नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारतीय संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) से 700 करोड़ रुपये बकाया वसूल करने के लिए इस सप्ताह राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाएगी. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
इससे पहले, कर्ज तले दबी आरकॉम ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष अपनी अर्जी में कहा था कि वह खुद से दिवाला प्रक्रिया में जाना चाहती है, क्योंकि यह उसकी संपत्तियों को समयबद्ध तरीके से बेचने में मदद करेगी. कंपनी ने एनसीएलएटी से गुहार लगाई थी कि एसबीआई के नेतृत्व वाले 37 ऋणदाताओं को 260 करोड़ रुपये सीधे एरिक्सन को जारी करने के निर्देश दिए जाएं.
हालांकि, ऋणदाताओं ने इस याचिका का विरोध किया. सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया, "बीएसएनएल भुगतान में चूक के लिए आरकॉम द्वारा जमा की गई करीब 100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को पहले ही भुना चुकी है. करीब 700 करोड़ रुपये के बकाए की वसूली के लिए आरकॉम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्णय बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने चार जनवरी को लिया था."
बीएसएनएल ने इस मामले के लिए सिंह एंड कोहली लॉ फर्म को जोड़ा है. सभी सर्कल कार्यालयों से चालान जमा करने के कारण मामला दाखिल में देरी हुई है. आरकॉम को एरिक्सन को 453 करोड़ रुपये का भुगतान करने में दिक्कत सामना करना पड़ रहा है.
उच्चतम न्यायालय ने आरकॉम को भुगतान करने के लिए 19 मार्च तक का समय दिया है. यदि कंपनी ऐसा करने में विफल रहती है, तो अनिल अंबानी को तीन महीने की जेल हो सकती है. आरकॉम पहले ही एरिक्सन को 118 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है.
(भाषा)
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