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एमिरेट्स एयरलाइन चाहती है दुबई-भारत मार्ग पर सीट में वृद्धि

एमिरेट्स भारत में नौ गंतव्यों तक उड़ान सेवाओं का परिचालन करती है. उसने किफायती एयरलाइन स्पाइसजेट के साथ कोड शेयर से जुड़ा शुरुआती समझौता भी किया है.

एमिरेट्स एयरलाइन चाहती है दुबई-भारत मार्ग पर सीट में वृद्धि
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Published : Jun 3, 2019, 1:13 PM IST

सियोल: दुबई की प्रमुख एयरलाइन एमिरेट्स दुबई-भारत मार्ग पर सीटों की संख्या में बढ़ोत्तरी चाहती है और उसे उम्मीद है कि उड़ान से जुड़े द्विपक्षीय राइट्स के लिए दोनों सरकारों के बीच बातचीत फिर से शुरू होगी. इस मार्ग पर पिछले पांच साल से द्विपक्षीय राइट्स में किसी तरह की वृद्धि देखने को नहीं मिली है.

एमिरेट्स भारत में नौ गंतव्यों तक उड़ान सेवाओं का परिचालन करती है. उसने किफायती एयरलाइन स्पाइसजेट के साथ कोड शेयर से जुड़ा शुरुआती समझौता भी किया है.

ये भी पढ़ें: जेट के 2,000 कर्मचारियों को नौकरी देगी स्पाइसजेट : अजय सिंह

एमिरेट्स एयरलाइन के अध्यक्ष टिम क्लार्क ने यहां कहा, "भारत और दुबई के मध्य द्विपक्षीय (हवाई यातायात) राइट्स एकमात्र सबसे बड़ी समस्या है. अब चुनाव खत्म हो चुके हैं और मोदी सरकार वापस सत्ता में आ चुकी है. मुझे उम्मीद है कि (भारत और दुबई) के बीच बातचीत फिर से शुरू होगी."

द्विपक्षीय राइट्स का आशय दो देशों के बीच के उस समझौते से है, जिसके तहत दोनों देशों के एयरलाइन को सीटों की खास संख्या के साथ सेवाओं के परिचालन की अनुमति मिलती है.

क्लार्क ने कहा, "पिछले पांच साल से भारत और दुबई के बीच सीट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. दुबई-भारत सबसे अधिक फायदे वाले मार्गों में है. चाहे वह जेट एयरवेज हो या इंडिगो या स्पाइसजेट और एअर इंडिया या एअर इंडिया एक्सप्रेस."

उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत सरकार को अवसरों के द्वार खोलने चाहिए. क्लार्क ने कहा कि दुबई में जेट एयरवेज की पहुंच अधिक होती तो उसे नकदी की कमी की समस्या से निपटने में मदद मिलती.

सियोल: दुबई की प्रमुख एयरलाइन एमिरेट्स दुबई-भारत मार्ग पर सीटों की संख्या में बढ़ोत्तरी चाहती है और उसे उम्मीद है कि उड़ान से जुड़े द्विपक्षीय राइट्स के लिए दोनों सरकारों के बीच बातचीत फिर से शुरू होगी. इस मार्ग पर पिछले पांच साल से द्विपक्षीय राइट्स में किसी तरह की वृद्धि देखने को नहीं मिली है.

एमिरेट्स भारत में नौ गंतव्यों तक उड़ान सेवाओं का परिचालन करती है. उसने किफायती एयरलाइन स्पाइसजेट के साथ कोड शेयर से जुड़ा शुरुआती समझौता भी किया है.

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एमिरेट्स एयरलाइन के अध्यक्ष टिम क्लार्क ने यहां कहा, "भारत और दुबई के मध्य द्विपक्षीय (हवाई यातायात) राइट्स एकमात्र सबसे बड़ी समस्या है. अब चुनाव खत्म हो चुके हैं और मोदी सरकार वापस सत्ता में आ चुकी है. मुझे उम्मीद है कि (भारत और दुबई) के बीच बातचीत फिर से शुरू होगी."

द्विपक्षीय राइट्स का आशय दो देशों के बीच के उस समझौते से है, जिसके तहत दोनों देशों के एयरलाइन को सीटों की खास संख्या के साथ सेवाओं के परिचालन की अनुमति मिलती है.

क्लार्क ने कहा, "पिछले पांच साल से भारत और दुबई के बीच सीट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. दुबई-भारत सबसे अधिक फायदे वाले मार्गों में है. चाहे वह जेट एयरवेज हो या इंडिगो या स्पाइसजेट और एअर इंडिया या एअर इंडिया एक्सप्रेस."

उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत सरकार को अवसरों के द्वार खोलने चाहिए. क्लार्क ने कहा कि दुबई में जेट एयरवेज की पहुंच अधिक होती तो उसे नकदी की कमी की समस्या से निपटने में मदद मिलती.

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सियोल: दुबई की प्रमुख एयरलाइन एमिरेट्स दुबई-भारत मार्ग पर सीटों की संख्या में बढ़ोत्तरी चाहती है और उसे उम्मीद है कि उड़ान से जुड़े द्विपक्षीय राइट्स के लिए दोनों सरकारों के बीच बातचीत फिर से शुरू होगी. इस मार्ग पर पिछले पांच साल से द्विपक्षीय राइट्स में किसी तरह की वृद्धि देखने को नहीं मिली है.

एमिरेट्स भारत में नौ गंतव्यों तक उड़ान सेवाओं का परिचालन करती है. उसने किफायती एयरलाइन स्पाइसजेट के साथ कोड शेयर से जुड़ा शुरुआती समझौता भी किया है.

एमिरेट्स एयरलाइन के अध्यक्ष टिम क्लार्क ने यहां कहा, "भारत और दुबई के मध्य द्विपक्षीय (हवाई यातायात) राइट्स एकमात्र सबसे बड़ी समस्या है. अब चुनाव खत्म हो चुके हैं और मोदी सरकार वापस सत्ता में आ चुकी है. मुझे उम्मीद है कि (भारत और दुबई) के बीच बातचीत फिर से शुरू होगी."

द्विपक्षीय राइट्स का आशय दो देशों के बीच के उस समझौते से है, जिसके तहत दोनों देशों के एयरलाइन को सीटों की खास संख्या के साथ सेवाओं के परिचालन की अनुमति मिलती है.

क्लार्क ने कहा, "पिछले पांच साल से भारत और दुबई के बीच सीट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. दुबई-भारत सबसे अधिक फायदे वाले मार्गों में है. चाहे वह जेट एयरवेज हो या इंडिगो या स्पाइसजेट और एअर इंडिया या एअर इंडिया एक्सप्रेस."

उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत सरकार को अवसरों के द्वार खोलने चाहिए. क्लार्क ने कहा कि दुबई में जेट एयरवेज की पहुंच अधिक होती तो उसे नकदी की कमी की समस्या से निपटने में मदद मिलती.

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