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टेक महिंद्रा, रीगेन कोराना वासयर की दवाई पेटेंट कराएंगी

टेक महिंद्रा के तकनीकी नवप्रवर्तन विभाग के वैश्विक प्रमुख एवं कंपनी की मार्कर्स लैब पहल के प्रकुख निखिल मल्होत्रा ने कहा कि रीगेन के साथ मिल कर पेटेंट हासिल करने आवेदन की तैयारी चल रही है.

टेक महिंद्रा, रीगेन कोराना वासयर की दवाई पेटेंट कराएंगी
टेक महिंद्रा, रीगेन कोराना वासयर की दवाई पेटेंट कराएंगी
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Published : May 2, 2021, 8:33 PM IST

नई दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टेक महिंद्रा औषधि कंपनी रीगेन बायोसाइसेंज के साथ मिल कर एक ऐसी दवा के पेटेंट का आवेदन किया है जो कोरोना वायरस के शमन में कारगर हो सकती है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

टेक महिंद्रा के तकनीकी नवप्रवर्तन विभाग के वैश्विक प्रमुख एवं कंपनी की मार्कर्स लैब पहल के प्रकुख निखिल मल्होत्रा ने पीटीआई भाषा को यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि रीगेन के साथ मिल कर पेटेंट हासिल करने आवेदन की तैयारी चल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि इस दवा का अभी और परीक्षण किया जाएगा.

मार्कर्स लैब टेक महिंद्रा की अनुसंधान एवं विकास इकाई है.

मल्होत्रा ने कहा, 'हमने एक औषधीय रसायन का विकास किया है जो कोराना वायरस के शमन में कारगर हो सकता है. हमने संयुक्त रूप से इस पर अपना पेटेंट कराने का आवेदन कर दिया है. हम यह प्रक्रिया पूरी होने से पहले इस औषधीय योगिक का नाम सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं.'

इस अवयव के विकास में दोनों कंपनियों का योगदान है. मार्कर्स लैब ने कोरोना वायरस का गणितीय प्रतिरूपण के आधार पर विश्लेषण किया.

ये भी पढ़ें : टी रविशंकर बनाए गए आरबीआई के डिप्टी गवर्नर

आणविक प्रतिरूपण अध्ययन के आधार पर टेक महिंद्रा और इस शोध में उसके साथ काम कर रही जैव प्रौद्योगिकी कंपनी रीगेन ने अमरीकी औषधि विनियामक एफडीए द्वारा मंजूर 8000 दवाओं की सूची में से 10 औषधीय रासयनिक अणुओं की पहचान की और उन पर अपने भागीदारों के साथ बेंगलूरू में आगे अनुसंधान शुरू किया .

इस अनुसंधान में एक त्रि-बीमीय फेफड़े का सृजन कर इन अणुओं का परीक्षण शुरू किया गया. मल्होत्रा ने बताया कि इनमें एक अणु हमारे अनुसंधान के अनुकूल पाया गया . उन्होंने कहा , 'हमने गणितीय विश्लेषण और हमारे भागीदारों ने चिकित्सकीय परीक्षण किए.'

उन्होंने कहा कि यह अनुसंधान गणितीय विश्लेषण प्रौद्योगिकी के आधार पर भविष्य में नयी दवाओं की खोज की प्रौद्योगिकी तैयार करने का प्रयास भी है.

नई दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टेक महिंद्रा औषधि कंपनी रीगेन बायोसाइसेंज के साथ मिल कर एक ऐसी दवा के पेटेंट का आवेदन किया है जो कोरोना वायरस के शमन में कारगर हो सकती है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

टेक महिंद्रा के तकनीकी नवप्रवर्तन विभाग के वैश्विक प्रमुख एवं कंपनी की मार्कर्स लैब पहल के प्रकुख निखिल मल्होत्रा ने पीटीआई भाषा को यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि रीगेन के साथ मिल कर पेटेंट हासिल करने आवेदन की तैयारी चल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि इस दवा का अभी और परीक्षण किया जाएगा.

मार्कर्स लैब टेक महिंद्रा की अनुसंधान एवं विकास इकाई है.

मल्होत्रा ने कहा, 'हमने एक औषधीय रसायन का विकास किया है जो कोराना वायरस के शमन में कारगर हो सकता है. हमने संयुक्त रूप से इस पर अपना पेटेंट कराने का आवेदन कर दिया है. हम यह प्रक्रिया पूरी होने से पहले इस औषधीय योगिक का नाम सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं.'

इस अवयव के विकास में दोनों कंपनियों का योगदान है. मार्कर्स लैब ने कोरोना वायरस का गणितीय प्रतिरूपण के आधार पर विश्लेषण किया.

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आणविक प्रतिरूपण अध्ययन के आधार पर टेक महिंद्रा और इस शोध में उसके साथ काम कर रही जैव प्रौद्योगिकी कंपनी रीगेन ने अमरीकी औषधि विनियामक एफडीए द्वारा मंजूर 8000 दवाओं की सूची में से 10 औषधीय रासयनिक अणुओं की पहचान की और उन पर अपने भागीदारों के साथ बेंगलूरू में आगे अनुसंधान शुरू किया .

इस अनुसंधान में एक त्रि-बीमीय फेफड़े का सृजन कर इन अणुओं का परीक्षण शुरू किया गया. मल्होत्रा ने बताया कि इनमें एक अणु हमारे अनुसंधान के अनुकूल पाया गया . उन्होंने कहा , 'हमने गणितीय विश्लेषण और हमारे भागीदारों ने चिकित्सकीय परीक्षण किए.'

उन्होंने कहा कि यह अनुसंधान गणितीय विश्लेषण प्रौद्योगिकी के आधार पर भविष्य में नयी दवाओं की खोज की प्रौद्योगिकी तैयार करने का प्रयास भी है.

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