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बड़ी डील : फेसबुक ने रिलांयस जियो में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी

फेसबुक ने बुधवार सुबह रिलायंस जियो में बड़ा निवेश करने का एलान किया है. फेसबुक ने बताया कि वह जियो में 5.7 बिलियन डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) का निवेश करने जा रहा है.

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Published : Apr 22, 2020, 8:24 AM IST

Updated : Apr 22, 2020, 10:38 AM IST

बड़ी डील: फेसबुक ने रिलांयस जियो में खरीदी हिस्सेदारी
बड़ी डील: फेसबुक ने रिलांयस जियो में खरीदी हिस्सेदारी

नई दिल्ली : सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी फेसबुक ने बुधवार को मुकेश अंबानी के नेतृव वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह की कंपनी जियो प्लेटफार्म्स लिमिटेड में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए 5.7 अरब डॉलर या करीब 43,574 करोड़ रुपये निवेश का करार किया है. इस समय कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न वैश्विक संकट के बीच दोनों कंपनियों ने बुधवार को निवेश के इस बड़े सौदे की घोषणा की.

इस सौदे से रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह को अपने कर्ज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी तथा फेसबुक की भारत में स्थिति और मजबूत होगी. उसके लिए उपयोगकर्ता आधार के लिहाज से भारत इस समय भी सबसे बड़ा बाजार है.

जानकारी देते मुकेश अंबानी

ये भी पढ़ें- चीन को भारत की एफडीआई नीति की आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है : अजय दुआ

रिलायंस के एक बयान में कहा, "आज हम रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जियो प्लेटफार्म्स लिमिटेड में 5.7 अरब अमेरिकी डॉलर या 43,574 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा कर रहे हैं, जिससे फेसबुक इसका सबसे बड़ा अल्पांश शेयरधारक बन जाएगा." रिलायंस ने कहा कि फेसबुक के निवेश में जियो प्लेटफार्म्स की कीमत 4.62 लाख करोड़ रुपये आंकी गई (65.95 अरब अमेरिकी डॉलर, 70 रुपये प्रति डॉलर के विनिमय मूल्य पर).

रिलायंस इंडस्ट्रीज के दूरसंचार नेटवर्क जियो की शत प्रतिशत हिस्सेदारी जियो प्लेटफार्म्स लिमिटेड के पास है. बयान में कहा गया है कि ​जियो प्लेटफार्म्स में फेसबुक की हिस्सेदारी 9.99 प्रतिशत होगी.

आरआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने फेसबुक के साथ साझेदारी पर कहा, "जब रिलायंस ने 2016 में जियो की पेशकश की थी, तब हम भारत के डिजिटल सर्वोदय के सपने से प्रेरित थे- भारत का समावेशी डिजिटल उत्कर्ष, जिससे प्रत्येक भारतीय के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो और भारत दुनिया का अग्रणी डिजिटल समाम बने."

उन्होंने कहा कि जियो और फेसबुक के बीच तालमेल से 'डिजिटल इंडिया' के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी. उन्होंने विश्वास जताया कि कोरोना वायरस संकट टल जाने के बाद बहुत जल्द भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.

जियो प्लेटफार्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो तमाम प्रकार की डिजिटल सेवाएं प्रदान करती है. इसके ग्राहकों की संख्या 38.8 करोड़ से अधिक है.

आरआईएल द्वारा अपने कर्ज को कम करने के प्रयासों के तहत फेसबुक के साथ यह सौदा किया गया है. इसके लिए आरआईएल अपने व्यवसायों में रणनीतिक भागीदारी की तलाश कर रही है.

समूह अपने तेल-रसायन कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए सऊदी अरामको के साथ बातचीत भी कर रही है. समूह ने अगले साल तक कर्ज मुक्त होने का लक्ष्य तय किया है.

जियो में हिस्सेदारी के लिए कथित तौर पर गूगल से भी बातचीत की जा रही थी, लेकिन उन बातचीत के नतीजे के बारे में जानकारी फिलहाल नहीं है.

ताजा सौदा जियो और फेसबुक दोनों के लिए फायदेमंद है क्योंकि चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाजार है.

आरआईएल ने कहा कि इस निवेश के साथ जियो प्लेटफार्म्स, रिलायंस रिटेल लिमिटेड और व्हाट्सएप के बीच भी एक वाणिज्यिक साझेदारी समझौता हुआ है. इसके तहत व्हाट्सएप के इस्तेमाल से जियोमार्ट प्लेटफार्म पर रिलायंस रिटेल के नए वाणिज्यिक कारोबार को बढ़ावा मिलेगा और व्हाट्सऐप पर छोटे कारोबारियों को सहायता दी जाएगी.

जियोमार्ट ग्राहकों तक पहुंचने में पारंपरिक दुकानदारों और किराना स्टोर की मदद करता है. आरआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने फेसबुक के साथ साझेदारी पर कहा, "जब रिलायंस ने 2016 में जियो की पेशकश की थी, तब हम भारत के डिजिटल सर्वोदय के सपने से प्रेरित थे- भारत का समावेशी डिजिटल उत्कर्ष, जिससे प्रत्येक भारतीय के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो और भारत दुनिया का अग्रणी डिजिटल समाम बने."

उन्होंने कहा कि जियो और फेसबुक के बीच तालमेल से 'डिजिटल इंडिया' के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.

उन्होंने विश्वास जताया कि कोरोना वायरस संकट टल जाने के बाद बहुत जल्द भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.

आरआईएल ने कहा कि इस सौदे के लिए अभी नियामक और अन्य मंजूरियां मिलनी बाकी हैं.

