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जियो, वोडा-आइडिया, एयरटेल ने सरकार को 4,500 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम बकाया चुकाया - मुकेश अंबानी

दूरसंचार कंपनियां इस समय गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही हैं. इन कंपनियों ने पूर्व की नीलामियों में खरीदे गए स्पेक्ट्रम की किस्त के तहत यह भुगतान किया है. यह भुगतान 21 अक्टूबर को किया जाना था.

जियो, वोडा-आइडिया, एयरटेल ने सरकार को 4,500 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम बकाया चुकाया
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Published : Oct 22, 2019, 7:28 PM IST

नई दिल्ली: निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल ने दूरसंचार विभाग को 4,500 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम का बकाया चुका दिया है. सूत्रों ने बताया कि इन कंपनियों ने पिछले तीन से चार दिन में यह भुगतान किया है.

उल्लेखनीय है कि दूरसंचार कंपनियां इस समय गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही हैं. इन कंपनियों ने पूर्व की नीलामियों में खरीदे गए स्पेक्ट्रम की किस्त के तहत यह भुगतान किया है. यह भुगतान 21 अक्टूबर को किया जाना था.

मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो ने दूरसंचार विभाग को 1,133 करोड़ रुपये, वोडाफोन आइडिया ने 2,421 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल ने 977 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. कुल मिलाकर इन कंपनियों ने स्पेक्ट्रम के बकाये के रूप में दूरसंचार विभाग को 4,531 करोड़ रुपये चुकाये हैं.

ये भी पढ़ें: कोटक महिंद्रा बैंक का दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ 2,407.25 करोड़ रुपये रहा

इस बारे में रिलायंस जियो और एयरटेल को भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं मिला. वहीं वोडाफोन आइडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस तरह के मामलों पर टिप्पणी नहीं करती क्योंकि यह एक सामान्य कारोबारी प्रक्रिया है.

सरकार ने पिछले साल मार्च में दूरसंचार कंपनियों का राहत देते हुए स्पेक्ट्रम भुगतान की सालाना किस्त को 10 से बढ़ाकर 16 कर दिया था. उद्योग चूंकि वित्तीय दबाव से जूझ रहा है. ऐसे में वोडाफोन समूह के चेयरमैन गेरार्ड क्लिसटरली और मुख्य कार्यकारी निक रीड ने हाल में दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश से मुलाकात में स्पेक्ट्रम के भुगतान पर दो साल की रोक की मांग की थी.

दूरसंचार क्षेत्र इस समय शुल्कों में गिरावट से जूझ रहा है. रिलायंस जियो से मिल रही प्रतिस्पर्धा की वजह से दूरसंचार क्षेत्र का मुनाफा घट रहा है और उस पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है. उद्योग सरकार से राहत के लिए लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम शुल्क में कटौती तथा सरकार के पास अटके जीएसटी इनपुट कर क्रेडिट को जारी करने की मांग कर रहा है.

नई दिल्ली: निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल ने दूरसंचार विभाग को 4,500 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम का बकाया चुका दिया है. सूत्रों ने बताया कि इन कंपनियों ने पिछले तीन से चार दिन में यह भुगतान किया है.

उल्लेखनीय है कि दूरसंचार कंपनियां इस समय गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही हैं. इन कंपनियों ने पूर्व की नीलामियों में खरीदे गए स्पेक्ट्रम की किस्त के तहत यह भुगतान किया है. यह भुगतान 21 अक्टूबर को किया जाना था.

मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो ने दूरसंचार विभाग को 1,133 करोड़ रुपये, वोडाफोन आइडिया ने 2,421 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल ने 977 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. कुल मिलाकर इन कंपनियों ने स्पेक्ट्रम के बकाये के रूप में दूरसंचार विभाग को 4,531 करोड़ रुपये चुकाये हैं.

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इस बारे में रिलायंस जियो और एयरटेल को भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं मिला. वहीं वोडाफोन आइडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस तरह के मामलों पर टिप्पणी नहीं करती क्योंकि यह एक सामान्य कारोबारी प्रक्रिया है.

सरकार ने पिछले साल मार्च में दूरसंचार कंपनियों का राहत देते हुए स्पेक्ट्रम भुगतान की सालाना किस्त को 10 से बढ़ाकर 16 कर दिया था. उद्योग चूंकि वित्तीय दबाव से जूझ रहा है. ऐसे में वोडाफोन समूह के चेयरमैन गेरार्ड क्लिसटरली और मुख्य कार्यकारी निक रीड ने हाल में दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश से मुलाकात में स्पेक्ट्रम के भुगतान पर दो साल की रोक की मांग की थी.

दूरसंचार क्षेत्र इस समय शुल्कों में गिरावट से जूझ रहा है. रिलायंस जियो से मिल रही प्रतिस्पर्धा की वजह से दूरसंचार क्षेत्र का मुनाफा घट रहा है और उस पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है. उद्योग सरकार से राहत के लिए लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम शुल्क में कटौती तथा सरकार के पास अटके जीएसटी इनपुट कर क्रेडिट को जारी करने की मांग कर रहा है.

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नई दिल्ली: निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल ने दूरसंचार विभाग को 4,500 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम का बकाया चुका दिया है. सूत्रों ने बताया कि इन कंपनियों ने पिछले तीन से चार दिन में यह भुगतान किया है.

उल्लेखनीय है कि दूरसंचार कंपनियां इस समय गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही हैं. इन कंपनियों ने पूर्व की नीलामियों में खरीदे गए स्पेक्ट्रम की किस्त के तहत यह भुगतान किया है. यह भुगतान 21 अक्टूबर को किया जाना था.

मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो ने दूरसंचार विभाग को 1,133 करोड़ रुपये, वोडाफोन आइडिया ने 2,421 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल ने 977 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. कुल मिलाकर इन कंपनियों ने स्पेक्ट्रम के बकाये के रूप में दूरसंचार विभाग को 4,531 करोड़ रुपये चुकाये हैं.

इस बारे में रिलायंस जियो और एयरटेल को भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं मिला. वहीं वोडाफोन आइडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस तरह के मामलों पर टिप्पणी नहीं करती क्योंकि यह एक सामान्य कारोबारी प्रक्रिया है.

सरकार ने पिछले साल मार्च में दूरसंचार कंपनियों का राहत देते हुए स्पेक्ट्रम भुगतान की सालाना किस्त को 10 से बढ़ाकर 16 कर दिया था. उद्योग चूंकि वित्तीय दबाव से जूझ रहा है. ऐसे में वोडाफोन समूह के चेयरमैन गेरार्ड क्लिसटरली और मुख्य कार्यकारी निक रीड ने हाल में दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश से मुलाकात में स्पेक्ट्रम के भुगतान पर दो साल की रोक की मांग की थी.

दूरसंचार क्षेत्र इस समय शुल्कों में गिरावट से जूझ रहा है. रिलायंस जियो से मिल रही प्रतिस्पर्धा की वजह से दूरसंचार क्षेत्र का मुनाफा घट रहा है और उस पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है. उद्योग सरकार से राहत के लिए लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम शुल्क में कटौती तथा सरकार के पास अटके जीएसटी इनपुट कर क्रेडिट को जारी करने की मांग कर रहा है.

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