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भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने बोइंग के साथ की प्रौद्योगिकी सहायता साझेदारी

हवाई यातायात सेवाओं के तहत संचार, नौवहन एवं निगरानी (सीएनएस) और हवाई यातायात प्रबंधन (एटीएम) जैसी सेवाएं आती हैं.

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Published : Jun 4, 2019, 9:09 PM IST

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने बोइंग के साथ की प्रौद्योगिकी सहायता साझेदारी

मुंबई: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने विमान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग के साथ प्रौद्योगिकी सहायता के लिए साझेदारी की है. इसका मकसद देश की हवाई यातायात सेवाओं के आधुनिकीकरण एवं विकास के लिए विस्तृत रुपरेखा तैयार करना है.

हवाई यातायात सेवाओं के तहत संचार, नौवहन एवं निगरानी (सीएनएस) और हवाई यातायात प्रबंधन (एटीएम) जैसी सेवाएं आती हैं.

इस संबंध में जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार आधुनिकीकरण की 10 वर्षीय रुपरेखा को अपनाया जाएगा और इसे अमेरिकी व्यापार एवं विकास एजेंसी (यूएसटीडीए) से अनुदान भी मिलेगा.

ये भी पढ़ें- हुआवेई ने अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण उत्पादन में कमी की खबरों को किया खारिज

इस समझौते का मकसद प्राधिकरण के लिए एक विकास खाका तैयार करना है जिसका उपयोग वह भारतीय राष्ट्रीय हवाईक्षेत्र प्रणाली (एनएएस) के आधुनिकीकरण में दिशा-निर्देश के तौर पर करेगी. इसमें सीएनएस और एटीएम की क्षमता बढ़ाने और हवाईक्षेत्र क्षमता का उपयुक्त उपयोग करने के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक और स्थानीय प्रक्रियाओं को अपनाना है.

प्राधिकरण के चेयरमैन गुरुप्रसाद महापात्रा ने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी और वैश्विक प्रक्रियाओं को लागू करने से देश को अपने हवाई क्षेत्र की क्षमता में वृद्धि करने में मदद मिलेगी. इसके लिए संचार, हवाई क्षेत्र के उपयोग में लचीलापन और हवाई नौवहन बुनियादी संरचना के उपयोग से अतिरिक्त उड़ानों का सुरक्षित परिचालन करना होगा ताकि देश के हवाई यातायात को अधिक सुचारू बनाया जा सके.

इस समझौते के तहत बोइंग मौजूदा प्रौद्योगिकी का अध्ययन करेगी. उन प्रक्रियाओं की पहचान करेगी जिन्हें लागू करके देश के हवाई क्षेत्र को सुरक्षित, व्यवहारिक और बेहतर किया जा सके.

मुंबई: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने विमान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग के साथ प्रौद्योगिकी सहायता के लिए साझेदारी की है. इसका मकसद देश की हवाई यातायात सेवाओं के आधुनिकीकरण एवं विकास के लिए विस्तृत रुपरेखा तैयार करना है.

हवाई यातायात सेवाओं के तहत संचार, नौवहन एवं निगरानी (सीएनएस) और हवाई यातायात प्रबंधन (एटीएम) जैसी सेवाएं आती हैं.

इस संबंध में जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार आधुनिकीकरण की 10 वर्षीय रुपरेखा को अपनाया जाएगा और इसे अमेरिकी व्यापार एवं विकास एजेंसी (यूएसटीडीए) से अनुदान भी मिलेगा.

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इस समझौते का मकसद प्राधिकरण के लिए एक विकास खाका तैयार करना है जिसका उपयोग वह भारतीय राष्ट्रीय हवाईक्षेत्र प्रणाली (एनएएस) के आधुनिकीकरण में दिशा-निर्देश के तौर पर करेगी. इसमें सीएनएस और एटीएम की क्षमता बढ़ाने और हवाईक्षेत्र क्षमता का उपयुक्त उपयोग करने के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक और स्थानीय प्रक्रियाओं को अपनाना है.

प्राधिकरण के चेयरमैन गुरुप्रसाद महापात्रा ने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी और वैश्विक प्रक्रियाओं को लागू करने से देश को अपने हवाई क्षेत्र की क्षमता में वृद्धि करने में मदद मिलेगी. इसके लिए संचार, हवाई क्षेत्र के उपयोग में लचीलापन और हवाई नौवहन बुनियादी संरचना के उपयोग से अतिरिक्त उड़ानों का सुरक्षित परिचालन करना होगा ताकि देश के हवाई यातायात को अधिक सुचारू बनाया जा सके.

