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उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कैब कंपनी उबर पर किया केस - former DGP Sulkhan Singh

गलत तरीके से ट्रिप कैंसिल कर 52.50 रुपये का चार्ज लगाने पर पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने उबर कैब कंपनी पर गोमतीनगर थाना में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कैब कंपनी उबर पर किया केस
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Published : May 28, 2019, 4:21 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने कैब कंपनी उबर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. गोमती नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के अनुसार पूर्व डीजीपी ने रविवार को एक उबर कैब बुक की थी, लेकिन किसी कारणवश यात्रा को तुरंत रद्द करना पड़ा.

जिसके बाद कैब कंपनी ने उनसे कैंसलेशन चार्ज के रूप में 52.50 रुपये लिए. उन्होंने कस्टमर केयर से बात की लेकिन कंपनी ने कैंसिलेशन चार्ज वापस करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सिंह ने पुलिस में मामला दर्ज कराया.

ये भी पढ़ें- अमूल और मदर डेयरी के बाद डीएमएस भी बढ़ा सकती है दूध की कीमतें

वहीं, गोमती नगर स्टेशन हाउस ऑफिसर राम सूरत सोनकर ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और आगे की जांच के तहत मामला दर्ज किया गया था.

जब समाचार एजेंसी आईएएनएस ने उबर से संपर्क किया, तो उसके प्रवक्ता ने कहा कि गलत तरीके से चार्ज किए जाने पर ग्राहक अपने ऐप के माध्यम से शिकायत कर सकता है और इसे वापस कर दिया जाता है.

उबर के प्रवक्ता ने कहा, "रद्द करने और रिफंड के लिए अगर किसी राइडर को लगता है कि उनसे गलत तरीके से शुल्क लिया गया है, तो राइडर रिपोर्ट कर सकता है. अपने यात्रा इतिहास से ऐप की मदद ले सकता है. जिसके बाद मामला सही पाए जाने पर किराया तुरंत वापस कर दिया जाता है."

बता दें कि कई बार कैब कंपनियां पर मनमाने तरीके से पैसे वसूलने का आरोप लगते रहते हैं. कई मामलों में लोगों को तुरंत रिफंड भी दे दिया जाता है, लेकिन कई बार कंपनी लोगों को ठगने में सफल हो जाती है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने कैब कंपनी उबर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. गोमती नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के अनुसार पूर्व डीजीपी ने रविवार को एक उबर कैब बुक की थी, लेकिन किसी कारणवश यात्रा को तुरंत रद्द करना पड़ा.

जिसके बाद कैब कंपनी ने उनसे कैंसलेशन चार्ज के रूप में 52.50 रुपये लिए. उन्होंने कस्टमर केयर से बात की लेकिन कंपनी ने कैंसिलेशन चार्ज वापस करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सिंह ने पुलिस में मामला दर्ज कराया.

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वहीं, गोमती नगर स्टेशन हाउस ऑफिसर राम सूरत सोनकर ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और आगे की जांच के तहत मामला दर्ज किया गया था.

जब समाचार एजेंसी आईएएनएस ने उबर से संपर्क किया, तो उसके प्रवक्ता ने कहा कि गलत तरीके से चार्ज किए जाने पर ग्राहक अपने ऐप के माध्यम से शिकायत कर सकता है और इसे वापस कर दिया जाता है.

उबर के प्रवक्ता ने कहा, "रद्द करने और रिफंड के लिए अगर किसी राइडर को लगता है कि उनसे गलत तरीके से शुल्क लिया गया है, तो राइडर रिपोर्ट कर सकता है. अपने यात्रा इतिहास से ऐप की मदद ले सकता है. जिसके बाद मामला सही पाए जाने पर किराया तुरंत वापस कर दिया जाता है."

बता दें कि कई बार कैब कंपनियां पर मनमाने तरीके से पैसे वसूलने का आरोप लगते रहते हैं. कई मामलों में लोगों को तुरंत रिफंड भी दे दिया जाता है, लेकिन कई बार कंपनी लोगों को ठगने में सफल हो जाती है.

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उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कैब कंपनी उबर पर किया केस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने कैब कंपनी उबर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. गोमती नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के अनुसार पूर्व डीजीपी ने रविवार को एक उबर कैब बुक की थी, लेकिन किसी कारणवश यात्रा को तुरंत रद्द करना पड़ा.

जिसके बाद कैब कंपनी ने उनसे कैंसलेशन चार्ज के रूप में 52.50 रुपये लिए. उन्होंने कस्टमर केयर से बात की लेकिन कंपनी ने कैंसिलेशन चार्ज वापस करने से इनकार कर दिया. इसके बाद सिंह ने पुलिस में मामला दर्ज कराया.

वहीं, गोमती नगर स्टेशन हाउस ऑफिसर राम सूरत सोनकर ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और आगे की जांच के तहत मामला दर्ज किया गया था.

जब समाचार एजेंसी आईएएनएस ने उबर से संपर्क किया, तो उसके प्रवक्ता ने कहा कि गलत तरीके से चार्ज किए जाने पर ग्राहक अपने ऐप के माध्यम से शिकायत कर सकता है और इसे वापस कर दिया जाता है.

उबर के प्रवक्ता ने कहा, "रद्द करने और रिफंड के लिए अगर किसी राइडर को लगता है कि उनसे गलत तरीके से शुल्क लिया गया है, तो राइडर रिपोर्ट कर सकता है. अपने यात्रा इतिहास से ऐप की मदद ले सकता है और किराया लगभग तुरंत वापस कर दिया जाता है."

बता दें कि कई बार कैब कंपनियां पर मनमाने तरीके से पैसे वसूलने का आरोप लगते रहते हैं. कई मामलों में लोगों को तुरंत रिफंड भी दे दिया जाता है, लेकिन कई बार कंपनी लोगों को ठगने में सफल हो जाती है. 

 


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