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डीजल महंगा होने से महंगी हुई सब्जियां, 25 से 200 फीसदी तक बढ़े दाम - 25 से 200 फीसदी तक बढ़ा दाम

सब्जी कारोबारी बताते हैं कि डीजल महंगा होने से सब्जियों की ढुलाई का खर्च बढ़ गया है. इसके साथ ही बरसात के सीजन में हर साल सब्जियों की आवक कम हो जाती है जिससे कीमतों में तेजी रहती है.

डीजल महंगा होने से महंगी हुई सब्जियां, 25 से 200 फीसदी तक बढ़ा दाम
डीजल महंगा होने से महंगी हुई सब्जियां, 25 से 200 फीसदी तक बढ़ा दाम
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Published : Jul 5, 2020, 7:44 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के संकट काल में अब खाने-पीने की चीजें भी महंगी होने लगी हैं. खासतौर से सब्जियों के दाम में बीते एक महीने में जोरदार इजाफा हुआ है. तमाम सब्जियों के खुदरा दाम में 25 फीसदी से 200 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है.

टमाटर के दाम में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है. सब्जी कारोबारी बताते हैं कि बरसात में फसल खराब होने से कीमतों में बढ़ोतरी हुई.

आजादपुर कृषि उपज विपणन समिति(एपीएमसी) के चेयरमैन आदिल अहमद खान ने आईएएनएस को बताया कि बरसात के सीजन में आवक कम होने से ज्यादातर हरी सब्जियों की कीमतों में बीते एक महीने में वृद्धि दर्ज की गई है.

ये भी पढ़ें-कोविड-19 का प्रभाव: महंगा नहीं, अपने बजट के अनुकूल घर खरीदना चाहते हैं लोग

खान के मुताबिक, डीजल की महंगाई के चलते भी सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा, "सब्जी कारोबारी बताते हैं कि डीजल महंगा होने से सब्जियों की ढुलाई का खर्च बढ़ गया है."

हालांकि ग्रेटर नोएडा के खुदरा सब्जी विक्रेता मुनेंद्र को अपने खेतों से दुकानों तक सब्जी लाने में ढुलाई का कोई खर्च वहन नहीं करना पड़ता है, लेकिन वह भी पहले के मुकाबले अब ऊंचे दाम पर सब्जी बेचता है.

मुनेंद्र ने अपनी दुकान से महज एक किलोमीटर की दूरी पर कुछ बिगहे जमीन पट्टा पर लेकर उसमें बैगन, लौकी, करेला, भिंडी, खीरा आदि सब्जियों की खेती की है.

मुनेंद्र ने बताया कि बरसात का सीजन शुरू होने पर आमतौर पर फसल खराब होने लगती है, जिससे उपज कम होती है. यही कारण है कि सब्जियों की कीमतें बढ़ रही है.

ओखला मंडी के आढ़ती विजय अहूजा ने बताया कि बरसात के सीजन में हर साल सब्जियों की आवक कम हो जाती है जिससे कीमतों में तेजी रहती है.

दिल्ली-एनसीआर में एक महीने में कितनी महंगी हुई सब्जियां

जून के पहले हफ्ते में खुदरा दाम (रुपये प्रति किलो)

  • आलू-20-25
  • गोभी-30-40
  • टमाटर-20-30
  • प्याज-20-25
  • लौकी/घिया-20
  • भिंडी-20
  • खीरा-20
  • कद्दू-10-15
  • बैगन-20
  • शिमला मिर्च-60
  • तोरई-20
  • कैरला-15-20

जुलाई के पहले हफ्ते में खुदरा दाम (रुपये प्रति किलो)

  • आलू-30-35
  • गोभी-60-80
  • टमाटर-60-80
  • प्याज-25-30
  • लौकी/घिया-30
  • भिंडी-30-40
  • खीरा-50
  • कद्दू-20-30
  • बैगन-40
  • शिमला मिर्च-80
  • तोरई-40
  • करैला-30

आजादपुर मंडी में को सब्जियों का औसत थोक भाव (रुपये प्रति किलो) - 5 जून के दाम

  • आलू-15.25
  • गोभी-14.75
  • टमाटर-2.75
  • प्याज-6
  • लौकी/घिया-10
  • भिंडी-14
  • खीरा-11
  • कद्दू-12
  • बैगन-15.75
  • शिमला मिर्च-10.25
  • तोरई-10.50

