नई दिल्ली: हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड में सरकार अपनी हिस्सेदारी कम करने जा रही है. सरकार ऑफर फॉर सेल के जरिए 15 फीसदी हिस्सा बेचेगी. ये ऑफर फॉर सेल 27-28 अगस्त तक खुला रहेगा. इसके जरिये 5 हजार करोड़ रुपये जुटाने का प्लान है.
स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में बताया गया है कि ओएफएस के लिए फ्लोर प्राइस 1001 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है, जो कि मौजूदा शेयर बाजार के भाव से करीब 15 फीसदी कम है.
ओएफएस के जरिये सरकार ने 3,34,38,750 इक्विटी शेयर बेचने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें कंपनी की 10 फीसदी पेड-अप शेयर पूंजी है. इसके अतिरिक्त 5 फीसदी हिस्सेदारी यानी 1,67,19,375 इक्विटी शेयर बेचने का विकल्प है.
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ओएफएस के लिए आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्योरिटीज, एसबीआई कैप और येस सिक्योरिटीज (इंडिया) सेटलमेंट ब्रोकर के रूप में काम करेंगे. सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनी एचएएल में सरकार की हिस्सेदारी 89.97 प्रतिशत है. यह कंपनी को मार्च, 2018 में शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया गया था.
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स कंपनी वायुयान, हेलीकॉप्टर्स, एवियॉनिक्स, एक्सेसरीज और एयरोस्पेस स्ट्रक्चर बनाने का काम करती हैं.
एचएएल में सरकार की 89.97 प्रतिशत हिस्सेदारी है. प्रत्येक इक्विटी की फेस वेल्यू 10 रुपये है. सरकार ने सीपीएसई ईटीएफ के सातवें अंश के 16,500 करोड़ रुपये समेत अब तक 34,000 करोड़ रुपये अर्जित किए हैं. 55 साल पुरानी कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी 600 करोड़ रुपये है और 31 मार्च, 2019 तक इक्विटी पूंजी का भुगतान किया जा चुका है. बता दें कि एचएएल को जून 2007 में नवरत्न कंपनी का दर्जा मिला था.
शेयर में दिखी बड़ी गिरावट
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स में ओएफएस की खबर के बाद इसके शेयर 12 प्रतिशत तक गिर गए.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)