नई दिल्ली: वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने अगले साल अप्रैल में बीएस -VI मानकों को आसानी से लागू करने के लिए शुक्रवार को सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.
उसने कहा कि बीएस -VI के वाहनों का उत्पादन अचानक रोकना उनके समक्ष एक बड़ी चुनौती है. भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए) के वार्षिक सम्मेलन में सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने कहा कि वाहन विनिर्माण और कलपुर्जों की आपूर्ति कड़े उत्सर्जन मानकों के अनुरूप तैयार है.
लेकिन पूरे देश में बीएस-VI वाहन उपलब्ध कराने को लेकर थोड़ा चिंता का माहौल है. उन्होंने कहा, "31 मार्च को रातों रात एकदम से बदलाव करना थोड़ा मुश्किल है. बीएस-IV वाहनों की बिक्री और विनिर्माण दोनों रुक जाएंगे. ऐसा दुनिया में कहीं भी नहीं हुआ है."
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वढ़ेरा ने कहा कि मार्च के अंत तक बचे वाहनों (इंवेटरी) को शून्य पर लाना और उनकी बिक्री को बंद करने की योजना के बारे में अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है. वढेरा ने कहा कि यह पहले ही ग्राहकों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा है और यह पूरे वाहन उद्योग के लिए भारी नुकसानदायक है.
वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर और भारी उद्योग एवं लोक उपक्रम राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा, "हमारा आपसे आग्रह है कि आप इस पर विचार करें और आने वाले कुछ हफ्तों में हमें आपस में थोड़े-थोड़े अंतराल पर बातचीत करनी चाहिए ताकि इस बड़ी समस्या का संभावित समाधान निकाला जा सके."
पिछले साल उच्चतम न्यायालय ने देश में बीएस-IV वाहनों की देशभर में बिक्री पर एक अप्रैल 2020 से रोक लगा दी है.