नई दिल्ली: वाहन उद्योग चालू वित्त वर्ष में सुस्ती से जूझ रहा है। सुस्ती की सबसे अधिक मार वाणिज्यिक वाहन उद्योग पर पड़ी है. महिंद्रा एंड महिंद्रा के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगले साल से भारत चरण छह (बीएस-छह) उत्सर्जन मानक लागू होने के बाद कीमतों में इजाफा होगा, लेकिन इसके बावजूद वाणिज्यिक वाहनों की मांग बढ़ेगी.
महिंद्रा एंड महिंद्रा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (ट्रक एवं बस विभाग) विनोद सहाय ने कहा, "सरकार ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए जो प्रोत्साहन उपाय किए हैं, वे कुछ हद तक मध्यम अवधि के उपाय हैं. इसका असर अगले छह से सात महीने में जमीन पर दिखने लगेगा जिससे अगले वित्त वर्ष में वाणिज्यिक वाहन उद्योग रफ्तार पकड़ेगा."
सहाय ने पीटीआई भाषा से कहा, "कुल मिलाकर मौजूदा सुस्ती की सबसे अधिक मार वाणिज्यिक वाहन खंड पर पड़ी है. लेकिन इसमें हैरानी नहीं होनी चाहिए. हम अर्थव्यवस्था का 'बैरोमीटर' हैं. जब अर्थव्यवस्था अच्छा नहीं कर रही होती है तो वाणिज्यिक वाहन उद्योग का प्रदर्शन भी खराब रहता है."
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उन्होंने कहा कि इस साल वाणिज्यिक वाहन उद्योग में वृद्धि नहीं होगी। यह कितना नीचे आता है, प्रोत्साहन पर निर्भर करेगा, जो मुझे नहीं लगता कि आएगा. बीएस-छह के लागू होने से पहले कुछ बीएस-चार वाहनों की खरीद होगी, लेकिन अंतत: उद्योग में गिरावट ही रहेगी.
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर की अवधि में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 22.95 प्रतिशत घटकर 3,75,480 इकाई रह गई है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4,87,319 इकाई थी.