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NCLAT ट्विन स्टार की अधिग्रहण बोली के खिलाफ धूत की याचिका पर सुनवाई को राजी

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Published : Sep 11, 2021, 6:38 PM IST

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने वीडियोकॉन समूह के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक वेणुगोपाल धूत की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. जानिए क्या है पूरा मामला.

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नई दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने अनिल अग्रवाल की ट्विन स्टार कंपनी की अधिग्रहण बोली के खिलाफ वीडियोकॉन समूह के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक वेणुगोपाल धूत की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है.

वेणुगोपाल ने ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज को वीडियोकॉन समूह की 13 कंपनियों के लिए 2,962 करोड़ रुपये की अधिग्रहण बोली को मंजूरी देने वाले राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश को चुनौती दी थी.

न्यायाधिकरण ने इस मामले में समाधान पेशेवर, ऋणदाताओं और ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज को नोटिस जारी कर 17 सितंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया है. एनसीएलएटी ने कहा, 'हमने अलग-अलग पक्षों की दलीलों पर विचार किया है. अपील स्वीकार कर ली गई है और प्रतिवादियों को 15 सितंबर, 2021 तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. वहीं 17 सितंबर, 2021 तक प्रत्युत्तर दाखिल किया जा सकता है.'

न्यायमूर्ति जेके जैन और न्यायमूर्ति एके मिश्रा की दो सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को 20 सितंबर, 2021 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. इससे पहले नौ जून, 2021 को एनसीएलएटी की मुंबई पीठ ने कर्ज में डूबे वीडियोकॉन समूह की 13 कंपनियों के लिए ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज द्वारा 2,962 करोड़ रुपये की अधिग्रहण बोली को मंजूरी दी थी.

समूह के दो असंतुष्ट लेनदारों बैंक ऑफ महाराष्ट्र तथा आईएफसीआई लि. द्वारा दायर याचिकाओं पर हालांकि अपीलीय न्यायाधिकरण यानी एनसीएलएटी ने 19 जुलाई को एनसीएलटी के आदेश पर रोक लगा दी थी. इस हफ्ते की शुरुआत में सात सितंबर को एनसीएलएटी ने रोक की अवधि 20 सितंबर तक बढ़ा दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई इसी दिन होनी है.

वहीं धूत ने एनसीएलएटी के समक्ष दायर अपनी याचिका में एनसीएलटी की मुंबई पीठ द्वारा पारित आदेश को रद्द करने का आग्रह किया है. उन्होंने ऋणदाताओं को दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की धारा 12 के तहत उनके द्वारा प्रस्तुत 31,789 करोड़ रुपये की समाधान योजना पर भी विचार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है.

पढ़ें- वीडियोकॉन मामला : बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी दीपक कोचर को जमानत

उन्होंने अपनी याचिका में समाधान पेशेवर की भूमिका पर भी सवाल उठाया है और कहा है कि उन्हें सभी बोलीदाताओं को सूचना ज्ञापन (निविदा फॉर्म) में वीडियोकॉन समूह की विदेशी तेल और गैस संपत्तियों का उल्लेख करना चाहिए था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने अनिल अग्रवाल की ट्विन स्टार कंपनी की अधिग्रहण बोली के खिलाफ वीडियोकॉन समूह के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक वेणुगोपाल धूत की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है.

वेणुगोपाल ने ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज को वीडियोकॉन समूह की 13 कंपनियों के लिए 2,962 करोड़ रुपये की अधिग्रहण बोली को मंजूरी देने वाले राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश को चुनौती दी थी.

न्यायाधिकरण ने इस मामले में समाधान पेशेवर, ऋणदाताओं और ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज को नोटिस जारी कर 17 सितंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया है. एनसीएलएटी ने कहा, 'हमने अलग-अलग पक्षों की दलीलों पर विचार किया है. अपील स्वीकार कर ली गई है और प्रतिवादियों को 15 सितंबर, 2021 तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. वहीं 17 सितंबर, 2021 तक प्रत्युत्तर दाखिल किया जा सकता है.'

न्यायमूर्ति जेके जैन और न्यायमूर्ति एके मिश्रा की दो सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को 20 सितंबर, 2021 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. इससे पहले नौ जून, 2021 को एनसीएलएटी की मुंबई पीठ ने कर्ज में डूबे वीडियोकॉन समूह की 13 कंपनियों के लिए ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज द्वारा 2,962 करोड़ रुपये की अधिग्रहण बोली को मंजूरी दी थी.

समूह के दो असंतुष्ट लेनदारों बैंक ऑफ महाराष्ट्र तथा आईएफसीआई लि. द्वारा दायर याचिकाओं पर हालांकि अपीलीय न्यायाधिकरण यानी एनसीएलएटी ने 19 जुलाई को एनसीएलटी के आदेश पर रोक लगा दी थी. इस हफ्ते की शुरुआत में सात सितंबर को एनसीएलएटी ने रोक की अवधि 20 सितंबर तक बढ़ा दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई इसी दिन होनी है.

वहीं धूत ने एनसीएलएटी के समक्ष दायर अपनी याचिका में एनसीएलटी की मुंबई पीठ द्वारा पारित आदेश को रद्द करने का आग्रह किया है. उन्होंने ऋणदाताओं को दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की धारा 12 के तहत उनके द्वारा प्रस्तुत 31,789 करोड़ रुपये की समाधान योजना पर भी विचार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है.

पढ़ें- वीडियोकॉन मामला : बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी दीपक कोचर को जमानत

उन्होंने अपनी याचिका में समाधान पेशेवर की भूमिका पर भी सवाल उठाया है और कहा है कि उन्हें सभी बोलीदाताओं को सूचना ज्ञापन (निविदा फॉर्म) में वीडियोकॉन समूह की विदेशी तेल और गैस संपत्तियों का उल्लेख करना चाहिए था.

(पीटीआई-भाषा)

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