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सरकार ने भारती इंफ्राटेल के साथ इंडस टावर्स के विलय को मंजूरी दी : सूत्र - इंडस टावर्स

इस विलय के बाद बनने वाली संयुक्त कंपनी के पास देशभर में 1,63,000 से अधिक दूरसंचार टावर हो जाएंगे, जिनका परिचालन सभी 22 दूरसंचार सेवा क्षेत्रों में हो रहा है. विलय से बनने वाली संयुक्त कंपनी चीन को छोड़ शेष विश्व की सबसे बड़ी टावर कंपनी होगी.

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सरकार ने भारती इंफ्राटेल के साथ इंडस टावर्स के विलय को मंजूरी दी: सूत्र
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Published : Feb 22, 2020, 12:27 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 4:11 AM IST

नई दिल्ली : दूरसंचार विभाग ने देश की सबसे बड़ी मोबाइल टावर कंपनी इंडस टावर्स का भारती इंफ्राटेल के साथ विलय की शुक्रवार को मंजूरी दे दी. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

इस विलय के बाद बनने वाली संयुक्त कंपनी के पास देशभर में 1,63,000 से अधिक दूरसंचार टावर हो जाएंगे, जिनका परिचालन सभी 22 दूरसंचार सेवा क्षेत्रों में हो रहा है. विलय से बनने वाली संयुक्त कंपनी चीन को छोड़ शेष विश्व की सबसे बड़ी टावर कंपनी होगी.

एक आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई -भाषा से कहा, "दूरसंचार विभाग ने इंडस टावर्स के भारती इंफ्राटेल के साथ विलय को मंजूरी दे दी है"

योजना के अनुसार, संयुक्त कंपनी के पास भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स के कारोबार का पूर्ण स्वामित्व होगा. कंपनी का नाम बदलकर इंडस टावर्स लिमिटेड हो जायेगा और संयुक्त कंपनी घरेलू शेयर बाजारों में सूचीबद्धता जारी रखेगी.

ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने पीएनबी के पूर्व एमडी की संपत्ति फ्रीज करने के आदेश को पलटा

इस सौदे का समय पर पूरा होना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के लिये कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचकर पैसे जुटाने के विकल्प खुलेंगे.

इंडस टावर्स में अभी भारती इंफ्राटेल और वोडाफोन समूह की 42-42 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसमें वोडाफोन आइडिया की भी 11.15 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दूरसंचार विभाग ने देश की सबसे बड़ी मोबाइल टावर कंपनी इंडस टावर्स का भारती इंफ्राटेल के साथ विलय की शुक्रवार को मंजूरी दे दी. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

इस विलय के बाद बनने वाली संयुक्त कंपनी के पास देशभर में 1,63,000 से अधिक दूरसंचार टावर हो जाएंगे, जिनका परिचालन सभी 22 दूरसंचार सेवा क्षेत्रों में हो रहा है. विलय से बनने वाली संयुक्त कंपनी चीन को छोड़ शेष विश्व की सबसे बड़ी टावर कंपनी होगी.

एक आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई -भाषा से कहा, "दूरसंचार विभाग ने इंडस टावर्स के भारती इंफ्राटेल के साथ विलय को मंजूरी दे दी है"

योजना के अनुसार, संयुक्त कंपनी के पास भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स के कारोबार का पूर्ण स्वामित्व होगा. कंपनी का नाम बदलकर इंडस टावर्स लिमिटेड हो जायेगा और संयुक्त कंपनी घरेलू शेयर बाजारों में सूचीबद्धता जारी रखेगी.

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इस सौदे का समय पर पूरा होना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के लिये कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचकर पैसे जुटाने के विकल्प खुलेंगे.

इंडस टावर्स में अभी भारती इंफ्राटेल और वोडाफोन समूह की 42-42 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसमें वोडाफोन आइडिया की भी 11.15 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 2, 2020, 4:11 AM IST
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