ETV Bharat / business

अमेरिका का जीएसपी प्रोत्साहनों को वापस लेने का फैसला जल्दबाजी, निर्यातक प्रभावित होंगे: सीआईआई - जीएसपी

अमेरिका ने भारतीय निर्यातकों को सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली (जीएसपी) कार्यक्रम के तहत दिए जाने वाले प्रोत्साहनों को पांच जून से वापस लेने की घोषणा की है.

अमेरिका का जीएसपी प्रोत्साहनों को वापस लेने का फैसला जल्दबाजी, निर्यातक प्रभावित होंगे: सीआईआईअमेरिका का जीएसपी प्रोत्साहनों को वापस लेने का फैसला जल्दबाजी, निर्यातक प्रभावित होंगे: सीआईआई
author img

By

Published : Jun 3, 2019, 5:12 PM IST

नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारत से निर्यात प्रोत्साहन सुविधा को वापस लेने का फैसला जल्दबाजी में उठाया गया कदम है और इससे घरेलू निर्यातक प्रभावित होंगे. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सोमवार को यह बात कही. सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने उम्मीद जताई कि भारत और अमेरिका दोनों इस मसले पर बातचीत करेंगे और इसका कुछ उचित समाधान निकालेंगे.

अमेरिका ने भारतीय निर्यातकों को सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली (जीएसपी) कार्यक्रम के तहत दिए जाने वाले प्रोत्साहनों को पांच जून से वापस लेने की घोषणा की है.

किर्लोस्कर ने संवाददाताओं से कहा कि जीएसपी का मुद्दा कुछ जल्दबाजी में उठाया गया कदम है. इससे निश्चित रूप से हमें, विशेषरूप से छोटे उत्पादों के निर्यातकों को नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि इन लाभों को वापस लिया जाने से भारतीय और अमेरिकी कंपनियां दोनों पर प्रभाव पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: भारत कर सकता है हुआवेई के वैश्विक नुकसान की भरपाई

किर्लोस्कर ने कहा, "इससे सिर्फ हमारे ऊपर असर नहीं होगा बल्कि इससे दोनों पक्ष प्रभावित होंगे. यह अमेरिकी विनिर्माताओं की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाएगा क्योंकि उनकी लागत कम होगी. जीएसपी कार्यक्रम के तहत अमेरिका का दो-तिहाई आयात होता है. इसमें उत्पादों के विनिर्माण के लिए कच्चे माल और कलपुर्जे शामिल होते हैं."

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कई महंगे सामान पर शुल्क समाप्त हो जाता है. किर्लोस्कर ने बताया कि 2016 और 2017 में जीएसपी कार्यक्रम के तहत अमेरिकी आयातकों को 73 करोड़ डॉलर की बचत हुई. इससे अमेरिकी कंपनियों ने 89.4 करोड़ डॉलर बचाए. इस मुद्दे पर भारतीय व्यापार संवर्द्धन परिषद (टीपीसीआई) ने कहा कि अमेरिका द्वारा जीएसपी वापस लेने के फैसले का भारत जवाब देगा.

आगामी महीनों में जवाबी शुल्क लगाया जाएगा. टीपीसीआई के चेयरमैन मोहित सिंगला ने हालांकि कहा कि इस लाभ को वापस लेने से खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि भारतीय निर्यातक इस चुनौती का सामना करने को तैयार हैं.

नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारत से निर्यात प्रोत्साहन सुविधा को वापस लेने का फैसला जल्दबाजी में उठाया गया कदम है और इससे घरेलू निर्यातक प्रभावित होंगे. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सोमवार को यह बात कही. सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने उम्मीद जताई कि भारत और अमेरिका दोनों इस मसले पर बातचीत करेंगे और इसका कुछ उचित समाधान निकालेंगे.

अमेरिका ने भारतीय निर्यातकों को सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली (जीएसपी) कार्यक्रम के तहत दिए जाने वाले प्रोत्साहनों को पांच जून से वापस लेने की घोषणा की है.