आजादपुर मंडी में को सब्जियों का औसत थोक भाव (रुपये प्रति किलो) - 4 जुलाई के दाम

  • आलू-16.15
  • गोभी-36
  • टमाटर-29
  • प्याज-9.50
  • लौकी/घिया-12
  • भिंडी-16.50
  • खीरा-12.75
  • कद्दू-12
  • बैगन-15
  • शिमला मिर्च-16.50
  • तोरई-10

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के संकट काल में अब खाने-पीने की चीजें भी महंगी होने लगी हैं. खासतौर से सब्जियों के दाम में बीते एक महीने में जोरदार इजाफा हुआ है. तमाम सब्जियों के खुदरा दाम में 25 फीसदी से 200 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है.

टमाटर के दाम में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है. सब्जी कारोबारी बताते हैं कि बरसात में फसल खराब होने से कीमतों में बढ़ोतरी हुई.

आजादपुर कृषि उपज विपणन समिति(एपीएमसी) के चेयरमैन आदिल अहमद खान ने आईएएनएस को बताया कि बरसात के सीजन में आवक कम होने से ज्यादातर हरी सब्जियों की कीमतों में बीते एक महीने में वृद्धि दर्ज की गई है.

ये भी पढ़ें-कोविड-19 का प्रभाव: महंगा नहीं, अपने बजट के अनुकूल घर खरीदना चाहते हैं लोग

खान के मुताबिक, डीजल की महंगाई के चलते भी सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा, "सब्जी कारोबारी बताते हैं कि डीजल महंगा होने से सब्जियों की ढुलाई का खर्च बढ़ गया है."

हालांकि ग्रेटर नोएडा के खुदरा सब्जी विक्रेता मुनेंद्र को अपने खेतों से दुकानों तक सब्जी लाने में ढुलाई का कोई खर्च वहन नहीं करना पड़ता है, लेकिन वह भी पहले के मुकाबले अब ऊंचे दाम पर सब्जी बेचता है.

मुनेंद्र ने अपनी दुकान से महज एक किलोमीटर की दूरी पर कुछ बिगहे जमीन पट्टा पर लेकर उसमें बैगन, लौकी, करेला, भिंडी, खीरा आदि सब्जियों की खेती की है.

मुनेंद्र ने बताया कि बरसात का सीजन शुरू होने पर आमतौर पर फसल खराब होने लगती है, जिससे उपज कम होती है. यही कारण है कि सब्जियों की कीमतें बढ़ रही है.

ओखला मंडी के आढ़ती विजय अहूजा ने बताया कि बरसात के सीजन में हर साल सब्जियों की आवक कम हो जाती है जिससे कीमतों में तेजी रहती है.

दिल्ली-एनसीआर में एक महीने में कितनी महंगी हुई सब्जियां

जून के पहले हफ्ते में खुदरा दाम (रुपये प्रति किलो)

  • आलू-20-25
  • गोभी-30-40
  • टमाटर-20-30
  • प्याज-20-25
  • लौकी/घिया-20
  • भिंडी-20
  • खीरा-20
  • कद्दू-10-15
  • बैगन-20
  • शिमला मिर्च-60
  • तोरई-20
  • कैरला-15-20

जुलाई के पहले हफ्ते में खुदरा दाम (रुपये प्रति किलो)

  • आलू-30-35
  • गोभी-60-80
  • टमाटर-60-80
  • प्याज-25-30
  • लौकी/घिया-30
  • भिंडी-30-40
  • खीरा-50
  • कद्दू-20-30
  • बैगन-40
  • शिमला मिर्च-80
  • तोरई-40
  • करैला-30

आजादपुर मंडी में को सब्जियों का औसत थोक भाव (रुपये प्रति किलो) - 5 जून के दाम

  • आलू-15.25
  • गोभी-14.75
  • टमाटर-2.75
  • प्याज-6
  • लौकी/घिया-10
  • भिंडी-14
  • खीरा-11
  • कद्दू-12
  • बैगन-15.75
  • शिमला मिर्च-10.25
  • तोरई-10.50

आजादपुर मंडी में को सब्जियों का औसत थोक भाव (रुपये प्रति किलो) - 4 जुलाई के दाम

  • आलू-16.15
  • गोभी-36
  • टमाटर-29
  • प्याज-9.50
  • लौकी/घिया-12
  • भिंडी-16.50
  • खीरा-12.75
  • कद्दू-12
  • बैगन-15
  • शिमला मिर्च-16.50
  • तोरई-10
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