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भारतीय बाजार में व्यक्तिगत आयकर में कटौती की अटकलें तेज

डीबीएस बैंक के अनुसार अब जब सभी कंपनी कर की दर 25 प्रतिशत है, ऐसे में संभावना है कि आयकर कर की दरों में कमी आएगी. अभी यह अधिकतम आयकर की दर 30 प्रतिशत है. इस पर अधिभार और उपकर अलग से लगता है.

भारतीय बाजार में व्यक्तिगत आयकर में कटौती की अटकलें तेज
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Published : Oct 29, 2019, 11:24 PM IST

Updated : Oct 29, 2019, 11:35 PM IST

सिंगापुर: भारत में पिछले महीने कंपनी कर में कटौती के बाद व्यक्तिगत आयकर में कटौती की अटकलें तेज हैं. सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने मंगलवार को यह कहा.

बैंक के अनुसार अब जब सभी कंपनी कर की दर 25 प्रतिशत है, ऐसे में संभावना है कि आयकर कर की दरों में कमी आएगी. अभी यह अधिकतम आयकर की दर 30 प्रतिशत है. इस पर अधिभार और उपकर अलग से लगता है.

डीबीएस ने अपनी रिपोर्ट ‘भारत: व्यक्तिगत आयकर में कटौती की संभावना में कहा, "बाजार में लोग इस कदम के समय को लेकर बंटे हुए हैं." कुछ का कहना है कि यह घोषणा कभी भी हो सकती है पर कुछ का कहना है कि सरकार इसके लिए आगामी बजट का इंतजार कर सकती है. बजट फरवरी के शुरू में पेश किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- वित्त मंत्री ने कंपनियों को सीएसआर के तहत गरीब, पूर्वोत्तर राज्यों तक पहुंच बढ़ाने को कहा

रिपोर्ट के अनुसार मूल छूट सीमा में वृद्धि तथा उच्च आय वर्ग के लिये अलग-अलग कर दर ढांचा संभवत: सरकार के विचारार्थ है. न्यूनतम कर स्लैब को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है.

बैंक के अनुसार 5 लाख रुपये से अधिक की आय पर की कर दर में कटौती की जा सकती है. यह अलग-अलग कर की दरों पर निर्भर करेगा. फिलहाल यह दर 10 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 30 प्रतिशत है. इस प्रकार की व्यवस्था से छोटे करदाताओं पर बोझ कम होगा, मध्यम आय वालों पर कर की दरें कम होंगी लेकिन उच्च आय वर्ग की श्रेणी में आने वालों पर कर भार बढ़ सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार इस प्रकार की घोषणा को लेकर अटकलें तेज हैं. हालांकि प्राधिकरण कुछ इंतजार कर सकता है और बजट में इस प्रकार की घोषणा कर सकते हैं. बजट फरवरी 2020 में पेश किया जाना है.

डीबीएस ने कहा कि छूट सीमा में किसी प्रकार की बढ़ोतरी से उन छोटे करदाताओं को लाभ होगा जिनकी आय 5 लाख रुपये से कम है. फरवरी 2019 के बजट में 5 लाख रुपये तक की आय वालों को पहले ही राहत उपलब्ध करायी जा चुकी है.

सिंगापुर: भारत में पिछले महीने कंपनी कर में कटौती के बाद व्यक्तिगत आयकर में कटौती की अटकलें तेज हैं. सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने मंगलवार को यह कहा.

बैंक के अनुसार अब जब सभी कंपनी कर की दर 25 प्रतिशत है, ऐसे में संभावना है कि आयकर कर की दरों में कमी आएगी. अभी यह अधिकतम आयकर की दर 30 प्रतिशत है. इस पर अधिभार और उपकर अलग से लगता है.

डीबीएस ने अपनी रिपोर्ट ‘भारत: व्यक्तिगत आयकर में कटौती की संभावना में कहा, "बाजार में लोग इस कदम के समय को लेकर बंटे हुए हैं." कुछ का कहना है कि यह घोषणा कभी भी हो सकती है पर कुछ का कहना है कि सरकार इसके लिए आगामी बजट का इंतजार कर सकती है. बजट फरवरी के शुरू में पेश किया जाएगा.

