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समु्द्र मार्ग से यूरोप पहुंचेगा उप्र का आम, ढुलाई खर्च एक चौथाई पड़ेगा

लखनऊ के समीप मलीहाबाद के मैंगो पैक हाउस से 10 टन आम की पहली खेप समुद्र के रास्ते यूरोप के लिये रवाना कर दी गयी है.

समु्द्र मार्ग से यूरोप पहुंचेगा उप्र का आम, ढुलाई खर्च एक चौथाई पड़ेगा
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Published : Jul 17, 2019, 10:04 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के चौसा और दशहरी जैसे रसीले आमों का यूरोप को निर्यात अब समुद्री मार्ग से भी शुरू हो गया है जिससे ढुलाई खर्च काफी कम हो जाएगा. अभी इन आमों की खेप विदेश के लिए विमानों से भेजी जाती रही है.

लखनऊ के समीप मलीहाबाद के मैंगो पैक हाउस से 10 टन आम की पहली खेप समुद्र के रास्ते यूरोप के लिये रवाना कर दी गयी है.

मंडीपरिषद के अधिकारियों के अनुसार समुद्र जहाजों से आम यूरोप भेजने का खर्च करीब 28 रूपये प्रति किलो होगा जबकि वहां यही माल वायुयानों से भेजने पर खर्च करीब 120 से 125 रूपये प्रति किलो पड़ता है.

ये भी पढ़ें: भारत के कई क्षेत्रों में निवेश के लिए बड़े अवसर: गोयल

उप्र मंडी परिषद के निदेशक जितेंद्र प्रताप सिंह ने बुधवार को 'भाषा' से विशेष बातचीत में कहा कि "कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के मलिहाबाद स्थित मैंगो हाउस से सोमवार को एक व्यापारिक कंटेनर में 10 टन चौसा आम पहली बार समुद्रीय रास्ते से यूरोप भेजने के लिये गुजरात के पीपावाव बंदरगाह रवाना किया गया."

यह माल स्पेन के रास्ते 17-18 दिन में इटली पहुंचेगा. यह खेप प्रयागराज के एक व्यापारी ने भेजी है. सिंह ने बताया कि समुद्री मार्ग से आम भेज रही कंपनी कुमार एग्री फार्मिंग ने आम की सेल्फ लाइफ बढ़ाने (ज्यादा समय तक ताजा बनाए रखने) के लिये नयी वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इससे यह आम अंतरराष्ट्रीय व यूरोपीय बाजार में गुणवत्ता के साथ बेचा जा सकता है.

सिंह ने बताया कि मैंगो पैक हाउस रहमानखेड़ा मलिहाबाद लखनऊ में फल/सब्जियों के लिए इसी वर्ष वेपर हीट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गयी है जिसके माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानको एवं फाइटो सेनेटरी मानको के अनुरूप मैंगो पैक हाउस से आमों को पैक कर उपलब्ध कराया जा रहा है.

इससे यहां से फल की खेप जलमार्ग से भेजना संभव हो रहा है तथा इससे प्रदेश के आम उत्पादकों के माल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ने की संभावना है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के चौसा और दशहरी जैसे रसीले आमों का यूरोप को निर्यात अब समुद्री मार्ग से भी शुरू हो गया है जिससे ढुलाई खर्च काफी कम हो जाएगा. अभी इन आमों की खेप विदेश के लिए विमानों से भेजी जाती रही है.

लखनऊ के समीप मलीहाबाद के मैंगो पैक हाउस से 10 टन आम की पहली खेप समुद्र के रास्ते यूरोप के लिये रवाना कर दी गयी है.

मंडीपरिषद के अधिकारियों के अनुसार समुद्र जहाजों से आम यूरोप भेजने का खर्च करीब 28 रूपये प्रति किलो होगा जबकि वहां यही माल वायुयानों से भेजने पर खर्च करीब 120 से 125 रूपये प्रति किलो पड़ता है.

