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कोर्ट ने शिविंदर और मलविंदर सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा - Shivinder to 14-day judicial custody

धोखाधड़ी करने के मामले में गिरफ्तार फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर और रैनबैक्सी कंपनी के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह समेत पांच आरोपियों को 31 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

कोर्ट ने शिविंदर और मलविंदर सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा
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Published : Oct 17, 2019, 4:58 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी की साकेत कोर्ट ने बैंक के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में गिरफ्तार फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर और रैनबैक्सी कंपनी के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह समेत पांच आरोपियों को 31 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

आज यानि गुरुवार को सभी आरोपियों की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था. पिछले 15 अक्टूबर को कोर्ट ने पांचों आरोपियों की ईओडब्ल्यू हिरासत आज तक के लिए बढ़ा दिया था.

ये भी पढ़ें- 'नोकिया 110' फीचर फोन भारत में लॉन्च

पांचों को ईओडब्ल्यू ने किया था गिरफ्तार
पिछले 11 अक्टूबर को साकेत कोर्ट ने पांचों को 15 अक्टूबर तक की ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेजने का आदेश दिया था. इस मामले में मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह के अलावा जो आरोपी हैं उनमें सुनील गोधवानी, कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना शामिल हैं. पांचों को ईओडब्ल्यू ने 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.

2300 करोड़ रुपये का लिया कर्ज
रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड की शिकायत पर इन्हें गिरफ्तार किया गया था. ईओडब्ल्यू के मुताबिक रेलिगेयर कंपनी में रहते हुए शिवेंद्र सिंह ने बैंकों से 2300 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और उस पैसे को गलत तरीके से अपनी सहायक कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया और बैंक का कर्ज जानबूझकर नहीं चुकाया.

नई दिल्ली: राजधानी की साकेत कोर्ट ने बैंक के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में गिरफ्तार फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर और रैनबैक्सी कंपनी के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह समेत पांच आरोपियों को 31 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

आज यानि गुरुवार को सभी आरोपियों की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था. पिछले 15 अक्टूबर को कोर्ट ने पांचों आरोपियों की ईओडब्ल्यू हिरासत आज तक के लिए बढ़ा दिया था.

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पांचों को ईओडब्ल्यू ने किया था गिरफ्तार
पिछले 11 अक्टूबर को साकेत कोर्ट ने पांचों को 15 अक्टूबर तक की ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेजने का आदेश दिया था. इस मामले में मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह के अलावा जो आरोपी हैं उनमें सुनील गोधवानी, कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना शामिल हैं. पांचों को ईओडब्ल्यू ने 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.

2300 करोड़ रुपये का लिया कर्ज
रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड की शिकायत पर इन्हें गिरफ्तार किया गया था. ईओडब्ल्यू के मुताबिक रेलिगेयर कंपनी में रहते हुए शिवेंद्र सिंह ने बैंकों से 2300 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और उस पैसे को गलत तरीके से अपनी सहायक कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया और बैंक का कर्ज जानबूझकर नहीं चुकाया.

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कोर्ट ने शिविंदर और मलविंदर सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा 

धोखाधड़ी करने के मामले में गिरफ्तार फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर और रैनबैक्सी कंपनी के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह समेत पांच आरोपियों को 31 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.





नई दिल्ली: राजधानी की साकेत कोर्ट ने बैंक के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में गिरफ्तार फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर और रैनबैक्सी कंपनी के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह समेत पांच आरोपियों को 31 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.



आज यानि गुरुवार को सभी आरोपियों की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था. पिछले 15 अक्टूबर को कोर्ट ने पांचों आरोपियों की ईओडब्ल्यू हिरासत आज तक के लिए बढ़ा दिया था.



पांचों को ईओडब्ल्यू ने किया था गिरफ्तार

पिछले 11 अक्टूबर को साकेत कोर्ट ने पांचों को 15 अक्टूबर तक की ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेजने का आदेश दिया था. इस मामले में मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह के अलावा जो आरोपी हैं उनमें सुनील गोधवानी, कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना शामिल हैं. पांचों को ईओडब्ल्यू ने 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.



2300 करोड़ रुपये का लिया कर्ज

रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड की शिकायत पर इन्हें गिरफ्तार किया गया था. ईओडब्ल्यू के मुताबिक रेलिगेयर कंपनी में रहते हुए शिवेंद्र सिंह ने बैंकों से 2300 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और उस पैसे को गलत तरीके से अपनी सहायक कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया और बैंक का कर्ज जानबूझकर नहीं चुकाया.

 


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