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भारत में एलन मस्क के सपनों को साकार करने को तैयार अशोक लेलैंड - एलन मस्क

अशोक लेलैंड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और चीफ डिजिटल ऑफिसर वेंकटेश नटराजन के अनुसार, भारत के लोगों को आखिरकार पथ-प्रवर्तक ऑटोनोमस टेस्ला इलेक्ट्रिक कार में सवारी करने का अनुभव दिलाने के लिए कंपनी मस्क के साथ साझेदारी करने को तैयार है.

भारत में एलन मस्क के सपनों को साकार करने को तैयार अशोक लेलैंड
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Published : May 20, 2019, 8:41 PM IST

मुंबई: टेस्ला के सीईओ एलन मस्क पिछले कुछ सालों से भारत में कारोबार करने का सपना संजोए हुए हैं और अब तक असमंजस की स्थिति में रहे हैं, मगर अब उनके सपनों को साकार करने के लिए भारतीय वाहन विनिर्माता कंपनी अशोक लेलैंड सामने आई है. उनको अशोक लेलैंड की ओर से यहां आने का आमंत्रण मिला है.

मस्क भारत को अपना बड़ा बाजार बनाना चाहते हैं. सवाल है कि क्या देसी उबड़-खाबड़ सड़कों पर विद्युत वाहन सरपट दौड़ पाएंगे.

ये भी पढ़ें: टाटा मोटर्स का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 49 प्रतिशत घटा

अशोक लेलैंड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और चीफ डिजिटल ऑफिसर वेंकटेश नटराजन के अनुसार, भारत के लोगों को आखिरकार पथ-प्रवर्तक ऑटोनोमस टेस्ला इलेक्ट्रिक कार में सवारी करने का अनुभव दिलाने के लिए कंपनी मस्क के साथ साझेदारी करने को तैयार है.

नटराजन ने यहां देश की आर्थिक राजधानी में हाल ही में संपन्न हुए एडब्ल्यूएस इंडिया समिट के इतर आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हम मस्क के ऑफर के लिए तैयार हैं. दरअसल, मेरा मानना है कि यह महज एक साझेदार के तौर पर भारत में इलेक्ट्रिक कार के सपनों में योगदान करने की बात नहीं है, बल्कि कई एजेंसियां हैं, जो इसमें शामिल हो सकती हैं. उस समूह में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी."

नटराजन ने कहा, "मैं संगठन के दर्शन और संस्कृति की बात करता हूं. जब कभी हम नई प्रौद्योगिकी देखते हैं तो हम उसका इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं, जिस प्रकार छोटे बच्चे नए खिलौने देखकर उसके साथ प्रयोग करना चाहते हैं. हम वैसी प्रौद्योगिकी को अंगीकार करने के लिए तैयार हैं, जिसका हमारे ग्राहकों के लिए कुछ विशेष महत्व हो."

हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी का वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में राजस्व 6,325 करोड़ रुपये रहा.

रेटिंग एजेंसी आईसीआर ने हाल ही में अशोक लेलैंड की फंड आधारित रेटिंग को अपडेट करके एए से बढ़ाकर एए-प्लस कर दिया. एजेंसी का मानना है कि मझौले व भारी व्यावसायिक वाहनों (एमएंडएचसीवी) सेगमेंट और हल्के व्यावसायिक वाहन (एलसीवी) सेगमेंट में मांग स्थिर रहने से अशोक लेलैंड की वित्तीय स्थिति दुरुस्त रहेगी.

भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी बस विनिर्माता कंपनी ने बताया कि उसके वाहनों की बिक्री अप्रैल 2019 में घरेलू बाजार में पिछले साल के मुकाबले 10 फीसदी बढ़कर 13,141 हो गई.

पिछले साल अप्रैल में कंपनी ने घरेलू बाजार में 11,951 वाहनों की बिक्री की थी.

नटराजन ने कहा, "आखिरकार, हमें अधिक पैसों की जरूरत है. हम पैसे बनाने के कारोबार में हैं. जब हम अधिक पैसे बनाने में समर्थ होंगे तभी हम अपने ग्राहकों को पैसे बनाने में मदद कर पाएंगे. इसलिए हम हर नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं."