किर्लोस्कर ने संवाददाताओं से कहा कि जीएसपी का मुद्दा कुछ जल्दबाजी में उठाया गया कदम है. इससे निश्चित रूप से हमें, विशेषरूप से छोटे उत्पादों के निर्यातकों को नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि इन लाभों को वापस लिया जाने से भारतीय और अमेरिकी कंपनियां दोनों पर प्रभाव पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: भारत कर सकता है हुआवेई के वैश्विक नुकसान की भरपाई

किर्लोस्कर ने कहा, "इससे सिर्फ हमारे ऊपर असर नहीं होगा बल्कि इससे दोनों पक्ष प्रभावित होंगे. यह अमेरिकी विनिर्माताओं की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाएगा क्योंकि उनकी लागत कम होगी. जीएसपी कार्यक्रम के तहत अमेरिका का दो-तिहाई आयात होता है. इसमें उत्पादों के विनिर्माण के लिए कच्चे माल और कलपुर्जे शामिल होते हैं."

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कई महंगे सामान पर शुल्क समाप्त हो जाता है. किर्लोस्कर ने बताया कि 2016 और 2017 में जीएसपी कार्यक्रम के तहत अमेरिकी आयातकों को 73 करोड़ डॉलर की बचत हुई. इससे अमेरिकी कंपनियों ने 89.4 करोड़ डॉलर बचाए. इस मुद्दे पर भारतीय व्यापार संवर्द्धन परिषद (टीपीसीआई) ने कहा कि अमेरिका द्वारा जीएसपी वापस लेने के फैसले का भारत जवाब देगा.

आगामी महीनों में जवाबी शुल्क लगाया जाएगा. टीपीसीआई के चेयरमैन मोहित सिंगला ने हालांकि कहा कि इस लाभ को वापस लेने से खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि भारतीय निर्यातक इस चुनौती का सामना करने को तैयार हैं.

Intro:Body:

नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारत से निर्यात प्रोत्साहन सुविधा को वापस लेने का फैसला जल्दबाजी में उठाया गया कदम है और इससे घरेलू निर्यातक प्रभावित होंगे. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सोमवार को यह बात कही. सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने उम्मीद जताई कि भारत और अमेरिका दोनों इस मसले पर बातचीत करेंगे और इसका कुछ उचित समाधान निकालेंगे.

अमेरिका ने भारतीय निर्यातकों को सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली (जीएसपी) कार्यक्रम के तहत दिए जाने वाले प्रोत्साहनों को पांच जून से वापस लेने की घोषणा की है.

किर्लोस्कर ने संवाददाताओं से कहा कि जीएसपी का मुद्दा कुछ जल्दबाजी में उठाया गया कदम है. इससे निश्चित रूप से हमें, विशेषरूप से छोटे उत्पादों के निर्यातकों को नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि इन लाभों को वापस लिया जाने से भारतीय और अमेरिकी कंपनियां दोनों पर प्रभाव पड़ेगा.

किर्लोस्कर ने कहा, "इससे सिर्फ हमारे ऊपर असर नहीं होगा बल्कि इससे दोनों पक्ष प्रभावित होंगे. यह अमेरिकी विनिर्माताओं की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाएगा क्योंकि उनकी लागत कम होगी. जीएसपी कार्यक्रम के तहत अमेरिका का दो-तिहाई आयात होता है. इसमें उत्पादों के विनिर्माण के लिए कच्चे माल और कलपुर्जे शामिल होते हैं."

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कई महंगे सामान पर शुल्क समाप्त हो जाता है. किर्लोस्कर ने बताया कि 2016 और 2017 में जीएसपी कार्यक्रम के तहत अमेरिकी आयातकों को 73 करोड़ डॉलर की बचत हुई. इससे अमेरिकी कंपनियों ने 89.4 करोड़ डॉलर बचाए. इस मुद्दे पर भारतीय व्यापार संवर्द्धन परिषद (टीपीसीआई) ने कहा कि अमेरिका द्वारा जीएसपी वापस लेने के फैसले का भारत जवाब देगा.

आगामी महीनों में जवाबी शुल्क लगाया जाएगा. टीपीसीआई के चेयरमैन मोहित सिंगला ने हालांकि कहा कि इस लाभ को वापस लेने से खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि भारतीय निर्यातक इस चुनौती का सामना करने को तैयार हैं.

ये भी पढ़ें:


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.