से हट रहे हैं.


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