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आईटीसी के चेयरमैन वाईसी देवेश्वर का हुआ निधन

आईटीसी समूह के अध्यक्ष वाई सी देवेश्वर का शनिवार की सुबह बीमारी की लंबी लड़ाई के बाद 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया.

आईटीसी के चेयरमैन वाईसी देवेश्वर का हुआ निधन
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Published : May 11, 2019, 12:42 PM IST

Updated : May 11, 2019, 4:32 PM IST

नयी दिल्ली: जाने माने उद्योगपति एवं आईटीसी कंपनी के चेयरमैन वाई.सी.देवेश्वर का शनिवार की सुबह निधन हो गया.

देवेश्वर (72) को सिगरेट बनाने वाली कंपनी आईटीसी को एफएमसीजी, हॉस्पिटलिटी, आईटी समेत विभिन्न क्षेत्रों की अग्रणी कंपनी बनाने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने 2017 में कंपनी के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद छोड़ा था. हालांकि, वह अभी भी गैर-कार्यकारी चेयरमैन बने हुए थे.

ये भी पढ़ें- टाइम: आर्थिक सुधार के लिए नरेंद्र मोदी भारत की आशा, लेकिन वादे निभाने में फेल

आईटीसी के प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने एक बयान में कहा, "आईटीसी के चेयरमैन वाई.सी.देवेश्वर के निधन पर हम गहरा दुख व्यक्त करते हैं."

पुरी ने कहा कि देवेश्वर ने पूरे उत्साह से टिकाउ एवं समावेशी विकास को आगे बढ़ाया तथा वृहतर सामाजिक मूल्य तैयार करने में अग्रणी भूमिका की वकालत की. इसी दृष्टिकोण ने आईटीसी को कारोबार के उस तरीके पर अग्रसर किया जो आज साठ लाख से अधिक लोगों के जीवनयापन में सहायक बना हुआ है. उनके पीछे परिवार में उनकी पत्नी तथा एक बेटा और बेटी हैं.

देवेश्वर 1968 में आईटीसी से जुड़े थे और 11 अप्रैल 1984 को निदेशक मंडल में निदेशक बनाये गये थे. वह एक जनवरी 1996 को कंपनी के मुख्य कार्यकारी एवं चेयरमैन बने.

वह देश की किसी भी कंपनी में सबसे लंबे समय तक कार्यकारी अधिकारी बने रहने वाले उद्योगपतियों में से एक हैं. जब 1990 के दशक के मध्य में वह कंपनी का कार्यभार संभाल रहे थे तब आईटीसी का राजस्व 5,200 करोड़ रुपये से कम था तथा कर पूर्व मुनाफा 452 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी का राजस्व 44,329.77 करोड़ रुपये तथा शुद्ध मुनाफा 11,223.25 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

पुरी ने कहा, "उनके नेतृत्व ने आईटीसी को एफएमसीजी, होटल, पेपरबोर्ड एवं पेपर, पैकेजिंग, कृषि कारोबार आदि में अग्रणी भूमिका के साथ शानदार पोर्टफोलियो वाली विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली कंपनी बना दिया."

देवेश्वर ने आईआईटी दिल्ली और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की थी. वह 1991 से 1994 के बीच एयर इंडिया के भी चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक रहे.

आईटीसी कंपनी में जब अगली पीढ़ी का नेतृत्व तैयार करने के लिये 2017 में कार्यकारी चेयरमैन पद को चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी में बांट दिया गया तब देवेश्वर गैर-कार्यकारी चेयरमैन बने रहे तथा संजीव पुरी की अगुवाई वाले कार्यकारी प्रबंधन के मार्गदर्शक की भूमिका निभाते रहे.

देवेश्वर को 2011 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था. वह रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के निदेशक, नेशनल फाउंडेशन फोर कॉरपोरेट गवर्नेंस के सदस्य तथा नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लायड इकोनॉमिक रिसर्च की संचालन समिति के भी सदस्य रह चुके हैं.

