नई दिल्ली: आईडीबीआई बैंक को ईरान के साथ आयात और निर्यात से जुड़े लेनदेन को संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। सरकार ने इसके लिये बैंक को अनुमति दी है. ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच सरकार के इस कदम से द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी. सूत्रों के मुताबिक, भुगतान के लिए आईडीबीआई बैंक का चयन किया गया है.
इससे पहले जब ईरान पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाये थे तब रुपया लेनदेन के लिये यूको बैंक को जिममेदारी दी गई थी. भारत इससे पहले यूरोपीय बैंकिंग चैनल का इस्तेमाल करते हुये ईरान को यूरो में भुगतान कर रहा था लेकिन पिछले साल नवंबर से भुगतान के इन माध्यमों को भी बंद कर दिया गया.
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निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो ने कहा कि ईरान के साथ व्यापार में लेन देन की सुविधा के लिये बैंकों को मंजूरी दी जानी चाहिए. फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा, "इस कदम से यूको बैंक और आईडीबीआई बैंक के बीच खुद को ग्राहकों के अनुरूप बनाने की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू होगी और इससे निर्यातकों-आयातकों को लाभ मिलेगा."
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्ंरप ने पिछले साल मई में ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से अलग कर दिया था. इसके बाद ईरान के खिलाफ एक बार फिर से कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए गये. ईरान के खिलाफ कुछ प्रतिबंध अगस्त 2018 में लागू हो गये थे जबकि तेल और बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े प्रतिबंध चार नवंबर 2018 से अमल में आये.
सऊदी अरब और इराक के बाद भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाला ईरान तीसरा सबसे बड़ा देश है. वर्ष 2010-11 तक वह भारत का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता था, हालांकि, पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के चलते इसमें गिरावट आई. वर्ष 2013-14 और 2014-15 में भारत ने ईरान से क्रमश : 1.1 करोड़ टन और 1.09 करोड़ टन कच्चा तेल खरीदा था.
भारत और ईरान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2017-18 में बढ़कर 13.8 अरब डॉलर रहा, जो कि 2016-17 में 12.9 अरब डॉलर था. हालांकि, भारत का ईरान को निर्यात सिर्फ 2.5 अरब डॉलर का रहा.
(भाषा)
आईडीबीआई बैंक को मिली ईरान के साथ आयात, निर्यात लेनदेन संभालने की जिम्मेदारी: सूत्र - अमेरिका
ईरान पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाये थे तब रुपया लेनदेन के लिये यूको बैंक को जिममेदारी दी गई थी. भारत इससे पहले यूरोपीय बैंकिंग चैनल का इस्तेमाल करते हुये ईरान को यूरो में भुगतान कर रहा था लेकिन पिछले साल नवंबर से भुगतान के इन माध्यमों को भी बंद कर दिया गया.
नई दिल्ली: आईडीबीआई बैंक को ईरान के साथ आयात और निर्यात से जुड़े लेनदेन को संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। सरकार ने इसके लिये बैंक को अनुमति दी है. ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच सरकार के इस कदम से द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी. सूत्रों के मुताबिक, भुगतान के लिए आईडीबीआई बैंक का चयन किया गया है.
इससे पहले जब ईरान पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाये थे तब रुपया लेनदेन के लिये यूको बैंक को जिममेदारी दी गई थी. भारत इससे पहले यूरोपीय बैंकिंग चैनल का इस्तेमाल करते हुये ईरान को यूरो में भुगतान कर रहा था लेकिन पिछले साल नवंबर से भुगतान के इन माध्यमों को भी बंद कर दिया गया.
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निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो ने कहा कि ईरान के साथ व्यापार में लेन देन की सुविधा के लिये बैंकों को मंजूरी दी जानी चाहिए. फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा, "इस कदम से यूको बैंक और आईडीबीआई बैंक के बीच खुद को ग्राहकों के अनुरूप बनाने की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू होगी और इससे निर्यातकों-आयातकों को लाभ मिलेगा."
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्ंरप ने पिछले साल मई में ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से अलग कर दिया था. इसके बाद ईरान के खिलाफ एक बार फिर से कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए गये. ईरान के खिलाफ कुछ प्रतिबंध अगस्त 2018 में लागू हो गये थे जबकि तेल और बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े प्रतिबंध चार नवंबर 2018 से अमल में आये.
सऊदी अरब और इराक के बाद भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाला ईरान तीसरा सबसे बड़ा देश है. वर्ष 2010-11 तक वह भारत का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता था, हालांकि, पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के चलते इसमें गिरावट आई. वर्ष 2013-14 और 2014-15 में भारत ने ईरान से क्रमश : 1.1 करोड़ टन और 1.09 करोड़ टन कच्चा तेल खरीदा था.
भारत और ईरान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2017-18 में बढ़कर 13.8 अरब डॉलर रहा, जो कि 2016-17 में 12.9 अरब डॉलर था. हालांकि, भारत का ईरान को निर्यात सिर्फ 2.5 अरब डॉलर का रहा.
(भाषा)
आईडीबीआई बैंक को मिली ईरान के साथ आयात, निर्यात लेनदेन संभालने की जिम्मेदारी: सूत्र
नई दिल्ली: आईडीबीआई बैंक को ईरान के साथ आयात और निर्यात से जुड़े लेनदेन को संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। सरकार ने इसके लिये बैंक को अनुमति दी है. ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच सरकार के इस कदम से द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी. सूत्रों के मुताबिक, भुगतान के लिए आईडीबीआई बैंक का चयन किया गया है.
इससे पहले जब ईरान पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाये थे तब रुपया लेनदेन के लिये यूको बैंक को जिममेदारी दी गई थी. भारत इससे पहले यूरोपीय बैंकिंग चैनल का इस्तेमाल करते हुये ईरान को यूरो में भुगतान कर रहा था लेकिन पिछले साल नवंबर से भुगतान के इन माध्यमों को भी बंद कर दिया गया.
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निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो ने कहा कि ईरान के साथ व्यापार में लेन देन की सुविधा के लिये बैंकों को मंजूरी दी जानी चाहिए. फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा, "इस कदम से यूको बैंक और आईडीबीआई बैंक के बीच खुद को ग्राहकों के अनुरूप बनाने की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू होगी और इससे निर्यातकों-आयातकों को लाभ मिलेगा."
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्ंरप ने पिछले साल मई में ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से अलग कर दिया था. इसके बाद ईरान के खिलाफ एक बार फिर से कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए गये. ईरान के खिलाफ कुछ प्रतिबंध अगस्त 2018 में लागू हो गये थे जबकि तेल और बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े प्रतिबंध चार नवंबर 2018 से अमल में आये.
सऊदी अरब और इराक के बाद भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाला ईरान तीसरा सबसे बड़ा देश है. वर्ष 2010-11 तक वह भारत का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता था, हालांकि, पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के चलते इसमें गिरावट आई. वर्ष 2013-14 और 2014-15 में भारत ने ईरान से क्रमश : 1.1 करोड़ टन और 1.09 करोड़ टन कच्चा तेल खरीदा था.
भारत और ईरान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2017-18 में बढ़कर 13.8 अरब डॉलर रहा, जो कि 2016-17 में 12.9 अरब डॉलर था. हालांकि, भारत का ईरान को निर्यात सिर्फ 2.5 अरब डॉलर का रहा.
(भाषा)
Conclusion: