नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कानूनी विवादों में उलझी यूनिटेक लिमिटेड का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के केन्द्र के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी प्रदान कर दी.
न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने यूनिटेक के नये बोर्ड को कंपनी की समाधान रूपरेखा तैयार करने और इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिये दो महीने का वक्त दिया है.
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पीठ ने यूनिटेक के नये बोर्ड को कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ किसी भी कानूनी कार्यवाही से दो महीने की छूट भी प्रदान की है. न्यायालय ने कहा कि बोर्ड द्वारा समाधान रूपरेखा की तैयारी की निगरानी के लिये वह शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नियुक्त करेगा.
केन्द्र ने शनिवार को शीर्ष अदालत से कहा था कि वह करीब 12,000 परेशान मकान खरीदारों को राहत प्रदान करने के लिये यूनिटेक की अधर में लटकी परियोजनाओं को पूरा करने और यूनिटेक लि का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के 2017 के प्रस्ताव पर फिर से विचार के लिये तैयार है.
न्यायालय में पेश छह पेज के नोट में केन्द्र ने कहा था कि वह यूनिटेक के वर्तमान प्रबंधन को हटाने और सरकार के 10 व्यक्तियों को निदेशक नियुक्त करने के दिसंबर, 2017 के अपने प्रस्ताव पर फिर से गौर करने लिये तैयार है.
साथ ही केन्द्र ने कहा था कि वह कंपनी की लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिये इसमें धन नहीं लगायेगा. केन्द्र ने कहा था कि न्यायालय को 12 महीने की छूट देनी चाहिए.
न्यायालय ने यूनिटेक का प्रबंधन अपने हाथ लेने के केन्द्र के प्रस्ताव को मंजूरी दी - SC accepts Centre's proposal to takeover management control of Unitech
न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने यूनिटेक के नये बोर्ड को कंपनी की समाधान रूपरेखा तैयार करने और इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिये दो महीने का वक्त दिया है.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कानूनी विवादों में उलझी यूनिटेक लिमिटेड का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के केन्द्र के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी प्रदान कर दी.
न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने यूनिटेक के नये बोर्ड को कंपनी की समाधान रूपरेखा तैयार करने और इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिये दो महीने का वक्त दिया है.
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पीठ ने यूनिटेक के नये बोर्ड को कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ किसी भी कानूनी कार्यवाही से दो महीने की छूट भी प्रदान की है. न्यायालय ने कहा कि बोर्ड द्वारा समाधान रूपरेखा की तैयारी की निगरानी के लिये वह शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नियुक्त करेगा.
केन्द्र ने शनिवार को शीर्ष अदालत से कहा था कि वह करीब 12,000 परेशान मकान खरीदारों को राहत प्रदान करने के लिये यूनिटेक की अधर में लटकी परियोजनाओं को पूरा करने और यूनिटेक लि का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के 2017 के प्रस्ताव पर फिर से विचार के लिये तैयार है.
न्यायालय में पेश छह पेज के नोट में केन्द्र ने कहा था कि वह यूनिटेक के वर्तमान प्रबंधन को हटाने और सरकार के 10 व्यक्तियों को निदेशक नियुक्त करने के दिसंबर, 2017 के अपने प्रस्ताव पर फिर से गौर करने लिये तैयार है.
साथ ही केन्द्र ने कहा था कि वह कंपनी की लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिये इसमें धन नहीं लगायेगा. केन्द्र ने कहा था कि न्यायालय को 12 महीने की छूट देनी चाहिए.
न्यायालय ने यूनिटेक का प्रबंधन अपने हाथ लेने के केन्द्र के प्रस्ताव को मंजूरी दी
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कानूनी विवादों में उलझी यूनिटेक लिमिटेड का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के केन्द्र के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी प्रदान कर दी.
न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने यूनिटेक के नये बोर्ड को कंपनी की समाधान रूपरेखा तैयार करने और इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिये दो महीने का वक्त दिया है.
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केन्द्र ने शनिवार को शीर्ष अदालत से कहा था कि वह करीब 12,000 परेशान मकान खरीदारों को राहत प्रदान करने के लिये यूनिटेक की अधर में लटकी परियोजनाओं को पूरा करने और यूनिटेक लि का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के 2017 के प्रस्ताव पर फिर से विचार के लिये तैयार है.
न्यायालय में पेश छह पेज के नोट में केन्द्र ने कहा था कि वह यूनिटेक के वर्तमान प्रबंधन को हटाने और सरकार के 10 व्यक्तियों को निदेशक नियुक्त करने के दिसंबर, 2017 के अपने प्रस्ताव पर फिर से गौर करने लिये तैयार है.
साथ ही केन्द्र ने कहा था कि वह कंपनी की लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिये इसमें धन नहीं लगायेगा. केन्द्र ने कहा था कि न्यायालय को 12 महीने की छूट देनी चाहिए.
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