इस समझौते के तहत बोइंग मौजूदा प्रौद्योगिकी का अध्ययन करेगी. उन प्रक्रियाओं की पहचान करेगी जिन्हें लागू करके देश के हवाई क्षेत्र को सुरक्षित, व्यवहारिक और बेहतर किया जा सके.

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भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने बोइंग के साथ की प्रौद्योगिकी सहायता साझेदारी

मुंबई: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने विमान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग के साथ प्रौद्योगिकी सहायता के लिए साझेदारी की है. इसका मकसद देश की हवाई यातायात सेवाओं के आधुनिकीकरण एवं विकास के लिए विस्तृत रुपरेखा तैयार करना है.

हवाई यातायात सेवाओं के तहत संचार, नौवहन एवं निगरानी (सीएनएस) और हवाई यातायात प्रबंधन (एटीएम) जैसी सेवाएं आती हैं.

इस संबंध में जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार आधुनिकीकरण की 10 वर्षीय रुपरेखा को अपनाया जाएगा और इसे अमेरिकी व्यापार एवं विकास एजेंसी (यूएसटीडीए) से अनुदान भी मिलेगा.

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इस समझौते का मकसद प्राधिकरण के लिए एक विकास खाका तैयार करना है जिसका उपयोग वह भारतीय राष्ट्रीय हवाईक्षेत्र प्रणाली (एनएएस) के आधुनिकीकरण में दिशा-निर्देश के तौर पर करेगी. इसमें सीएनएस और एटीएम की क्षमता बढ़ाने और हवाईक्षेत्र क्षमता का उपयुक्त उपयोग करने के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक और स्थानीय प्रक्रियाओं को अपनाना है.

प्राधिकरण के चेयरमैन गुरुप्रसाद महापात्रा ने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी और वैश्विक प्रक्रियाओं को लागू करने से देश को अपने हवाई क्षेत्र की क्षमता में वृद्धि करने में मदद मिलेगी. इसके लिए संचार, हवाई क्षेत्र के उपयोग में लचीलापन और हवाई नौवहन बुनियादी संरचना के उपयोग से अतिरिक्त उड़ानों का सुरक्षित परिचालन करना होगा ताकि देश के हवाई यातायात को अधिक सुचारू बनाया जा सके.

इस समझौते के तहत बोइंग मौजूदा प्रौद्योगिकी का अध्ययन करेगी. उन प्रक्रियाओं की पहचान करेगी जिन्हें लागू करके देश के हवाई क्षेत्र को सुरक्षित, व्यवहारिक और बेहतर किया जा सके.





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गूगल मैप्स पर अब बस, ट्रेन के लिए भी यातायात की लाइव जानकारी

नई दिल्ली: सार्वजनिक परिवहन को लेकर लोगों में एक धारणा देखी जाती है कि यह लेट-लतीफ होते हैं. लोगों की इसी समस्या का निदान गूगल मैप्स ने किया है. देश के दस प्रमुख शहरों में गूगल मैप्स पर अब बस से लगने वाले यात्रा समय की जानकारी भी उपलब्ध होगी. इतना ही नहीं लोगों भारतीय रेल की सटीक स्थिति की जानकारी भी गूगल मैप्स पर ही मिल जाएगी.

कंपनी ने एक बयान में कहा कि इसी के साथ लोगों को ऑटोरिक्शा और अन्य सार्वजनिक परिवहन के विकल्प और सुझाव भी गूगल मैप्स पर उपलब्ध होंगे. इससे उपयोक्ताओं को सार्वजनिक परिवहन प्रणाली से अपनी यात्रा योजना बनाने में मदद मिलेगी.

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गूगल मैप्स के परियोजना प्रबंधक तायलाह हसबल्लाह ने कहा, "गूगल में हम मैप्स के साथ ऐसे फीचर जोड़ने पर ध्यान लगा रहे हैं जिससे यात्रियों को अधिक प्रासंगिक, सटीक और भरोसेमंद अनुभव मिले. हमें उम्मीद है कि यह नए फीचर उपयोक्ताओं के लिए मूल्यवान होंगे."

इससे उपयोक्ताओं को अब दिल्ली, बेंगलुरू, मुंबई, हैदराबाद, पुणे, लखनऊ, चेन्नई, मैसूरु, कोयंबटूर और सूरत में बसों के यात्रा समय की लाइव जानकारी मिलेगी.


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