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उप्र मंडी परिषद के निदेशक जितेंद्र प्रताप सिंह ने बुधवार को 'भाषा' से विशेष बातचीत में कहा कि "कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के मलिहाबाद स्थित मैंगो हाउस से सोमवार को एक व्यापारिक कंटेनर में 10 टन चौसा आम पहली बार समुद्रीय रास्ते से यूरोप भेजने के लिये गुजरात के पीपावाव बंदरगाह रवाना किया गया."

यह माल स्पेन के रास्ते 17-18 दिन में इटली पहुंचेगा. यह खेप प्रयागराज के एक व्यापारी ने भेजी है. सिंह ने बताया कि समुद्री मार्ग से आम भेज रही कंपनी कुमार एग्री फार्मिंग ने आम की सेल्फ लाइफ बढ़ाने (ज्यादा समय तक ताजा बनाए रखने) के लिये नयी वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इससे यह आम अंतरराष्ट्रीय व यूरोपीय बाजार में गुणवत्ता के साथ बेचा जा सकता है.

सिंह ने बताया कि मैंगो पैक हाउस रहमानखेड़ा मलिहाबाद लखनऊ में फल/सब्जियों के लिए इसी वर्ष वेपर हीट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गयी है जिसके माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानको एवं फाइटो सेनेटरी मानको के अनुरूप मैंगो पैक हाउस से आमों को पैक कर उपलब्ध कराया जा रहा है.

इससे यहां से फल की खेप जलमार्ग से भेजना संभव हो रहा है तथा इससे प्रदेश के आम उत्पादकों के माल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ने की संभावना है.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के चौसा और दशहरी जैसे रसीले आमों का यूरोप को निर्यात अब समुद्री मार्ग से भी शुरू हो गया है जिससे ढुलाई खर्च काफी कम हो जाएगा. अभी इन आमों की खेप विदेश के लिए विमानों से भेजी जाती रही है.

लखनऊ के समीप मलीहाबाद के मैंगो पैक हाउस से 10 टन आम की पहली खेप समुद्र के रास्ते यूरोप के लिये रवाना कर दी गयी है.

मंडीपरिषद के अधिकारियों के अनुसार समुद्र जहाजों से आम यूरोप भेजने का खर्च करीब 28 रूपये प्रति किलो होगा जबकि वहां यही माल वायुयानों से भेजने पर खर्च करीब 120 से 125 रूपये प्रति किलो पड़ता है.

उप्र मंडी परिषद के निदेशक जितेंद्र प्रताप सिंह ने बुधवार को 'भाषा' से विशेष बातचीत में कहा कि "कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के मलिहाबाद स्थित मैंगो हाउस से सोमवार को एक व्यापारिक कंटेनर में 10 टन चौसा आम पहली बार समुद्रीय रास्ते से यूरोप भेजने के लिये गुजरात के पीपावाव बंदरगाह रवाना किया गया."

यह माल स्पेन के रास्ते 17-18 दिन में इटली पहुंचेगा. यह खेप प्रयागराज के एक व्यापारी ने भेजी है. सिंह ने बताया कि समुद्री मार्ग से आम भेज रही कंपनी कुमार एग्री फार्मिंग ने आम की सेल्फ लाइफ बढ़ाने (ज्यादा समय तक ताजा बनाए रखने) के लिये नयी वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इससे यह आम अंतरराष्ट्रीय व यूरोपीय बाजार में गुणवत्ता के साथ बेचा जा सकता है.

सिंह ने बताया कि मैंगो पैक हाउस रहमानखेड़ा मलिहाबाद लखनऊ में फल/सब्जियों के लिए इसी वर्ष वेपर हीट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गयी है जिसके माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानको एवं फाइटो सेनेटरी मानको के अनुरूप मैंगो पैक हाउस से आमों को पैक कर उपलब्ध कराया जा रहा है.

इससे यहां से फल की खेप जलमार्ग से भेजना संभव हो रहा है तथा इससे प्रदेश के आम उत्पादकों के माल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ने की संभावना है.

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