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असम एनआरसी डेटा: विप्रो ने कहा अक्टूबर 2019 के बाद सरकार ने नही किया अनुबंध का नवीकरण - असम एनआरसी डेटा

कंपनी ने कहा कि लंबी नीलामी प्रक्रिया के बाद विप्रो को 2014 में असम की एनआरसी प्रणाली को व्यवस्थित करने की परियोजना के लिये चुना गया था.

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असम एनआरसी डेटा: विप्रो ने कहा अक्टूबर 2019 के बाद सरकार ने नही किया अनुबंध का नवीकरण
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Published : Feb 12, 2020, 8:01 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 3:12 AM IST

नई दिल्ली: देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी विप्रो ने असम की राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के आंकड़़े ऑफलाइन हो जाने के मामले में बुधवार को कहा कि संबंधित प्राधिकरण ने परियोजना के सेवा अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया. इसके अनुबंध की समयसीमा अक्टूबर 2019 में ही समाप्त हो गयी.

कंपनी ने कहा कि लंबी नीलामी प्रक्रिया के बाद विप्रो को 2014 में असम की एनआरसी प्रणाली को व्यवस्थित करने की परियोजना के लिये चुना गया था.

कंपनी ने ईमेल के जरिये जारी एक बयान में कहा कि उसने भलमनसाहत दिखाते हुए मेजबान सेवा शुल्क का भुगतान जनवरी के अंत तक जारी रखा. उसने कहा कि यदि प्राधिकरण अनुबंध का नवीनीकरण करता है तो वह ये सेवाएं पुन: मुहैया कराने को तैयार है.

ये भी पढ़ें: विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन से दिसंबर में औद्योगिक उत्पादन 0.3 प्रतिशत घटा

कंपनी ने कहा, "परियोजना भारत के महारजिस्ट्रार अैर गृह मंत्रालय द्वारा तैयार की गयी थी और उच्चतम न्यायालय इस परियोजना की निगरानी कर रहा था. विप्रो को आईटी सेवा प्रदाता के नाते प्रौद्योगिकी की संरचना तथा तकनीकी समाधान मुहैया कराने का काम दिया गया था."

कंपनी के बयान से कुछ ही देर पहले केंद्र सरकार ने कहा कि असम का एनआरसी डेटा सुरक्षित है. कुछ तकनीकी समस्याएं दिख रही हैं, जिन्हें शीघ्र ही दूर कर लिया जायेगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी विप्रो ने असम की राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के आंकड़़े ऑफलाइन हो जाने के मामले में बुधवार को कहा कि संबंधित प्राधिकरण ने परियोजना के सेवा अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया. इसके अनुबंध की समयसीमा अक्टूबर 2019 में ही समाप्त हो गयी.

कंपनी ने कहा कि लंबी नीलामी प्रक्रिया के बाद विप्रो को 2014 में असम की एनआरसी प्रणाली को व्यवस्थित करने की परियोजना के लिये चुना गया था.

कंपनी ने ईमेल के जरिये जारी एक बयान में कहा कि उसने भलमनसाहत दिखाते हुए मेजबान सेवा शुल्क का भुगतान जनवरी के अंत तक जारी रखा. उसने कहा कि यदि प्राधिकरण अनुबंध का नवीनीकरण करता है तो वह ये सेवाएं पुन: मुहैया कराने को तैयार है.

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कंपनी ने कहा, "परियोजना भारत के महारजिस्ट्रार अैर गृह मंत्रालय द्वारा तैयार की गयी थी और उच्चतम न्यायालय इस परियोजना की निगरानी कर रहा था. विप्रो को आईटी सेवा प्रदाता के नाते प्रौद्योगिकी की संरचना तथा तकनीकी समाधान मुहैया कराने का काम दिया गया था."

कंपनी के बयान से कुछ ही देर पहले केंद्र सरकार ने कहा कि असम का एनआरसी डेटा सुरक्षित है. कुछ तकनीकी समस्याएं दिख रही हैं, जिन्हें शीघ्र ही दूर कर लिया जायेगा.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 1, 2020, 3:12 AM IST
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