मुंबई : पिछले चार साल से नकद धन के संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज ने अंतत: बुधवार को परिचालन अस्थायी तौर पर स्थगित करने की घोषणा की. पिछले ढाई दशक से भी अधिक समय से सेवाएं दे रही इस एयरलाइन ने कहा है कि आज ही मध्यरात्रि को अमृतसर से नयी दिल्ली की उसकी उड़ान के बाद उसका परिचालन फिलहाल बंद किया जा रहा है.
इस एयरलाइन के बैंकों के समूह ने उसे 400 करोड़ रुपये का आपतकालीन कर्ज देने से इनकार कर दिया. वित्तीय सहारे के अभाव में उसके प्रबंधकों को बची खुची सभी उड़ाने बंद करने का यह निर्णय लेना पड़ा. पट्टे के विमानों का किराया न चुका पाने के कारण उसकी उड़ानों की संख्या पहले ही बहुत सीमित रह गयी थी.
जेट एयरवेज ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा है, "हम अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने के लिये मजबूर हैं. एयरलाइन की आज मध्यरात्रि को आखिरी उड़ान का परिचालन होगा."
एयरलाइन ने कहा कि रिणदाता बैंक की ओर से उसे परिचालन में बनाये रखने के लिये जरूरी कर्ज देने से इनकार करने के बाद यह निर्णय लिया गया है. जेट एयरवेज ने कहा, "कर्जदाताओं और अन्य किसी भी स्रोत से आपातकालीन कोष उपलब्ध नहीं होने से ईंधन और दूसरी अहम सेवाओं का भुगतान नहीं कर पाने की वजह से एयरलाइन अपने परिचालन को जारी रखने में सक्षम नहीं हो पायेगी."
इस स्थिति को देखते हुये जेट एयरवेज की आखिरी उड़ान उड़ान समय सारिणी के मुताबिक 2230 बजे अमृतसर हवाईअड्डे से नयी दिल्ली के लिये उड़ान भरेगी. जेट एयरेवज की मंगलवार को हुई निदेशक मंडल की बैठक में प्रबंधन ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे को ऋणदाता बैंकों से 400 करोड़ रुपये का आपात कोष उपलब्ध कराने की आखिरी बार अपील करने के लिये प्राधिकृत कर दिया.
निदेशक मंडल ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांग स्वीकार नहीं की जाती है तो वह बुधवार को एयरलाइन के भविष्य को लेकर अंतिम फैसला ले सकते हैं. भारतीय स्टेट बैंक ने बैंकों के ऋणदाता समूह की ओर से कल देर रात जेट एयरवेज को सूचित कर दिया था कि वह एयरलाइन की अंतरिम कोष उपलब्ध कराने के आग्रह पर विचार करने में असमर्थ हैं. एयरलाइन ने अपने वक्तव्य में यह जानकारी दी है.
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