इस सौदे के लिए मॉर्गन स्टेनली ने एक वित्तीय सलाहकार के रूप में और एजेडबी एंड पार्टनर्स और डेविस पोल्क एंड वार्डवेल ने कानूनी सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दीं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी फेसबुक ने बुधवार को मुकेश अंबानी के नेतृव वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह की कंपनी जियो प्लेटफार्म्स लिमिटेड में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए 5.7 अरब डॉलर या करीब 43,574 करोड़ रुपये निवेश का करार किया है. इस समय कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न वैश्विक संकट के बीच दोनों कंपनियों ने बुधवार को निवेश के इस बड़े सौदे की घोषणा की.

इस सौदे से रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह को अपने कर्ज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी तथा फेसबुक की भारत में स्थिति और मजबूत होगी. उसके लिए उपयोगकर्ता आधार के लिहाज से भारत इस समय भी सबसे बड़ा बाजार है.

जानकारी देते मुकेश अंबानी

ये भी पढ़ें- चीन को भारत की एफडीआई नीति की आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है : अजय दुआ

रिलायंस के एक बयान में कहा, "आज हम रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जियो प्लेटफार्म्स लिमिटेड में 5.7 अरब अमेरिकी डॉलर या 43,574 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा कर रहे हैं, जिससे फेसबुक इसका सबसे बड़ा अल्पांश शेयरधारक बन जाएगा." रिलायंस ने कहा कि फेसबुक के निवेश में जियो प्लेटफार्म्स की कीमत 4.62 लाख करोड़ रुपये आंकी गई (65.95 अरब अमेरिकी डॉलर, 70 रुपये प्रति डॉलर के विनिमय मूल्य पर).

रिलायंस इंडस्ट्रीज के दूरसंचार नेटवर्क जियो की शत प्रतिशत हिस्सेदारी जियो प्लेटफार्म्स लिमिटेड के पास है. बयान में कहा गया है कि ​जियो प्लेटफार्म्स में फेसबुक की हिस्सेदारी 9.99 प्रतिशत होगी.

आरआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने फेसबुक के साथ साझेदारी पर कहा, "जब रिलायंस ने 2016 में जियो की पेशकश की थी, तब हम भारत के डिजिटल सर्वोदय के सपने से प्रेरित थे- भारत का समावेशी डिजिटल उत्कर्ष, जिससे प्रत्येक भारतीय के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो और भारत दुनिया का अग्रणी डिजिटल समाम बने."

उन्होंने कहा कि जियो और फेसबुक के बीच तालमेल से 'डिजिटल इंडिया' के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी. उन्होंने विश्वास जताया कि कोरोना वायरस संकट टल जाने के बाद बहुत जल्द भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.

जियो प्लेटफार्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो तमाम प्रकार की डिजिटल सेवाएं प्रदान करती है. इसके ग्राहकों की संख्या 38.8 करोड़ से अधिक है.

आरआईएल द्वारा अपने कर्ज को कम करने के प्रयासों के तहत फेसबुक के साथ यह सौदा किया गया है. इसके लिए आरआईएल अपने व्यवसायों में रणनीतिक भागीदारी की तलाश कर रही है.

समूह अपने तेल-रसायन कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए सऊदी अरामको के साथ बातचीत भी कर रही है. समूह ने अगले साल तक कर्ज मुक्त होने का लक्ष्य तय किया है.

जियो में हिस्सेदारी के लिए कथित तौर पर गूगल से भी बातचीत की जा रही थी, लेकिन उन बातचीत के नतीजे के बारे में जानकारी फिलहाल नहीं है.

ताजा सौदा जियो और फेसबुक दोनों के लिए फायदेमंद है क्योंकि चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाजार है.

आरआईएल ने कहा कि इस निवेश के साथ जियो प्लेटफार्म्स, रिलायंस रिटेल लिमिटेड और व्हाट्सएप के बीच भी एक वाणिज्यिक साझेदारी समझौता हुआ है. इसके तहत व्हाट्सएप के इस्तेमाल से जियोमार्ट प्लेटफार्म पर रिलायंस रिटेल के नए वाणिज्यिक कारोबार को बढ़ावा मिलेगा और व्हाट्सऐप पर छोटे कारोबारियों को सहायता दी जाएगी.

जियोमार्ट ग्राहकों तक पहुंचने में पारंपरिक दुकानदारों और किराना स्टोर की मदद करता है. आरआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने फेसबुक के साथ साझेदारी पर कहा, "जब रिलायंस ने 2016 में जियो की पेशकश की थी, तब हम भारत के डिजिटल सर्वोदय के सपने से प्रेरित थे- भारत का समावेशी डिजिटल उत्कर्ष, जिससे प्रत्येक भारतीय के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो और भारत दुनिया का अग्रणी डिजिटल समाम बने."

उन्होंने कहा कि जियो और फेसबुक के बीच तालमेल से 'डिजिटल इंडिया' के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.

उन्होंने विश्वास जताया कि कोरोना वायरस संकट टल जाने के बाद बहुत जल्द भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.

आरआईएल ने कहा कि इस सौदे के लिए अभी नियामक और अन्य मंजूरियां मिलनी बाकी हैं.

इस सौदे के लिए मॉर्गन स्टेनली ने एक वित्तीय सलाहकार के रूप में और एजेडबी एंड पार्टनर्स और डेविस पोल्क एंड वार्डवेल ने कानूनी सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दीं.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Apr 22, 2020, 10:38 AM IST
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