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एयर इंडिया जेट के सह-पायलटों को भर्ती करे, न कि 'महंगे कैप्टन्स' को : आईपीजी

एयर इंडिया के परिचालन निदेशक को लिखे पत्र में आईपीजी ने एयरलाइन द्वारा बी-777 रेटिंग वाले कैप्टन्स और सह-पायलटों की अनुबंध आधार पर भर्ती की योजना का हवाला दिया और कहा कि कठिन वित्तीय स्थिति से जूझ रही कंपनी के लिए यह धन की घोर बर्बादी होगी.

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Published : Apr 21, 2019, 1:02 PM IST

चेन्नई : एयर इंडिया के पायलटों के संगठन, इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) ने शनिवार को राष्ट्रीय विमानन कंपनी के प्रबंधन से आग्रह किया कि वे ऊंची लागत वाले कैप्टन्स को भर्ती करने के बजाए बोइंग 777 (बी-777) रेटिंग वाले सह-पायलटों को अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती करें.

एयर इंडिया के परिचालन निदेशक को लिखे पत्र में आईपीजी ने एयरलाइन द्वारा बी-777 रेटिंग वाले कैप्टन्स और सह-पायलटों की अनुबंध आधार पर भर्ती की योजना का हवाला दिया और कहा कि कठिन वित्तीय स्थिति से जूझ रही कंपनी के लिए यह धन की घोर बर्बादी होगी.

उन्होंने पत्र में कहा है, "वर्तमान में बोइंग 777 बेड़े में करीब 219 कैप्टन्स और 110 फर्स्ट ऑफिसर्स हैं. यह संख्या बेड़े के 70 घंटों (प्रति माह) के औसत के हिसाब से पर्याप्त है."

उन्होंने कहा, "हमारे पास लगभग 40 कैप्टन हैं, जो प्रतिनियुक्ति पर एयर इंडिया एक्सप्रेस से प्रत्यावर्तन की प्रतीक्षा कर रहे हैं और करीब इतनी ही संख्या में फर्स्ट ऑफिसर्स कमांड अपग्रेड के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं."

आईपीजी के मुताबिक, अगर एयर इंडिया निजी एयरलाइन के असफल होने पर खाली हुई जगह को भरना चाहती है और अधिक बी-777 विमान हासिल करने की योजना बना रही है, तो यह समझ में आता है कि अल्पकालिक आधार पर सह-पायलटों की नियुक्ति की जाए.

आईपीजी के पत्र में कहा गया, "हालांकि अगल बी-777 रेटिग वाले कैप्टन को भर्ती किया जाता है तो वेतन का बिल नाटकीय रूप से बढ़ेगा और संसाधनों की भारी बरबारी होगी."
ये भी पढ़ें : जानिए आखिर बंद होने की कगार पर कैसे आई जेट एयरवेज

चेन्नई : एयर इंडिया के पायलटों के संगठन, इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) ने शनिवार को राष्ट्रीय विमानन कंपनी के प्रबंधन से आग्रह किया कि वे ऊंची लागत वाले कैप्टन्स को भर्ती करने के बजाए बोइंग 777 (बी-777) रेटिंग वाले सह-पायलटों को अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती करें.

एयर इंडिया के परिचालन निदेशक को लिखे पत्र में आईपीजी ने एयरलाइन द्वारा बी-777 रेटिंग वाले कैप्टन्स और सह-पायलटों की अनुबंध आधार पर भर्ती की योजना का हवाला दिया और कहा कि कठिन वित्तीय स्थिति से जूझ रही कंपनी के लिए यह धन की घोर बर्बादी होगी.

उन्होंने पत्र में कहा है, "वर्तमान में बोइंग 777 बेड़े में करीब 219 कैप्टन्स और 110 फर्स्ट ऑफिसर्स हैं. यह संख्या बेड़े के 70 घंटों (प्रति माह) के औसत के हिसाब से पर्याप्त है."

उन्होंने कहा, "हमारे पास लगभग 40 कैप्टन हैं, जो प्रतिनियुक्ति पर एयर इंडिया एक्सप्रेस से प्रत्यावर्तन की प्रतीक्षा कर रहे हैं और करीब इतनी ही संख्या में फर्स्ट ऑफिसर्स कमांड अपग्रेड के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं."

आईपीजी के मुताबिक, अगर एयर इंडिया निजी एयरलाइन के असफल होने पर खाली हुई जगह को भरना चाहती है और अधिक बी-777 विमान हासिल करने की योजना बना रही है, तो यह समझ में आता है कि अल्पकालिक आधार पर सह-पायलटों की नियुक्ति की जाए.

आईपीजी के पत्र में कहा गया, "हालांकि अगल बी-777 रेटिग वाले कैप्टन को भर्ती किया जाता है तो वेतन का बिल नाटकीय रूप से बढ़ेगा और संसाधनों की भारी बरबारी होगी."
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चेन्नई : एयर इंडिया के पायलटों के संगठन, इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) ने शनिवार को राष्ट्रीय विमानन कंपनी के प्रबंधन से आग्रह किया कि वे ऊंची लागत वाले कैप्टन्स को भर्ती करने के बजाए बोइंग 777 (बी-777) रेटिंग वाले सह-पायलटों को अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती करें.

एयर इंडिया के परिचालन निदेशक को लिखे पत्र में आईपीजी ने एयरलाइन द्वारा बी-777 रेटिंग वाले कैप्टन्स और सह-पायलटों की अनुबंध आधार पर भर्ती की योजना का हवाला दिया और कहा कि कठिन वित्तीय स्थिति से जूझ रही कंपनी के लिए यह धन की घोर बर्बादी होगी.

उन्होंने पत्र में कहा है, "वर्तमान में बोइंग 777 बेड़े में करीब 219 कैप्टन्स और 110 फर्स्ट ऑफिसर्स हैं. यह संख्या बेड़े के 70 घंटों (प्रति माह) के औसत के हिसाब से पर्याप्त है."

उन्होंने कहा, "हमारे पास लगभग 40 कैप्टन हैं, जो प्रतिनियुक्ति पर एयर इंडिया एक्सप्रेस से प्रत्यावर्तन की प्रतीक्षा कर रहे हैं और करीब इतनी ही संख्या में फर्स्ट ऑफिसर्स कमांड अपग्रेड के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं."

आईपीजी के मुताबिक, अगर एयर इंडिया निजी एयरलाइन के असफल होने पर खाली हुई जगह को भरना चाहती है और अधिक बी-777 विमान हासिल करने की योजना बना रही है, तो यह समझ में आता है कि अल्पकालिक आधार पर सह-पायलटों की नियुक्ति की जाए.

आईपीजी के पत्र में कहा गया, "हालांकि अगल बी-777 रेटिग वाले कैप्टन को भर्ती किया जाता है तो वेतन का बिल नाटकीय रूप से बढ़ेगा और संसाधनों की भारी बरबारी होगी."

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