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जेट एयरवेज का परिचालन बुधवार आधी रात से हो रहा है अस्थायी तौर पर बंद

इस एयरलाइन के बैंकों के समूह ने उसे 400 करोड़ रुपये का आपतकालीन कर्ज देने से इनकार कर दिया. वित्तीय सहारे के अभाव में उसके प्रबंधकों को बची खुची सभी उड़ाने बंद करने का यह निर्णय लेना पड़ा. पट्टे के विमानों का किराया न चुका पाने के कारण उसकी उड़ानों की संख्या पहले ही बहुत सीमित रह गयी थी.

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Published : Apr 17, 2019, 7:39 PM IST

Updated : Apr 17, 2019, 9:39 PM IST

मुंबई : पिछले चार साल से नकद धन के संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज ने अंतत: बुधवार को परिचालन अस्थायी तौर पर स्थगित करने की घोषणा की. पिछले ढाई दशक से भी अधिक समय से सेवाएं दे रही इस एयरलाइन ने कहा है कि आज ही मध्यरात्रि को अमृतसर से नयी दिल्ली की उसकी उड़ान के बाद उसका परिचालन फिलहाल बंद किया जा रहा है.

इस एयरलाइन के बैंकों के समूह ने उसे 400 करोड़ रुपये का आपतकालीन कर्ज देने से इनकार कर दिया. वित्तीय सहारे के अभाव में उसके प्रबंधकों को बची खुची सभी उड़ाने बंद करने का यह निर्णय लेना पड़ा. पट्टे के विमानों का किराया न चुका पाने के कारण उसकी उड़ानों की संख्या पहले ही बहुत सीमित रह गयी थी.

जेट एयरवेज ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा है, "हम अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने के लिये मजबूर हैं. एयरलाइन की आज मध्यरात्रि को आखिरी उड़ान का परिचालन होगा."

एयरलाइन ने कहा कि रिणदाता बैंक की ओर से उसे परिचालन में बनाये रखने के लिये जरूरी कर्ज देने से इनकार करने के बाद यह निर्णय लिया गया है. जेट एयरवेज ने कहा, "कर्जदाताओं और अन्य किसी भी स्रोत से आपातकालीन कोष उपलब्ध नहीं होने से ईंधन और दूसरी अहम सेवाओं का भुगतान नहीं कर पाने की वजह से एयरलाइन अपने परिचालन को जारी रखने में सक्षम नहीं हो पायेगी."

इस स्थिति को देखते हुये जेट एयरवेज की आखिरी उड़ान उड़ान समय सारिणी के मुताबिक 2230 बजे अमृतसर हवाईअड्डे से नयी दिल्ली के लिये उड़ान भरेगी. जेट एयरेवज की मंगलवार को हुई निदेशक मंडल की बैठक में प्रबंधन ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे को ऋणदाता बैंकों से 400 करोड़ रुपये का आपात कोष उपलब्ध कराने की आखिरी बार अपील करने के लिये प्राधिकृत कर दिया.

निदेशक मंडल ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांग स्वीकार नहीं की जाती है तो वह बुधवार को एयरलाइन के भविष्य को लेकर अंतिम फैसला ले सकते हैं. भारतीय स्टेट बैंक ने बैंकों के ऋणदाता समूह की ओर से कल देर रात जेट एयरवेज को सूचित कर दिया था कि वह एयरलाइन की अंतरिम कोष उपलब्ध कराने के आग्रह पर विचार करने में असमर्थ हैं. एयरलाइन ने अपने वक्तव्य में यह जानकारी दी है.

ये भी पढ़ें : पीएंडडब्ल्यू इंजन के मुद्दे पर इंडिगो के मुख्य परिचालन अधिकारी को डीजीसीए ने भेजा नोटिस

मुंबई : पिछले चार साल से नकद धन के संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज ने अंतत: बुधवार को परिचालन अस्थायी तौर पर स्थगित करने की घोषणा की. पिछले ढाई दशक से भी अधिक समय से सेवाएं दे रही इस एयरलाइन ने कहा है कि आज ही मध्यरात्रि को अमृतसर से नयी दिल्ली की उसकी उड़ान के बाद उसका परिचालन फिलहाल बंद किया जा रहा है.

