नई दिल्ली: देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख और देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ने सोमवार को कहा कि देश को 'आत्मनिर्भर' बनाने के लिए विनिर्माण पर जोर देना होगा.
उदारवाद से पहले के दौर का जिक्र करते हुए अंबानी ने कहा, "एक समय ऐसा भी था जब देश की सरकार ने रिलायंस पर उसकी लाइसेंस क्षमता से ज्यादा उत्पादन करने के लिए जुर्माना लगाया था. लेकिन 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद से भारत विनिर्माण बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दे रहा है."
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उन्होंने कहा, "आज हम जो कुछ भी करते हैं वह सब अधिक से अधिक उत्पादन करने से जुडा है. यह दिखाता है कि हमारी सोच में कितना अंतर आया है." अंबानी ने कहा, "जिस तरह से हमारे पास प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्टार्टअप हैं. मेरा मानना है कि अब भारत लघु और मध्यम उद्योगों को समर्थन देने के लिए पूरी तरह तैयार है. अब हमें इस क्षेत्र में असली स्टार्टअप की जरूरत है."
उन्होंने कहा, "अभी तक हमने जितना ज्यादा 'क्लिक' (प्रौद्योगिकी या ऑनलाइन स्टार्टअप) के बारे में सोचा है अब उतना ही हमें 'ब्रिक' (विनिर्माण कारखाना स्टार्टअप) के बारे में दिमाग लगाने की जरूरत है." वह एन. के. सिंह की किताब 'पोट्रेट्स ऑफ पावर' के विमोचन पर बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि उनके पिता धीरूभाई अंबानी ने बहुत पहले एक सवाल पूछा था कि क्या कभी भारतीय एक-दूसरे से पोस्टकार्ड से भी कम कीमत पर बात कर पाएंगे? जियो उनके इसी प्रश्न का उत्तर है.
अंबानी ने कहा, "मेरे पिता एक विद्यालय के मास्टर के बेटे थे जो 1960 में 1,000 रुपये के साथ 'भारतीय स्वप्न' लेकर मुंबई आए. साथ लाए एक भरोसा कि यदि आप भविष्य के किसी कारोबार और प्रतिभा में निवेश करते हैं तो हम खुद का 'भारतीय स्वप्न' बना सकते हैं. इसी भरोसे के साथ हमने दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में एक को बनाया है."
रिलायंस इंडस्ट्रीज ऊर्जा, कपड़ा, दूरसंचार और खुदरा उद्योग में काम करती है. धीरूभाई की स्थापित रिलायंस इंडस्ट्रीज कंपनी आज देश की सबसे मूल्यवान कंपनी है.
मुकेश अंबानी ने कहा, " 90 के दशक के सुधार होने तक हमें हर 10,000-20,000 या 30,000 टन पॉलिएस्टर उत्पादन क्षमता के लिए संघर्ष करना पड़ता था. और अब हम दुनिया के दो सबसे बड़े पॉलिएस्टर विनिर्माता में से एक हैं." उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट के दौरान भी हम बिल्कुल संक्षिप्त उपलब्ध समय में निजी सुरक्षा किट (पीपीई) बनाने में सक्षम रहे.
(पीटीआई-भाषा)