सियोल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच शुक्रवार को व्यापार, निवेश, रक्षा और सुरक्षा समेत प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर रचनात्मक बातचीत हुई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण कोरिया के साथ भारत के रणनीतिक समझौतों को मजबूत करने के लिए यहां की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जंग-सूक से भी मुलाकात की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, "दोनों नेताओं ने व्यापार एंव निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, स्टार्टअप क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर रचनात्मक वार्ता की."
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2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 50 अरब करने की प्रतिबद्धता
वार्ता के बाद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून ने मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के आर्थिक परिवर्तन में दक्षिण कोरिया एक महत्वपूर्ण भागीदार है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत के आर्थिक परिवर्तन में हम कोरिया को एक बहुमूल्य भागीदार मानते हैं. हमारे निवेश और व्यापारिक संबंध बढ़ रहे हैं. आज राष्ट्रपति मून और मैंने 2030 तक हमारे द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 50 अरब डॉलर तक ले जाने को लेकर एक बार फिर प्रतिबद्धता जताई है."
पीएम ने कहा कि बुनियादी ढांचा, बंदरगाह विकास, समुद्री एवं खाद्य प्रसंस्करण, स्टार्टअप और छोटे एवं मझोले उद्यम जैसों क्षेत्र में हम सहयोग बढ़ाने पर राजी हुए हैं. मोदी ने कहा कि रक्षा उत्पादन में उल्लेखनीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए भारत और दक्षिण कोरिया ने रक्षा प्रौद्योगिकी और सह-उत्पादन की रूपरेखा बनाने पर भी सहमति जताई है. इसके तहत हम भारत में बना रहे रक्षा औद्योगिक गलियारों में कोरियाई कंपनियों की भागीदारी का स्वागत करेंगे.
एक्ट ईस्ट नीति
पीएम मोदी ने कहा, ''मैंने अनुभव किया कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति और कोरिया की नई दक्षिण नीति ने हमारी विशेष सामरिक भागीदारी को मजबूत करने और गहरा करने का एक मंच दिया है. भारत-प्रशांत के संबंध में भारत का नजरिया समावेशी, आसियान केन्द्रित और साझी समृद्धि पर विशेष जोर देता है.'' मोदी ने कहा कोरिया ने भारतीयों के लिए समूह वीजा के सरलीकरण का निर्णय किया, जिसका मैं स्वागत करता हूं. इससे हमारे द्विपक्षीय पर्यटन का विकास होगा.
दक्षिणकोरिया के साथ कुछ प्रमुख एमओयू
1. दक्षिणकोरिया प्लस के विस्तार पर समझौता ज्ञापन
कोरिया प्लस का संचालन जारी रखने के लिए एक संगठन जो भारत में कोरियाई कंपनियों द्वारा निवेश की सुविधा प्रदान करता है. कोरिया प्लस का संचालन जून 2016 में किया गया था. इसमें उद्योग, व्यापार और ऊर्जा मंत्रालय दक्षिण कोरिया, कोरिया व्यापार निवेश और संवर्धन एजेंसी (कोत्रा) और इन्वेस्ट इंडिया के प्रतिनिधि शामिल हैं.
2. स्टार्ट-अप सहयोग पर समझौता ज्ञापन
स्टार्ट-अप के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए और स्टार्टअप कंपनियों के विचारों, प्रौद्योगिकियों और डिजाइनों के व्यावसायीकरण के लिए भारत में एक कोरिया स्टार्ट-अप सेंटर (KSC) की स्थापना करना.
3. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और कोरिया एक्सप्रेसवे निगम के बीच एमओयू
भारत की सड़क और परिवहन अवसंरचना विकास परियोजनाओं में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना और सड़क और परिवहन के क्षेत्र में तकनीकी और संस्थागत ज्ञान विनिमय की सुविधा प्रदान करना.
(भाषा)