नई दिल्ली: पिछले पांच साल से एक दूसरे के खिलाफ विवाद में उलझे मैकडोनाल्ड और विक्रम बक्शी ने सोमवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) को बताया कि वह आपसी विवाद को अदालत से बाहर निपटाने की दिशा में काम कर रहे हैं.
एनसीएलएटी के चेयरपर्सन एस जे मुखोपाध्याय के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय पीठ के समक्ष मैकडोनाल्ड इंडिया प्रा. लिमिटेड के अधिवक्ता और विक्रम बक्शी के वकील ने कहा कि वह आपसी विवाद निपटाने की दिशा में काम कर रहे हैं. पीठ ने दोनों पक्ष में से किसी एक को विवाद निपटान की शर्तों के साथ हलफनामा दायर करने को कहा.
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पीठ ने कहा कि 13 मई को होने वाली अगली सुनवाई में यह हलफनामा दायर किया जाना चाहिये. मैकडोनाल्ड और बक्शी ने 1995 में एक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किये. यह समझौता भारत में अमेरिका की इस फास्ट फूड कंपनी के बिक्री केन्द्र खोलने के बारे में किया गया.
समझौता 25 साल के अवधि के लिये किया गया. दोनों भागीदारों ने 'कनाट प्लाजा रेस्टारेंट लिमिटेड' (सीपीआरएल) नाम से बराबर-बराबर भागीदारी वाला संयुक्त उद्यम बनाया. इस संयुक्त उद्यम कंपनी को मैकडोनाल्ड के नाम से देश के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र में बिक्री केन्द्र खोलने का जिम्मा दिया गया.
वर्ष 2017 में रॉयल्टी नहीं मिलने पर मैकडोनाल्ड ने सीपीआरएल के साथ समझौता निरस्त कर दिया. लंबी चली कानूनी लड़ाई के बाद बक्शी का उत्तर और पूर्वी भारत के 165 मैकडोनाल्ड ब्रांड के रेस्त्रां पर कब्जा बरकरार रहा. जबकि दक्षिण और पश्चिमी भारत में मैकडोनाल्ड नाम से कारोबार चलाने का ठेका अमित जतिया के नेतृत्व वाले वेस्टलाइफ डेवलपमेंट के पास है.
मैकडोनाल्ड और बक्शी के बीच खींचतान की शुरुआत तब हुई जब 2013 में बक्शी को सीपीआरएल के प्रबंध निदेशक के पद से हटा दिया गया. इसके बाद बक्शी एनसीएलटी पहुंच गये जहां से उन्हें फिर से पद पर बिठा दिया गया. इसके बाद मैकडोनाल्ड ने उनको पद पर बिठाने के फैसले को एनसीएलएटी में चुनौती दी.