अशोक लेलैंड की पेशकश अवश्य ही मस्क के कानों के लिए सुखद खबर होगी. भारत में कारोबार की अपनी योजना पर 10 महीने की चुप्पी के बाद मस्क ने मार्च में ट्वीट के जरिए कहा कि 2019 में या अगले साल वह भारत में जाना पसंद करेंगे.

मस्क ने एक यूजर को ट्वीट करके कहा, "इस साल वहां होना पसंद करेंगे. अगर नहीं तो अगले साल निश्चित रूप से."

मुंबई: टेस्ला के सीईओ एलन मस्क पिछले कुछ सालों से भारत में कारोबार करने का सपना संजोए हुए हैं और अब तक असमंजस की स्थिति में रहे हैं, मगर अब उनके सपनों को साकार करने के लिए भारतीय वाहन विनिर्माता कंपनी अशोक लेलैंड सामने आई है. उनको अशोक लेलैंड की ओर से यहां आने का आमंत्रण मिला है.

मस्क भारत को अपना बड़ा बाजार बनाना चाहते हैं. सवाल है कि क्या देसी उबड़-खाबड़ सड़कों पर विद्युत वाहन सरपट दौड़ पाएंगे.

ये भी पढ़ें: टाटा मोटर्स का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 49 प्रतिशत घटा

अशोक लेलैंड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और चीफ डिजिटल ऑफिसर वेंकटेश नटराजन के अनुसार, भारत के लोगों को आखिरकार पथ-प्रवर्तक ऑटोनोमस टेस्ला इलेक्ट्रिक कार में सवारी करने का अनुभव दिलाने के लिए कंपनी मस्क के साथ साझेदारी करने को तैयार है.

नटराजन ने यहां देश की आर्थिक राजधानी में हाल ही में संपन्न हुए एडब्ल्यूएस इंडिया समिट के इतर आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हम मस्क के ऑफर के लिए तैयार हैं. दरअसल, मेरा मानना है कि यह महज एक साझेदार के तौर पर भारत में इलेक्ट्रिक कार के सपनों में योगदान करने की बात नहीं है, बल्कि कई एजेंसियां हैं, जो इसमें शामिल हो सकती हैं. उस समूह में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी."

नटराजन ने कहा, "मैं संगठन के दर्शन और संस्कृति की बात करता हूं. जब कभी हम नई प्रौद्योगिकी देखते हैं तो हम उसका इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं, जिस प्रकार छोटे बच्चे नए खिलौने देखकर उसके साथ प्रयोग करना चाहते हैं. हम वैसी प्रौद्योगिकी को अंगीकार करने के लिए तैयार हैं, जिसका हमारे ग्राहकों के लिए कुछ विशेष महत्व हो."

हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी का वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में राजस्व 6,325 करोड़ रुपये रहा.

रेटिंग एजेंसी आईसीआर ने हाल ही में अशोक लेलैंड की फंड आधारित रेटिंग को अपडेट करके एए से बढ़ाकर एए-प्लस कर दिया. एजेंसी का मानना है कि मझौले व भारी व्यावसायिक वाहनों (एमएंडएचसीवी) सेगमेंट और हल्के व्यावसायिक वाहन (एलसीवी) सेगमेंट में मांग स्थिर रहने से अशोक लेलैंड की वित्तीय स्थिति दुरुस्त रहेगी.

भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी बस विनिर्माता कंपनी ने बताया कि उसके वाहनों की बिक्री अप्रैल 2019 में घरेलू बाजार में पिछले साल के मुकाबले 10 फीसदी बढ़कर 13,141 हो गई.

पिछले साल अप्रैल में कंपनी ने घरेलू बाजार में 11,951 वाहनों की बिक्री की थी.

नटराजन ने कहा, "आखिरकार, हमें अधिक पैसों की जरूरत है. हम पैसे बनाने के कारोबार में हैं. जब हम अधिक पैसे बनाने में समर्थ होंगे तभी हम अपने ग्राहकों को पैसे बनाने में मदद कर पाएंगे. इसलिए हम हर नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं."

अशोक लेलैंड की पेशकश अवश्य ही मस्क के कानों के लिए सुखद खबर होगी. भारत में कारोबार की अपनी योजना पर 10 महीने की चुप्पी के बाद मस्क ने मार्च में ट्वीट के जरिए कहा कि 2019 में या अगले साल वह भारत में जाना पसंद करेंगे.

