नई दिल्ली: उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना का प्रचार और इसमें प्रवेश की बाध्यता कम होने के कारण ही महाराष्ट्र के एक समृद्ध किसान ने चुनिंदा मार्गो पर हवाई सेवा शुरू करने के लिए भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एएआई) से संपर्क करने के लिए उत्साहित हुआ था, लेकिन उसका उत्साह जल्द ही क्षीण पड़ गया.
काफी प्रचार में रही उड़ान यानी क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) अपनी यात्रा के तीसरे साल में कदम रख चुकी है, लेकिन हालिया आंकड़ों से जाहिर होता है कि इसका उत्साह अब मंद पड़ चुका है. आंकड़ों के अनुसार, 688 तय रूटों में से अब तक महज एक चौथाई रूटों पर ही नियमित उड़ान सेवा का संचालन हो पाया है.
डेक्कन चार्टर्स एंड एयर ओडिशा को मिली 18 निविदाएं लंबे समय तक उड़ानों का संचालन नहीं होने के कारण रद्द हो चुकी हैं. संकट में फंसी एयरलाइन जेट एयरवेज को प्रदान किए गए करीब 10 रूट समीक्षाधीन हैं और जल्द ही इनको भी रद्द किया जा सकता है.
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इस महत्वाकांक्षीय योजना का संचालन करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "योजना में अधिक से अधिक कंपनियों की भागीदारी को लेकर हमने नियमों में छूट दी. महाराष्ट्र का किसान हमारे पास सेवा शुरू करने के इरादे से आया, लेकिन उन्होंने दोबारा संपर्क नहीं किया. धन की उपलब्धता, परिचालन लागत और कमजोर मांग जैसी कई समस्याएं हैं जो आरसीएस की राह में बाधक बनी हुई हैं."
विभिन्न विमान सेवा संचालकों को तीन चरणों की बोली में 688 रूटों पर उड़ान संचालन की अनुमति दी गई थी.
उड़ान की पहली बोली में मार्च 2017 में सरकार ने पांच एययलाइंस को 128 रूटों पर विमान सेवा परिचालन करने की निविदाएं प्रदान कीं. ये ऐसे रूट हैं जहां पहले से विमान सेवा नहीं हैं. आरसीएस के दूसरे चरण में जनवरी 2018 में 15 विमान सेवा प्रदाताओं को 325 रूट प्रदान किए गए.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने तीसरे चरण में इस साल जनवरी में 235 रूट अवार्ड किए जिनमें देश के 29 राज्यों के 198 आरसीएस और 46 पर्यटन रूट शामिल हैं.