नई दिल्ली: दूरसंचार ढांचागत कंपनियों ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल से 1,500 करोड़ रुपये का बकाया तत्काल चुकाने को कहा है. इन कंपनियों ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर वे दूरसंचार कंपनी की सेवाएं चालू रखने के लिए जरूरी खर्च करने में असमर्थ हैं. ढांचागत क्षेत्र की कंपनियों ने कहा कि भुगतान नहीं होने के चलते देश में कई स्थानों पर पहले ही मोबाइल सेवाएं बाधित होने लगी हैं.
उद्योग संगठन टॉवर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (टीएआईपीए) के तहत आठ ढांचागत कंपनियों के समूह ने गुरुवार को बीएसएनएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पी के पुरवार को पत्र लिखकर पीएसयू की सेवाओं को बनाए रखने के लिए जरूरी बिजली, डीजल, बैटरी आदि के भुगतान में समस्या के चलते बकाया राशि तत्काल चुकाने की मांग की है.
टीएआईपीए के महानिदेशक टी आर दुआ ने एक बयान में कहा कि बीएसएनएल पर कुल 1,500 करोड़ रुपये लंबे समय से बकाया हैं, जिसके चलते समस्या गंभीर हो गई है. हम इस मामले में बीएसएनएल के सीएमडी से तत्काल हस्तक्षेप और समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र की ढांचागत कंपनियां पहले ही वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं और इस समय जारी लॉकडाउन के दौरान नेटवर्क को सुचारू बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. इस संबंध में बीएसएनएल को भेजे गए सवालों पर कंपनी ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
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टीएआईपीए ने इंडस टावर्स लिमिटेड, एटीसी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, भारती इंफ्राटेल लिमिटेड, टावर विजन लिमिटेड, स्टरलाइट टेक्नालॉजीज लिमिटेड, स्पेस टेलीलिंक लिमिटेड, एप्लाइड सोलर टेक्नालॉजीज और कॉसलाइट इंडिया लिमिटेड की तरफ से बीएसएनएल के सीएमडी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.
(पीटीआई-भाषा)