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सभी पक्षों को एक साथ काम करने के लिये साझा मंच की जरूरत: डीपीआईआईटी सचिव

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव रमेश अभिषेक ने सीआईआई के वार्षिक सत्र 2019 में कहा कि यह मंच उन कदमों पर काम करेगा, जिनकी औद्योगिक वृद्धि को गति देने के लिये जरूरत है.

रमेश अभिषेक, डीपीआईआईटी सचिव
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Published : Apr 5, 2019, 5:21 PM IST

नई दिल्ली : देश को एक ऐसे साझा मंच की जरूरत है जहां नवोन्मेष एवं विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये कंपनियां, केंद्र सरकार, राज्य तथा शोध संस्थानों समेत सभी संबंधित पक्ष एक साथ बैठकर लगातार काम कर सकें. एक अधिकारी ने शुक्रवार को ये बातें कही.

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव रमेश अभिषेक ने सीआईआई के वार्षिक सत्र 2019 में यहां कहा कि यह मंच उन कदमों पर काम करेगा, जिनकी औद्योगिक वृद्धि को गति देने के लिये जरूरत है.

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है, हमें ऐसे मंच की जरूरत है, जहां कंपनियां, केंद्र सरकार, राज्य तथा शोध संस्थानों समेत सभी संबंधित पक्ष एक साथ सजगता से उन चीजों पर काम कर सकें जिनकी हमें जरूरत है."

उन्होंने कहा कि एक साथ बैठकर काम करने और उद्योग के लिये विशेष कदम उठाने की जरूरत है. अभिषेक ने कहा, "एक साथ काम करने के लिये अधिक सजग रुख अपनाने की जरूरत है. हमें बड़ी एवं छोटी कंपनियों तथा नवोन्मेषियों के लिये एक मंच की जरूरत है."

उन्होंने कहा कि स्मार्ट प्रौद्योगिकी प्रतिस्पर्धिता की खाई को पाटने में मदद कर सकती है. उन्होंने कहा, "हमारे उद्योग के लिये प्रतिस्पर्धिता कई क्षेत्रों में एक समस्या है. चाहे वह कारोबार करना हो या अन्य हो." उन्होंने कहा कि विभाग ने एक नयी औद्योगिक नीति तैयार की है, जिसके ऊपर नयी सरकार विचार करेगी.
ये भी पढ़ें : आरबीआई परिपत्र को रद्द करने से समाधान मामलों पर नहीं पड़ेगा असर: मुख्य आर्थिक सलाहकार

नई दिल्ली : देश को एक ऐसे साझा मंच की जरूरत है जहां नवोन्मेष एवं विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये कंपनियां, केंद्र सरकार, राज्य तथा शोध संस्थानों समेत सभी संबंधित पक्ष एक साथ बैठकर लगातार काम कर सकें. एक अधिकारी ने शुक्रवार को ये बातें कही.

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव रमेश अभिषेक ने सीआईआई के वार्षिक सत्र 2019 में यहां कहा कि यह मंच उन कदमों पर काम करेगा, जिनकी औद्योगिक वृद्धि को गति देने के लिये जरूरत है.

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है, हमें ऐसे मंच की जरूरत है, जहां कंपनियां, केंद्र सरकार, राज्य तथा शोध संस्थानों समेत सभी संबंधित पक्ष एक साथ सजगता से उन चीजों पर काम कर सकें जिनकी हमें जरूरत है."

उन्होंने कहा कि एक साथ बैठकर काम करने और उद्योग के लिये विशेष कदम उठाने की जरूरत है. अभिषेक ने कहा, "एक साथ काम करने के लिये अधिक सजग रुख अपनाने की जरूरत है. हमें बड़ी एवं छोटी कंपनियों तथा नवोन्मेषियों के लिये एक मंच की जरूरत है."

उन्होंने कहा कि स्मार्ट प्रौद्योगिकी प्रतिस्पर्धिता की खाई को पाटने में मदद कर सकती है. उन्होंने कहा, "हमारे उद्योग के लिये प्रतिस्पर्धिता कई क्षेत्रों में एक समस्या है. चाहे वह कारोबार करना हो या अन्य हो." उन्होंने कहा कि विभाग ने एक नयी औद्योगिक नीति तैयार की है, जिसके ऊपर नयी सरकार विचार करेगी.
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