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फरार होने के खतरे से नीरव मोदी की जमानत अर्जी चौथी बार खारिज

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Published : Jun 12, 2019, 3:11 PM IST

Updated : Jun 12, 2019, 7:57 PM IST

ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत अर्जी को बुधवार को खारिज कर दिया. यह चौथी बार है जब नीरव मोदी की जमानत याचिका को खारिज किया गया है. इससे पहले निचली अदालत तीन बार उसकी याचिका खारिज कर चुकी है.

नीरव मोदी की जमानत याचिका चौथी बार खारिज

लंदन: ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत अर्जी को बुधवार को खारिज कर दिया. हीरा कारोबारी का प्रयास है कि पंजाब नेशनल बैंक के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसे भारत को न सौंपा जाए.

न्यायाधीश इंग्रिड सिमलर ने नीरव मोदी और भारत की ओर से पैरवी कर रही ब्रिटेन की अभियोजन सेवा के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि यह मानने का ठोस आधार है कि नीरव मोदी जमानत पर छूटने के बाद फिर से कानून के आगे समर्पण नहीं करेगा. उन्होंने माना है कि नीरव मोदी को जमानत पर छोड़ा जाता है तो वह सबूत के साथ छेड़छाड़ और न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचा सकता है.

ये भी पढ़ें- अरहर के बढ़ते दाम को लेकर सरकार सतर्क, अक्टूबर तक 4 लाख टन दाल करेगी आयात

इससे पहले नीरव मोदी की कानूनी टीम ने मंगलवार को उच्च न्यायालय के सामने अपनी दलीलें पेश की थीं. दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुनाने के लिए बुधवार का दिन तय किया था.

जानकारी देते संवाददाता

इससे पहले लंदन की निचली अदालत तीन बार नीरव मोदी की जमानत की अर्जी खा रिज कर चुकी थी. उस मजिस्ट्रेटी अदालत की भी राय थी कि भारत में कानूनी रूप से भगोड़े घोषित इस कारोबारी को जमानत देने में यह बड़ा जोखिम है कि वह ब्रिटेन से भाग सकता है और कानून के समक्ष समर्पण नहीं करेगा. लंदन की पुलिस ने 19 मार्च को नीरव मोदी को गिरफ्तार किया था और उसके बाद से वह जेल में है.

लंदन: ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत अर्जी को बुधवार को खारिज कर दिया. हीरा कारोबारी का प्रयास है कि पंजाब नेशनल बैंक के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसे भारत को न सौंपा जाए.

न्यायाधीश इंग्रिड सिमलर ने नीरव मोदी और भारत की ओर से पैरवी कर रही ब्रिटेन की अभियोजन सेवा के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि यह मानने का ठोस आधार है कि नीरव मोदी जमानत पर छूटने के बाद फिर से कानून के आगे समर्पण नहीं करेगा. उन्होंने माना है कि नीरव मोदी को जमानत पर छोड़ा जाता है तो वह सबूत के साथ छेड़छाड़ और न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचा सकता है.

ये भी पढ़ें- अरहर के बढ़ते दाम को लेकर सरकार सतर्क, अक्टूबर तक 4 लाख टन दाल करेगी आयात

इससे पहले नीरव मोदी की कानूनी टीम ने मंगलवार को उच्च न्यायालय के सामने अपनी दलीलें पेश की थीं. दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुनाने के लिए बुधवार का दिन तय किया था.

जानकारी देते संवाददाता

इससे पहले लंदन की निचली अदालत तीन बार नीरव मोदी की जमानत की अर्जी खा रिज कर चुकी थी. उस मजिस्ट्रेटी अदालत की भी राय थी कि भारत में कानूनी रूप से भगोड़े घोषित इस कारोबारी को जमानत देने में यह बड़ा जोखिम है कि वह ब्रिटेन से भाग सकता है और कानून के समक्ष समर्पण नहीं करेगा. लंदन की पुलिस ने 19 मार्च को नीरव मोदी को गिरफ्तार किया था और उसके बाद से वह जेल में है.

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नीरव मोदी की जमानत याचिका पर खारिज

लंदन: ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली. जिसके बाद न्यायालय ने नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज कर दी.  

बता दें कि निचली अदालत के जमानत देने से इनकार करने के फैसले को नीरव मोदी  ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.

हीरा कारोबारी का प्रयास है कि पंजाब नेशनल बैंक के साथ करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसे भारत को न सौंपा जाए.

नीरव मोदी की याचिका पर सुनवाई कर रहीं न्यायमूर्ति इंग्रिड सिमलर ने सुनवाई पूरी की. 

 


Conclusion:
Last Updated : Jun 12, 2019, 7:57 PM IST
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