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जेल में ही रहेंगे नीरव मोदी, कोर्ट ने न्यायिक हिरासत 11 नवंबर तक बढ़ाई - Nirav Modi further remanded in custody in UK

मामले की सुनवाई करते हुए जज नीना टेम्पिया ने नीरव मोदी को 11 नवंबर तक के लिए हिरासत बढ़ा दी है.

कोर्ट ने नीरव मोदी की न्यायिक हिरासत 11 नवंबर तक बढ़ाई
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Published : Oct 17, 2019, 5:14 PM IST

Updated : Oct 17, 2019, 7:19 PM IST

लंदन: ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को 11 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में रखने का गुरुवार को आदेश दिया. हिरासत की नियमित सुनवाई के लिए लंदन की जेल से विडियो लिंक के जरिए अदालत में उसकी पेशी हुई.

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की न्यायाधीश नीना तेम्पिया ने पुष्टि की कि मोदी के प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई अगले साल 11 से 15 मई के बीच होनी है और उसे हर 28 दिन में अंतिम समीक्षा सुनवाई के लिए विडियो लिंक के जरिए पेश होना होगा जब तक कि अगली फरवरी से मुकदमा शुरू नहीं हो जाता.

ये भी पढ़ें- पीएमसी बैंक घोटाला: पूर्व निदेशक को 22 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत

पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी करने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में नीरव मोदी को भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के मामले के संबंध में यह सुनवाई चल रही है. नीरव मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों ने 19 मार्च को गिरफ्तार किया था और वह तब से ही दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है.

सॉलिसीटर आनंद दूबे और बैरिस्टर क्लेयर मोंटगोमरी के नेतृत्व में उसकी कानूनी टीम ने उसकी गिरफ्तारी के बाद से चार जमानत याचिकाएं दायर की जिसे हर बार खारिज कर दिया गया. कोर्ट में इसके खिलाफ यह दलील दी गई कि नीरव फरार हो सकता है.

लंदन: ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को 11 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में रखने का गुरुवार को आदेश दिया. हिरासत की नियमित सुनवाई के लिए लंदन की जेल से विडियो लिंक के जरिए अदालत में उसकी पेशी हुई.

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की न्यायाधीश नीना तेम्पिया ने पुष्टि की कि मोदी के प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई अगले साल 11 से 15 मई के बीच होनी है और उसे हर 28 दिन में अंतिम समीक्षा सुनवाई के लिए विडियो लिंक के जरिए पेश होना होगा जब तक कि अगली फरवरी से मुकदमा शुरू नहीं हो जाता.

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पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी करने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में नीरव मोदी को भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के मामले के संबंध में यह सुनवाई चल रही है. नीरव मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों ने 19 मार्च को गिरफ्तार किया था और वह तब से ही दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है.

सॉलिसीटर आनंद दूबे और बैरिस्टर क्लेयर मोंटगोमरी के नेतृत्व में उसकी कानूनी टीम ने उसकी गिरफ्तारी के बाद से चार जमानत याचिकाएं दायर की जिसे हर बार खारिज कर दिया गया. कोर्ट में इसके खिलाफ यह दलील दी गई कि नीरव फरार हो सकता है.

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कोर्ट ने नीरव मोदी की न्यायिक हिरासत 11 नवंबर तक बढ़ाई

लंदन: भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में रिमांड की नियमित सुनवाई के लिए वीडियो लिंक के जरिए बृहस्पतिवार को पेशी हुई. मामले की सुनवाई करते हुए जज नीना टेम्पिया ने नीरव मोदी को 11 नवंबर तक के लिए हिरासत बढ़ा दी है.

बता दें कि करीब दो अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी एवं धन शोधन के आरोप में नीरव मोदी को भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के मामले के संबंध में यह सुनवाई चल रही है.

उसे मई 2020 में प्रत्यर्पण मामले की पूर्ण सुनवाई होने तक न्यायिक हिरासत में रहना है और मुकदमे में अगले साल फरवरी में केस मैनेजमेंट सुनवाई शुरू किए जाने तक उसे पेशी के लिए बुलाए जाने पर नियमित रूप से आना होगा.

सितंबर में लंदन में मजिस्ट्रेट अदालत में हुई पिछली कॉल-ओवर सुनवाई में न्यायाधीश डेविड रॉबिनसन ने मोदी से कहा था कि इसमें कुछ भी ठोस नहीं है जिसे सुना जाए. अदालत 11 से 15 मई 2020 तक चलने वाली प्रत्यर्पण मुकदमे की सुनवाई पर काम कर रही है.

इस संक्षिप्त सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों का एक दल मौजूद था. ब्रिटेन के कानून के तहत प्रत्यर्पण मुकदमा लंबित रहने तक हर 28 दिन में ऐसी सुनवाई करना जरूरी है.

नीरव मोदी मार्च में अपनी गिरफ्तारी के बाद से दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में बंद है.

 


Conclusion:
Last Updated : Oct 17, 2019, 7:19 PM IST
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