नई दिल्ली: वेदांता ने सोमवार को कहा कि उसका पहला तैरता (फ्लोटिंग) हुआ सौर ऊर्जा संयंत्र अगले दो से तीन महीनों में पूरा हो जाएगा. प्रायोगिक परियोजना के रूपय में इसे राजस्थान में स्थापित किया जा रहा है.
कंपनी ने निवेशकों को दी जानकारी दी है कि वह अक्षय ऊर्जा पर जोर दे रही है और उसकी कंपनी हिंदुस्तान जिंक अगले दो-तीन महीनों में पहला तैरता हुआ सौर बिली संयंत्र पूरा कर सकती है.
सौर उपकरण बनाने वाली विक्रम सोलर ने इस साल की शुंरूआत में यह घोषणा की थी कि उसने हिंदुस्तान जिंक लि. के लिये एक मेगावाट क्षमता का तैरता हुआ सौर संयंत्र लगाने का ठेका हासिल किया है.
यह संयंत्र राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के घोसुंडा बांध पर स्थित होगा. इस सौर संयंत्र से एक साल में 1,400 घरों को बिजली उपलब्ध करायी जा सकेगी.
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