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जेट कर्मचारियों की मेडीक्लेम सुविधा बंद

एयरलाइन के मुख्य लोक अधिकारी राहुल तनेजा ने अपने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा कि कर्जदाताओं से किसी प्रकार की आपातकालीन निधि नहीं प्राप्त होने के कारण हम ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं कि मेडीक्लेम पॉलिसी के प्रीमियम भर पाने में असमर्थ हैं.

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Published : Apr 30, 2019, 5:55 PM IST

नई दिल्ली : गंभीर नकदी संकट से जूझ रही बंद पड़ी विमानन कंपनी, जेट एयरवेज ने अपने कर्मचारियों को सूचित किया है कि वह ग्रुप मेडिकल पॉलिसी के प्रीमियम भरने की स्थिति में नहीं है. कंपनी ने कर्मचारियों को सलाह दी है कि वे अपनी पसंद की निजी पॉलिसी ले लें.

एयरलाइन के मुख्य लोक अधिकारी राहुल तनेजा ने अपने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा, "कर्जदाताओं से किसी प्रकार की आपातकालीन निधि नहीं प्राप्त होने के कारण हम ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं कि मेडीक्लेम पॉलिसी के प्रीमियम भर पाने में असमर्थ हैं."

उन्होंने कहा कि समूह मेडीक्लेम पॉलिसी 30 अप्रैल, 2019 की मध्य रात्रि में लैप्स हो जाएगी. यह हमारे वश में नहीं है, लेकिन हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है.

तनेजा ने हालांकि आशावादी दृष्टिकोण अपनाते हुए एयरलाइन के दोबारा चालू होने के संकेत दिए.

उन्होंने कहा, "हमने एयरलाइन को दोबारा चालू करने का प्रयास बंद नहीं किया है और कर्जदाताओं से बातचीत जारी है और बोली प्रक्रिया में हम उन्हें अपना समर्थन दे रहे हैं."

जेट एयरवेज के कर्जदाताओं ने एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) की अगुवाई में अपने 8,400 करोड़ रुपये कर्ज की वसूली के लिए एयरलाइन में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू की है. बंद हुई जेट एयरवेज को खरीदने की दौड़ में निजी इक्विटी फर्म टीपीजी कैपिटल, इंडिगो पार्टनर्स, नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रकचर फंड (एनआईआईएफ) और एतिहाद एयरवेज शामिल हैं.
ये भी पढ़ें : दिवालिया के बढ़ते मामलों को संभालने के लिए एसबीआई करेगी भर्तियां

नई दिल्ली : गंभीर नकदी संकट से जूझ रही बंद पड़ी विमानन कंपनी, जेट एयरवेज ने अपने कर्मचारियों को सूचित किया है कि वह ग्रुप मेडिकल पॉलिसी के प्रीमियम भरने की स्थिति में नहीं है. कंपनी ने कर्मचारियों को सलाह दी है कि वे अपनी पसंद की निजी पॉलिसी ले लें.

एयरलाइन के मुख्य लोक अधिकारी राहुल तनेजा ने अपने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा, "कर्जदाताओं से किसी प्रकार की आपातकालीन निधि नहीं प्राप्त होने के कारण हम ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं कि मेडीक्लेम पॉलिसी के प्रीमियम भर पाने में असमर्थ हैं."

उन्होंने कहा कि समूह मेडीक्लेम पॉलिसी 30 अप्रैल, 2019 की मध्य रात्रि में लैप्स हो जाएगी. यह हमारे वश में नहीं है, लेकिन हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है.

तनेजा ने हालांकि आशावादी दृष्टिकोण अपनाते हुए एयरलाइन के दोबारा चालू होने के संकेत दिए.

उन्होंने कहा, "हमने एयरलाइन को दोबारा चालू करने का प्रयास बंद नहीं किया है और कर्जदाताओं से बातचीत जारी है और बोली प्रक्रिया में हम उन्हें अपना समर्थन दे रहे हैं."

जेट एयरवेज के कर्जदाताओं ने एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) की अगुवाई में अपने 8,400 करोड़ रुपये कर्ज की वसूली के लिए एयरलाइन में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू की है. बंद हुई जेट एयरवेज को खरीदने की दौड़ में निजी इक्विटी फर्म टीपीजी कैपिटल, इंडिगो पार्टनर्स, नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रकचर फंड (एनआईआईएफ) और एतिहाद एयरवेज शामिल हैं.
ये भी पढ़ें : दिवालिया के बढ़ते मामलों को संभालने के लिए एसबीआई करेगी भर्तियां

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नई दिल्ली : गंभीर नकदी संकट से जूझ रही बंद पड़ी विमानन कंपनी, जेट एयरवेज ने अपने कर्मचारियों को सूचित किया है कि वह ग्रुप मेडिकल पॉलिसी के प्रीमियम भरने की स्थिति में नहीं है. कंपनी ने कर्मचारियों को सलाह दी है कि वे अपनी पसंद की निजी पॉलिसी ले लें.



आईएएनएस ने सबसे पहले 27 अप्रैल को यह खबर दी थी कि जेट कर्मचारियों को कंपनी द्वारा दी गई मेडीक्लेम पॉलिसी जारी रहेगी या नहीं, इस पर अनिश्चितता बरकरार है.



एयरलाइन के मुख्य लोक अधिकारी राहुल तनेजा ने अपने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा, "कर्जदाताओं से किसी प्रकार की आपातकालीन निधि नहीं प्राप्त होने के कारण हम ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं कि मेडीक्लेम पॉलिसी के प्रीमियम भर पाने में असमर्थ हैं."



उन्होंने कहा कि समूह मेडीक्लेम पॉलिसी 30 अप्रैल, 2019 की मध्य रात्रि में लैप्स हो जाएगी. यह हमारे वश में नहीं है, लेकिन हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है.



तनेजा ने हालांकि आशावादी दृष्टिकोण अपनाते हुए एयरलाइन के दोबारा चालू होने के संकेत दिए.



उन्होंने कहा, "हमने एयरलाइन को दोबारा चालू करने का प्रयास बंद नहीं किया है और कर्जदाताओं से बातचीत जारी है और बोली प्रक्रिया में हम उन्हें अपना समर्थन दे रहे हैं."



जेट एयरवेज के कर्जदाताओं ने एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) की अगुवाई में अपने 8,400 करोड़ रुपये कर्ज की वसूली के लिए एयरलाइन में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू की है. बंद हुई जेट एयरवेज को खरीदने की दौड़ में निजी इक्विटी फर्म टीपीजी कैपिटल, इंडिगो पार्टनर्स, नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रकचर फंड (एनआईआईएफ) और एतिहाद एयरवेज शामिल हैं.

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