नयी दिल्ली: जाने माने उद्योगपति एवं आईटीसी कंपनी के चेयरमैन वाई.सी.देवेश्वर का शनिवार की सुबह निधन हो गया.

देवेश्वर (72) को सिगरेट बनाने वाली कंपनी आईटीसी को एफएमसीजी, हॉस्पिटलिटी, आईटी समेत विभिन्न क्षेत्रों की अग्रणी कंपनी बनाने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने 2017 में कंपनी के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद छोड़ा था. हालांकि, वह अभी भी गैर-कार्यकारी चेयरमैन बने हुए थे.

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आईटीसी के प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने एक बयान में कहा, "आईटीसी के चेयरमैन वाई.सी.देवेश्वर के निधन पर हम गहरा दुख व्यक्त करते हैं."

पुरी ने कहा कि देवेश्वर ने पूरे उत्साह से टिकाउ एवं समावेशी विकास को आगे बढ़ाया तथा वृहतर सामाजिक मूल्य तैयार करने में अग्रणी भूमिका की वकालत की. इसी दृष्टिकोण ने आईटीसी को कारोबार के उस तरीके पर अग्रसर किया जो आज साठ लाख से अधिक लोगों के जीवनयापन में सहायक बना हुआ है. उनके पीछे परिवार में उनकी पत्नी तथा एक बेटा और बेटी हैं.

देवेश्वर 1968 में आईटीसी से जुड़े थे और 11 अप्रैल 1984 को निदेशक मंडल में निदेशक बनाये गये थे. वह एक जनवरी 1996 को कंपनी के मुख्य कार्यकारी एवं चेयरमैन बने.

वह देश की किसी भी कंपनी में सबसे लंबे समय तक कार्यकारी अधिकारी बने रहने वाले उद्योगपतियों में से एक हैं. जब 1990 के दशक के मध्य में वह कंपनी का कार्यभार संभाल रहे थे तब आईटीसी का राजस्व 5,200 करोड़ रुपये से कम था तथा कर पूर्व मुनाफा 452 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी का राजस्व 44,329.77 करोड़ रुपये तथा शुद्ध मुनाफा 11,223.25 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

पुरी ने कहा, "उनके नेतृत्व ने आईटीसी को एफएमसीजी, होटल, पेपरबोर्ड एवं पेपर, पैकेजिंग, कृषि कारोबार आदि में अग्रणी भूमिका के साथ शानदार पोर्टफोलियो वाली विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली कंपनी बना दिया."

देवेश्वर ने आईआईटी दिल्ली और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की थी. वह 1991 से 1994 के बीच एयर इंडिया के भी चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक रहे.

आईटीसी कंपनी में जब अगली पीढ़ी का नेतृत्व तैयार करने के लिये 2017 में कार्यकारी चेयरमैन पद को चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी में बांट दिया गया तब देवेश्वर गैर-कार्यकारी चेयरमैन बने रहे तथा संजीव पुरी की अगुवाई वाले कार्यकारी प्रबंधन के मार्गदर्शक की भूमिका निभाते रहे.

देवेश्वर को 2011 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था. वह रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के निदेशक, नेशनल फाउंडेशन फोर कॉरपोरेट गवर्नेंस के सदस्य तथा नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लायड इकोनॉमिक रिसर्च की संचालन समिति के भी सदस्य रह चुके हैं.

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आईटीसी के चेयरमैन वाईसी देवेश्वर का हुआ निधन

कोलकाता: आईटीसी समूह के अध्यक्ष वाई सी देवेश्वर का शनिवार की सुबह बीमारी की लंबी लड़ाई के बाद 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर खबर पोस्ट की.

उन्होंने कहा, "वाई सी देवेश्वर जी के निधन से दुखी. वह कॉर्पोरेट जगत में एक दिग्गज थीं. उद्योग की एक प्रतिष्ठित कप्तान के रूप में उनके पास कई यादें हैं. उनके परिवार, उनके सहयोगियों और उनके प्रशंसकों के प्रति संवेदना."


Conclusion:
Last Updated : May 11, 2019, 4:32 PM IST
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