इस एयरलाइन के बैंकों के समूह ने उसे 400 करोड़ रुपये का आपतकालीन कर्ज देने से इनकार कर दिया. वित्तीय सहारे के अभाव में उसके प्रबंधकों को बची खुची सभी उड़ाने बंद करने का यह निर्णय लेना पड़ा. पट्टे के विमानों का किराया न चुका पाने के कारण उसकी उड़ानों की संख्या पहले ही बहुत सीमित रह गयी थी.

जेट एयरवेज ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा है, "हम अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने के लिये मजबूर हैं. एयरलाइन की आज मध्यरात्रि को आखिरी उड़ान का परिचालन होगा."

एयरलाइन ने कहा कि रिणदाता बैंक की ओर से उसे परिचालन में बनाये रखने के लिये जरूरी कर्ज देने से इनकार करने के बाद यह निर्णय लिया गया है. जेट एयरवेज ने कहा, "कर्जदाताओं और अन्य किसी भी स्रोत से आपातकालीन कोष उपलब्ध नहीं होने से ईंधन और दूसरी अहम सेवाओं का भुगतान नहीं कर पाने की वजह से एयरलाइन अपने परिचालन को जारी रखने में सक्षम नहीं हो पायेगी."

इस स्थिति को देखते हुये जेट एयरवेज की आखिरी उड़ान उड़ान समय सारिणी के मुताबिक 2230 बजे अमृतसर हवाईअड्डे से नयी दिल्ली के लिये उड़ान भरेगी. जेट एयरेवज की मंगलवार को हुई निदेशक मंडल की बैठक में प्रबंधन ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे को ऋणदाता बैंकों से 400 करोड़ रुपये का आपात कोष उपलब्ध कराने की आखिरी बार अपील करने के लिये प्राधिकृत कर दिया.

निदेशक मंडल ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांग स्वीकार नहीं की जाती है तो वह बुधवार को एयरलाइन के भविष्य को लेकर अंतिम फैसला ले सकते हैं. भारतीय स्टेट बैंक ने बैंकों के ऋणदाता समूह की ओर से कल देर रात जेट एयरवेज को सूचित कर दिया था कि वह एयरलाइन की अंतरिम कोष उपलब्ध कराने के आग्रह पर विचार करने में असमर्थ हैं. एयरलाइन ने अपने वक्तव्य में यह जानकारी दी है.

ये भी पढ़ें : पीएंडडब्ल्यू इंजन के मुद्दे पर इंडिगो के मुख्य परिचालन अधिकारी को डीजीसीए ने भेजा नोटिस

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मुंबई : बैंकों द्वारा ऋण संकट में फंसी जेट एयरवेज को 400 करोड़ रुपये की आपात ऋण सहायता देने से इनकार करने के बाद अब कंपनी के पास अस्थायी तौर पर परिचालन बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.

बैंकों ने 25 मार्च को समाधान योजना के तहत एयरलाइन कंपनी में 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की बात कही थी. हालांकि, यह काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है.

वहीं, किराये का भुगतान नहीं करने पाने की वजह से जेट एयरवेज को एक के बाद कई विमान खड़े करने पर मजबूर होना पड़ा है. मंगलवार तक उसके सिर्फ पांच विमान परिचालन के लिए बचे रह गए थे. कंपनी के निदेशक मंडल ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे को भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाली ऋणदाताओं की समिति से 400 करोड़ रुपये की आपात ऋण सहायता की आखिरी अपील करने के अधिकृत किया था.

बैंकिंग सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया, "जेट एयरवेज प्रबंधन की 400 करोड़ रुपये की आपात ऋण सहायता की मांग को खारिज कर दिया गया है." जेट एयरवेज के एक सूत्र ने यह भी कहा कि बैंकों की ओर से जरूरी वित्तीय सहायता नहीं देने से एयरलाइन जल्द ही बंद होने की आशंका है.

उन्होंने कहा, "एयरलाइन कंपनी परिचालन जारी रखने के लिए जरूरी पूंजी जुटाने में नाकाम रही है." सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने जेट एयरवेज के मामले को बैंकों का व्यावसायिक फैसला बताते हुए इस मामले से दूरी बना रखी है.

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Last Updated : Apr 17, 2019, 9:39 PM IST
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