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माल्या के प्रत्यर्पण से पहले कानूनी मुद्दों का समाधान करने की जरूरत: ब्रिटेन सरकार - विजय माल्या

पिछले महीने ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के खिलाफ उसकी अपील खारिज हो गई थी. उसके विरूद्ध धनशोधन और धोखाधड़ी के मामले हैं. ब्रिटेन उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुद्दा "गोपनीय" है.

विजय माल्या का प्रत्यर्पण तब तक नहीं हो सकता जब तक कि कानूनी मसले हल नहीं हो जाते: ब्रिटिश उच्चायोग प्रवक्ता
विजय माल्या का प्रत्यर्पण तब तक नहीं हो सकता जब तक कि कानूनी मसले हल नहीं हो जाते: ब्रिटिश उच्चायोग प्रवक्ता
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Published : Jun 4, 2020, 4:46 PM IST

Updated : Jun 4, 2020, 7:44 PM IST

नई दिल्ली: भगोड़ा व्यवसायी विजय माल्या का प्रत्यर्पण जल्द होने की संभावना कम है क्योंकि ब्रिटेन की सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके प्रत्यर्पण से पहले कानूनी मुद्दे का समाधान करने की जरूरत है.

पिछले महीने ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के खिलाफ उसकी अपील खारिज हो गई थी. उसके विरूद्ध धनशोधन और धोखाधड़ी के मामले हैं. ब्रिटेन उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुद्दा "गोपनीय" है.

उन्होंने कहा, "हम यह आकलन नहीं लगा सकते कि यह मुद्दा सुलझने में कितना समय लगेगा."

प्रवक्ता ने कहा, "विजय माल्या की प्रत्यर्पण के खिलाफ पिछले महीने अपील खारिज हो गई और वह ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में अब और अपील दायर नहीं कर सकेगा. बहरहाल, माल्या के प्रत्यर्पण से पहले कानूनी मुद्दे के समाधान की जरूरत है."

ये भी पढ़ें: लोन मोरेटोरियम की अवधि के दौरान ब्याज माफी पर सुप्रीम कोर्ट ने वित्त मंत्रालय से मांगा जवाब

अधिकारी ने बताया, ‘‘ब्रिटेन के कानून के तहत इसका समाधान होने तक प्रत्यर्पण नहीं हो सकता है. मुद्दा गोपनीय है और हम इसके बारे में विस्तार से नहीं बता सकते. हम यह आकलन नहीं कर सकते हैं कि इस मुद्दे का समाधान होने में कितना समय लगेगा. हम इससे जल्द से जल्द निपटना चाहते हैं."

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 21 मई को कहा था कि माल्या के सभी कानूनी विकल्प खत्म होने के बाद भारत उसके प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन की सरकार के संपर्क में है.

माल्या मार्च 2016 से ही ब्रिटेन में रह रहा है और तीन वर्ष पहले 18 अप्रैल 2017 को स्कॉटलैंड यार्ड के प्रत्यर्पण वारंट के बाद से ही जमानत पर है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भगोड़ा व्यवसायी विजय माल्या का प्रत्यर्पण जल्द होने की संभावना कम है क्योंकि ब्रिटेन की सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके प्रत्यर्पण से पहले कानूनी मुद्दे का समाधान करने की जरूरत है.

पिछले महीने ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के खिलाफ उसकी अपील खारिज हो गई थी. उसके विरूद्ध धनशोधन और धोखाधड़ी के मामले हैं. ब्रिटेन उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुद्दा "गोपनीय" है.

उन्होंने कहा, "हम यह आकलन नहीं लगा सकते कि यह मुद्दा सुलझने में कितना समय लगेगा."

प्रवक्ता ने कहा, "विजय माल्या की प्रत्यर्पण के खिलाफ पिछले महीने अपील खारिज हो गई और वह ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में अब और अपील दायर नहीं कर सकेगा. बहरहाल, माल्या के प्रत्यर्पण से पहले कानूनी मुद्दे के समाधान की जरूरत है."

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अधिकारी ने बताया, ‘‘ब्रिटेन के कानून के तहत इसका समाधान होने तक प्रत्यर्पण नहीं हो सकता है. मुद्दा गोपनीय है और हम इसके बारे में विस्तार से नहीं बता सकते. हम यह आकलन नहीं कर सकते हैं कि इस मुद्दे का समाधान होने में कितना समय लगेगा. हम इससे जल्द से जल्द निपटना चाहते हैं."

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 21 मई को कहा था कि माल्या के सभी कानूनी विकल्प खत्म होने के बाद भारत उसके प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन की सरकार के संपर्क में है.

माल्या मार्च 2016 से ही ब्रिटेन में रह रहा है और तीन वर्ष पहले 18 अप्रैल 2017 को स्कॉटलैंड यार्ड के प्रत्यर्पण वारंट के बाद से ही जमानत पर है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 4, 2020, 7:44 PM IST
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