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रिपोर्ट के अनुसार मूल छूट सीमा में वृद्धि तथा उच्च आय वर्ग के लिये अलग-अलग कर दर ढांचा संभवत: सरकार के विचारार्थ है. न्यूनतम कर स्लैब को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है.

बैंक के अनुसार 5 लाख रुपये से अधिक की आय पर की कर दर में कटौती की जा सकती है. यह अलग-अलग कर की दरों पर निर्भर करेगा. फिलहाल यह दर 10 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 30 प्रतिशत है. इस प्रकार की व्यवस्था से छोटे करदाताओं पर बोझ कम होगा, मध्यम आय वालों पर कर की दरें कम होंगी लेकिन उच्च आय वर्ग की श्रेणी में आने वालों पर कर भार बढ़ सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार इस प्रकार की घोषणा को लेकर अटकलें तेज हैं. हालांकि प्राधिकरण कुछ इंतजार कर सकता है और बजट में इस प्रकार की घोषणा कर सकते हैं. बजट फरवरी 2020 में पेश किया जाना है.

डीबीएस ने कहा कि छूट सीमा में किसी प्रकार की बढ़ोतरी से उन छोटे करदाताओं को लाभ होगा जिनकी आय 5 लाख रुपये से कम है. फरवरी 2019 के बजट में 5 लाख रुपये तक की आय वालों को पहले ही राहत उपलब्ध करायी जा चुकी है.

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भारतीय बाजार में व्यक्तिगत आयकर में कटौती की अटकलें तेज

सिंगापुर: भारत में पिछले महीने कंपनी कर में कटौती के बाद व्यक्तिगत आयकर में कटौती की अटकलें तेज हैं. सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने मंगलवार को यह कहा.

बैंक के अनुसार अब जब सभी कंपनी कर की दर 25 प्रतिशत है, ऐसे में संभावना है कि आयकर कर की दरों में कमी आएगी. अभी यह अधिकतम आयकर की दर 30 प्रतिशत है. इस पर अधिभार और उपकर अलग से लगता है.

डीबीएस ने अपनी रिपोर्ट ‘भारत: व्यक्तिगत आयकर में कटौती की संभावना में कहा, "बाजार में लोग इस कदम के समय को लेकर बंटे हुए हैं." कुछ का कहना है कि यह घोषणा कभी भी हो सकती है पर कुछ का कहना है कि सरकार इसके लिए आगामी बजट का इंतजार कर सकती है. बजट फरवरी के शुरू में पेश किया जाएगा.

रिपोर्ट के अनुसार मूल छूट सीमा में वृद्धि तथा उच्च आय वर्ग के लिये अलग-अलग कर दर ढांचा संभवत: सरकार के विचारार्थ है. न्यूनतम कर स्लैब को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है.

बैंक के अनुसार 5 लाख रुपये से अधिक की आय पर की कर दर में कटौती की जा सकती है. यह अलग-अलग कर की दरों पर निर्भर करेगा. फिलहाल यह दर 10 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 30 प्रतिशत है. इस प्रकार की व्यवस्था से छोटे करदाताओं पर बोझ कम होगा, मध्यम आय वालों पर कर की दरें कम होंगी लेकिन उच्च आय वर्ग की श्रेणी में आने वालों पर कर भार बढ़ सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार इस प्रकार की घोषणा को लेकर अटकलें तेज हैं. हालांकि प्राधिकरण कुछ इंतजार कर सकता है और बजट में इस प्रकार की घोषणा कर सकते हैं. बजट फरवरी 2020 में पेश किया जाना है.

डीबीएस ने कहा कि छूट सीमा में किसी प्रकार की बढ़ोतरी से उन छोटे करदाताओं को लाभ होगा जिनकी आय 5 लाख रुपये से कम है. फरवरी 2019 के बजट में 5 लाख रुपये तक की आय वालों को पहले ही राहत उपलब्ध करायी जा चुकी है.


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Last Updated : Oct 29, 2019, 11:35 PM IST

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