ETV Bharat / business

भारत के बाद अमेरिका ने दिया चीन को झटका, हुवावे और जेडटीई को सुरक्षा के लिए बताया खतरा

author img

By

Published : Jul 2, 2020, 11:18 AM IST

पब्लिक सेफ्टी एंड होमलैंड सिक्युरिटी ब्यूरो ने साक्ष्यों और हुवावे तथा जेडटीई के अपने समर्थन में रखे गये बयान तथा अन्य पक्षों की बातों के आधार पर यह निर्णय किया. हुवावे और जेडटीई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा बताने वाला निर्णय तुंरत प्रभाव से अमल में आ गया है.

भारत के बाद अमेरिका ने दिया चीन को झटका, हुवावे और जेडटीई को सुरक्षा के लिए बताया खतरा
भारत के बाद अमेरिका ने दिया चीन को झटका, हुवावे और जेडटीई को सुरक्षा के लिए बताया खतरा

वाशिंगटन: अमेरिकी फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (एफसीसी) ने चीनी कंपनी हुवावे और जेडटीई को 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा' घोषित है. उसने कहा कि अमेरिकी संचार नेटवर्क की सुरक्षा के लिये यह कदम उठाया गया है.

यह निर्णय मंगलवार को आया और यह तत्काल प्रभाव में आ गया है. इस निर्णय के दायरे में कंपनी मूल इकाई, संबद्ध और अनुषंगी इकाइयां आएंगी.

ये भी पढ़ें-ऑटोमोबाइल बिक्री: कंपनियों ने जारी की सेल्स रिपोर्ट, मारुती की बिक्री 54 प्रतिशत घटी

इस फैसले के बाद एफसीसी के 8.3 अरब डॉलर का सार्वभौमिक सेवा कोष का उपयोग इन आपूर्तिकर्ताओं द्वारा उपलब्ध किसी भी दूरसंचार उपकरण या सेवाओं को लेने में नहीं किया जा सकेगा.

पब्लिक सेफ्टी एंड होमलैंड सिक्युरिटी ब्यूरो ने साक्ष्यों और हुवावे तथा जेडटीई के अपने समर्थन में रखे गये बयान तथा अन्य पक्षों की बातों के आधार पर यह निर्णय किया. हुवावे और जेडटीई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा बताने वाला निर्णय तुंरत प्रभाव से अमल में आ गया है.

एफसीसी के चेयरमैन भारतीय-अमेरिकी अजित पई ने कहा, "इस आदेश के बाद और साक्ष्यों के आधार पर ब्यूरो ने हुवावे और जेडटीई को अमेरिकी संचार नेटवर्क और हमारे 5जी भविष्य के लिये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा बताया है."

पई के अनुसार दोनों कंपनियों का चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और सैन्य उपकरणों से संबद्ध है. दोनों कंपनियां चीनी कानून से बंधी हैं और उन पर देश की खुफिया सेवाओं के साथ सहयोग की बाध्यताएं हैं.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन: अमेरिकी फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (एफसीसी) ने चीनी कंपनी हुवावे और जेडटीई को 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा' घोषित है. उसने कहा कि अमेरिकी संचार नेटवर्क की सुरक्षा के लिये यह कदम उठाया गया है.

यह निर्णय मंगलवार को आया और यह तत्काल प्रभाव में आ गया है. इस निर्णय के दायरे में कंपनी मूल इकाई, संबद्ध और अनुषंगी इकाइयां आएंगी.

ये भी पढ़ें-ऑटोमोबाइल बिक्री: कंपनियों ने जारी की सेल्स रिपोर्ट, मारुती की बिक्री 54 प्रतिशत घटी

इस फैसले के बाद एफसीसी के 8.3 अरब डॉलर का सार्वभौमिक सेवा कोष का उपयोग इन आपूर्तिकर्ताओं द्वारा उपलब्ध किसी भी दूरसंचार उपकरण या सेवाओं को लेने में नहीं किया जा सकेगा.

पब्लिक सेफ्टी एंड होमलैंड सिक्युरिटी ब्यूरो ने साक्ष्यों और हुवावे तथा जेडटीई के अपने समर्थन में रखे गये बयान तथा अन्य पक्षों की बातों के आधार पर यह निर्णय किया. हुवावे और जेडटीई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा बताने वाला निर्णय तुंरत प्रभाव से अमल में आ गया है.

एफसीसी के चेयरमैन भारतीय-अमेरिकी अजित पई ने कहा, "इस आदेश के बाद और साक्ष्यों के आधार पर ब्यूरो ने हुवावे और जेडटीई को अमेरिकी संचार नेटवर्क और हमारे 5जी भविष्य के लिये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा बताया है."

पई के अनुसार दोनों कंपनियों का चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और सैन्य उपकरणों से संबद्ध है. दोनों कंपनियां चीनी कानून से बंधी हैं और उन पर देश की खुफिया सेवाओं के साथ सहयोग की बाध्यताएं हैं.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.