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साबुन, डेटॉल की तरह कीटाणुनाशक है 'सैनिटाइजर', 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा: वित्त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हैंड सैनिटाइजर के विनिर्माण में उपयोग होने वाले विभिन्न रसायन, पैकिंग सामग्री और कच्चा माल सेवा समेत अन्य पर भी 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है.

साबुन, डेटॉल की तरह कीटाणुनाशक है 'सैनिटाइजर', 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा: वित्त मंत्रालय
साबुन, डेटॉल की तरह कीटाणुनाशक है 'सैनिटाइजर', 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा: वित्त मंत्रालय
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Published : Jul 16, 2020, 10:39 AM IST

नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को कहा कि सैनिटाइजर भी साबुन, डेटॉल समेत अन्य के समान कीटाणुनाशक है जिस पर जीएसटी व्यवस्था के तहत 18 प्रतिशत शुल्क लगता है.

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हैंड सैनिटाइजर के विनिर्माण में उपयोग होने वाले विभिन्न रसायन, पैकिंग सामग्री और कच्चा माल सेवा समेत अन्य पर भी 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है.

बयान में कहा गया है, "सैनिटाइजर भी साबुन, कीटाणुरोधी तरल पदार्थ, डेटॉल समेत अन्य के समान कीटाणुनाशक है जिस पर जीएसटी व्यवस्था के तहत 18 प्रतिशत शुल्क लगता है."

ये भी पढ़ें-पेट्रोल का भाव लगातार 17वें दिन स्थिर, एक दिन बाद डीजल में भी विराम

मंत्रालय ने कहा कि सैनिटाइजर और उसी प्रकार के दूसरे सामानों पर जीएसट दर कम करने से उल्टा शुल्क ढांचा तैयार होगा. यानी कच्चे माल पर तैयार उत्पाद के मुकाबले अधिक शुल्क. इससे ‘हैंड सैनिटाइजर’ बनाने वाले घरेलू विनिर्माताओं के साथ-साथ अयातकों को नुकसान होगा.

वित्त मंत्रालय ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि जीएसटी दर कम करने से सैनिटाइजर का आयात सस्ता हो जाएगा. अगर तैयार माल के मुकाबले कच्चे माल पर अधिक कर लिया जाएगा तो इससे घरेलू उद्योग को नुकसान होगा.

बयान के अनुसार, "जीएसटी दर में कमी से आयात सस्ता होगा. यह देश की आत्मनिर्भर भारत की नीति के खिलाफ होगा. उल्टा शुल्क ढांचा से अगर विनिर्माताओं को नुकसान होता है, ग्राहकों को भी अंतत: इसका लाभ नहीं होगा."

एडवांस रूलिंग प्राधिकरण की गोवा पीठ ने हाल ही में व्यवस्था दी कि अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर पर जीएसटी के तहत 18 प्रतिशत शुल्क लगेगा.

हालांकि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने हैंड सैनिटाइजर को अनिवार्य वस्तु की श्रेणी में रखा है, लेकिन जीएसटी कानून के तहत छूट वाले सामान की अलग सूची है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को कहा कि सैनिटाइजर भी साबुन, डेटॉल समेत अन्य के समान कीटाणुनाशक है जिस पर जीएसटी व्यवस्था के तहत 18 प्रतिशत शुल्क लगता है.

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हैंड सैनिटाइजर के विनिर्माण में उपयोग होने वाले विभिन्न रसायन, पैकिंग सामग्री और कच्चा माल सेवा समेत अन्य पर भी 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है.

बयान में कहा गया है, "सैनिटाइजर भी साबुन, कीटाणुरोधी तरल पदार्थ, डेटॉल समेत अन्य के समान कीटाणुनाशक है जिस पर जीएसटी व्यवस्था के तहत 18 प्रतिशत शुल्क लगता है."

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मंत्रालय ने कहा कि सैनिटाइजर और उसी प्रकार के दूसरे सामानों पर जीएसट दर कम करने से उल्टा शुल्क ढांचा तैयार होगा. यानी कच्चे माल पर तैयार उत्पाद के मुकाबले अधिक शुल्क. इससे ‘हैंड सैनिटाइजर’ बनाने वाले घरेलू विनिर्माताओं के साथ-साथ अयातकों को नुकसान होगा.

वित्त मंत्रालय ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि जीएसटी दर कम करने से सैनिटाइजर का आयात सस्ता हो जाएगा. अगर तैयार माल के मुकाबले कच्चे माल पर अधिक कर लिया जाएगा तो इससे घरेलू उद्योग को नुकसान होगा.

बयान के अनुसार, "जीएसटी दर में कमी से आयात सस्ता होगा. यह देश की आत्मनिर्भर भारत की नीति के खिलाफ होगा. उल्टा शुल्क ढांचा से अगर विनिर्माताओं को नुकसान होता है, ग्राहकों को भी अंतत: इसका लाभ नहीं होगा."

एडवांस रूलिंग प्राधिकरण की गोवा पीठ ने हाल ही में व्यवस्था दी कि अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर पर जीएसटी के तहत 18 प्रतिशत शुल्क लगेगा.

हालांकि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने हैंड सैनिटाइजर को अनिवार्य वस्तु की श्रेणी में रखा है, लेकिन जीएसटी कानून के तहत छूट वाले सामान की अलग सूची है.

(पीटीआई-भाषा)

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