नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड नियमों के उल्लंघन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के तीन वित्तीय संस्थानों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. जिन संस्थानों पर जुर्माना लगाया गया है उनमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) तथा बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) शामिल हैं.
सेबी ने अपनी जांच में पाया कि एसबीआई, एलआईसी और बीओबी क्रमश: एसबीआई म्यूचुअल फंड, एलआईसी म्यूचुअल फंड और बड़ौदा म्यूचुअल फंड के प्रायोजक हैं. इनके पास इन म्यूचुअल फंड में 10-10 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है.
इसके अलावा एलआईसी, एसबीआई और बीओबी यूटीआई एएमसी की भी प्रायोजक हैं और इनके पास संपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) और यूटीआई एमएफ की न्यासी कंपनी में अलग से 10-10 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है.
सेबी ने कहा कि यह म्यूचुअल फंड नियमनों के अनुरूप नहीं है. सेबी ने मार्च, 2018 में म्यूचुअल फंड नियमनों में संशोधन किया था. इसके तहत किसी एएमसी में यदि शेयरधारक या प्रायोजक की कम से कम 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी है तो वह देश में परिचालन कर रहे किसी अन्य म्यूचुअल फंड में 10 प्रतिशत या उससे अधिक की हिस्सेदारी नहीं रख सकता.
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सेबी ने अपने आदेश में कहा कि इन इकाइयों ने इस अनिवार्यता को मार्च, 2019 तक दिए गए समय में पूरा नहीं किया.
नियामक ने कहा कि इन तीनों इकाइयों ने इस बात से इनकार नहीं किया है कि वे म्यूचुअल फंड नियमनों का अनुपालन नहीं कर पाई हैं.
हालांकि, इन इकाइयों ने कहा कि यूटीआई एएमसी में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है तथा यूटीआई ट्रस्टी कंपनी में हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इन इकाइयों ने कहा है कि यूटीआई एएमसी का आईपीओ सितंबर अंत तक पूरा होगा.
(पीटीआई-भाषा)