मस्क ने एक यूजर को ट्वीट करके कहा, "इस साल वहां होना पसंद करेंगे. अगर नहीं तो अगले साल निश्चित रूप से."

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मुंबई: टेस्ला के सीईओ एलन मस्क पिछले कुछ सालों से भारत में कारोबार करने का सपना संजोए हुए हैं और अब तक असमंजस की स्थिति में रहे हैं, मगर अब उनके सपनों को साकार करने के लिए भारतीय वाहन विनिर्माता कंपनी अशोक लेलैंड सामने आई है. उनको अशोक लेलैंड की ओर से यहां आने का आमंत्रण मिला है.

मस्क भारत को अपना बड़ा बाजार बनाना चाहते हैं. सवाल है कि क्या देसी उबड़-खाबड़ सड़कों पर विद्युत वाहन सरपट दौड़ पाएंगे.

अशोक लेलैंड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और चीफ डिजिटल ऑफिसर वेंकटेश नटराजन के अनुसार, भारत के लोगों को आखिरकार पथ-प्रवर्तक ऑटोनोमस टेस्ला इलेक्ट्रिक कार में सवारी करने का अनुभव दिलाने के लिए कंपनी मस्क के साथ साझेदारी करने को तैयार है.

नटराजन ने यहां देश की आर्थिक राजधानी में हाल ही में संपन्न हुए एडब्ल्यूएस इंडिया समिट के इतर आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हम मस्क के ऑफर के लिए तैयार हैं. दरअसल, मेरा मानना है कि यह महज एक साझेदार के तौर पर भारत में इलेक्ट्रिक कार के सपनों में योगदान करने की बात नहीं है, बल्कि कई एजेंसियां हैं, जो इसमें शामिल हो सकती हैं. उस समूह में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी."

नटराजन ने कहा, "मैं संगठन के दर्शन और संस्कृति की बात करता हूं. जब कभी हम नई प्रौद्योगिकी देखते हैं तो हम उसका इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं, जिस प्रकार छोटे बच्चे नए खिलौने देखकर उसके साथ प्रयोग करना चाहते हैं. हम वैसी प्रौद्योगिकी को अंगीकार करने के लिए तैयार हैं, जिसका हमारे ग्राहकों के लिए कुछ विशेष महत्व हो."

हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी का वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में राजस्व 6,325 करोड़ रुपये रहा.

रेटिंग एजेंसी आईसीआर ने हाल ही में अशोक लेलैंड की फंड आधारित रेटिंग को अपडेट करके एए से बढ़ाकर एए-प्लस कर दिया. एजेंसी का मानना है कि मझौले व भारी व्यावसायिक वाहनों (एमएंडएचसीवी) सेगमेंट और हल्के व्यावसायिक वाहन (एलसीवी) सेगमेंट में मांग स्थिर रहने से अशोक लेलैंड की वित्तीय स्थिति दुरुस्त रहेगी.

भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी बस विनिर्माता कंपनी ने बताया कि उसके वाहनों की बिक्री अप्रैल 2019 में घरेलू बाजार में पिछले साल के मुकाबले 10 फीसदी बढ़कर 13,141 हो गई.

पिछले साल अप्रैल में कंपनी ने घरेलू बाजार में 11,951 वाहनों की बिक्री की थी.

नटराजन ने कहा, "आखिरकार, हमें अधिक पैसों की जरूरत है. हम पैसे बनाने के कारोबार में हैं. जब हम अधिक पैसे बनाने में समर्थ होंगे तभी हम अपने ग्राहकों को पैसे बनाने में मदद कर पाएंगे. इसलिए हम हर नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं."

अशोक लेलैंड की पेशकश अवश्य ही मस्क के कानों के लिए सुखद खबर होगी. भारत में कारोबार की अपनी योजना पर 10 महीने की चुप्पी के बाद मस्क ने मार्च में ट्वीट के जरिए कहा कि 2019 में या अगले साल वह भारत में जाना पसंद करेंगे.

मस्क ने एक यूजर को ट्वीट करके कहा, "इस साल वहां होना पसंद करेंगे. अगर नहीं तो अगले साल निश्चित रूप से."

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