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लक्ष्मी मित्तल ने छोटे भाई प्रमोद को एसटीसी का बकाया चुकाने में मदद की - स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन

यह एक सप्ताह में दूसरा मौका है जब एक अमीर बड़े भाई ने संकट से जूझ रहे छोटे भाई की मदद की है. पिछले सप्ताह ही सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी ने अपने छोटे भाई अनिल अंबानी को स्वीडन की दूरसंचार उपकरण कंपनी एरिक्सन के बकाये का भुगतान कर उन्हें जेल जाने से बचाया है.

लक्ष्मी निवास मित्तल(फाइल फोटो)।
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Published : Mar 27, 2019, 8:37 AM IST

नई दिल्ली : इस्पात क्षेत्र के दिग्गज कारोबारी लक्ष्मी निवास मित्तल ने नकदी संकट से जूझ रहे अपने छोटे भाई प्रमोद की स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एसटीसी) का बकाया चुकाने में मदद की है. इससे प्रमोद को कानूनी संकट से बचने में मदद मिली है.

यह एक सप्ताह में दूसरा मौका है जब एक अमीर बड़े भाई ने संकट से जूझ रहे छोटे भाई की मदद की है. पिछले सप्ताह ही सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी ने अपने छोटे भाई अनिल अंबानी को स्वीडन की दूरसंचार उपकरण कंपनी एरिक्सन के बकाये का भुगतान कर उन्हें जेल जाने से बचाया है.

ग्लोबल स्टील होल्डिंग के मालिक प्रमोद कुमार मित्तल (57) ने उनके 2,210 करोड़ रुपये के बकाये के भुगतान में उल्लेखनीय हिस्से को पूरा करने में मदद के लिए आभार जताया है. उन्होंने कहा, "मैं अपने भाई लक्ष्मी मित्तल का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे एसटीसी का बकाया चुकाने में मदद की. उनकी इस उदारता की वजह से उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन हो सका है."

मित्तल बंधुओं के बीच 1994 में कारोबार का विभाजन हो गया था. इसके बाद बड़े भाई दुनिया के सबसे बड़े इस्पात विनिर्माण कंपनी आर्सेलर मित्तल के प्रमुख बन गये. छोटे भाई प्रमोद मित्तल की कंपनियां ग्लोबल स्टील होल्डिंग्स लिमिटेड और ग्लोबल स्टील फिलिपींस इंक भारत की स्टेट ट्रेडिंग कारपोरेशन (एसटीसी) का बकाया चुकाने में असफल रही. इसके बाद सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी ने उनके खिलाफ कई मामले अदालत में दायर कर दिये.
यह भी पढ़ें : सेल ने भारतीय रेल को एलएचबी पहियों की आपूर्ति शुरू की, विदेशी मुद्रा की होगी बचत

नई दिल्ली : इस्पात क्षेत्र के दिग्गज कारोबारी लक्ष्मी निवास मित्तल ने नकदी संकट से जूझ रहे अपने छोटे भाई प्रमोद की स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एसटीसी) का बकाया चुकाने में मदद की है. इससे प्रमोद को कानूनी संकट से बचने में मदद मिली है.

यह एक सप्ताह में दूसरा मौका है जब एक अमीर बड़े भाई ने संकट से जूझ रहे छोटे भाई की मदद की है. पिछले सप्ताह ही सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी ने अपने छोटे भाई अनिल अंबानी को स्वीडन की दूरसंचार उपकरण कंपनी एरिक्सन के बकाये का भुगतान कर उन्हें जेल जाने से बचाया है.

ग्लोबल स्टील होल्डिंग के मालिक प्रमोद कुमार मित्तल (57) ने उनके 2,210 करोड़ रुपये के बकाये के भुगतान में उल्लेखनीय हिस्से को पूरा करने में मदद के लिए आभार जताया है. उन्होंने कहा, "मैं अपने भाई लक्ष्मी मित्तल का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे एसटीसी का बकाया चुकाने में मदद की. उनकी इस उदारता की वजह से उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन हो सका है."

मित्तल बंधुओं के बीच 1994 में कारोबार का विभाजन हो गया था. इसके बाद बड़े भाई दुनिया के सबसे बड़े इस्पात विनिर्माण कंपनी आर्सेलर मित्तल के प्रमुख बन गये. छोटे भाई प्रमोद मित्तल की कंपनियां ग्लोबल स्टील होल्डिंग्स लिमिटेड और ग्लोबल स्टील फिलिपींस इंक भारत की स्टेट ट्रेडिंग कारपोरेशन (एसटीसी) का बकाया चुकाने में असफल रही. इसके बाद सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी ने उनके खिलाफ कई मामले अदालत में दायर कर दिये.
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नई दिल्ली : इस्पात क्षेत्र के दिग्गज कारोबारी लक्ष्मी निवास मित्तल ने नकदी संकट से जूझ रहे अपने छोटे भाई प्रमोद की स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एसटीसी) का बकाया चुकाने में मदद की है. इससे प्रमोद को कानूनी संकट से बचने में मदद मिली है.

यह एक सप्ताह में दूसरा मौका है जब एक अमीर बड़े भाई ने संकट से जूझ रहे छोटे भाई की मदद की है. पिछले सप्ताह ही सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी ने अपने छोटे भाई अनिल अंबानी को स्वीडन की दूरसंचार उपकरण कंपनी एरिक्सन के बकाये का भुगतान कर उन्हें जेल जाने से बचाया है.

ग्लोबल स्टील होल्डिंग के मालिक प्रमोद कुमार मित्तल (57) ने उनके 2,210 करोड़ रुपये के बकाये के भुगतान में उल्लेखनीय हिस्से को पूरा करने में मदद के लिए आभार जताया है. उन्होंने कहा, "मैं अपने भाई लक्ष्मी मित्तल का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे एसटीसी का बकाया चुकाने में मदद की. उनकी इस उदारता की वजह से उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन हो सका है."

मित्तल बंधुओं के बीच 1994 में कारोबार का विभाजन हो गया था. इसके बाद बड़े भाई दुनिया के सबसे बड़े इस्पात विनिर्माण कंपनी आर्सेलर मित्तल के प्रमुख बन गये. छोटे भाई प्रमोद मित्तल की कंपनियां ग्लोबल स्टील होल्डिंग्स लिमिटेड और ग्लोबल स्टील फिलिपींस इंक भारत की स्टेट ट्रेडिंग कारपोरेशन (एसटीसी) का बकाया चुकाने में असफल रही. इसके बाद सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी ने उनके खिलाफ कई मामले अदालत में दायर कर दिये.

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