ETV Bharat / business

जीएसटी से छूट की सूची की समीक्षा, कर चोरी के स्रोतों की पहचान करने के लिए दो मंत्री समूह गठित

सात सदस्यीय समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई इसके अध्यक्ष होंगे और इसमें पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल, बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद सहित अन्य शामिल होंगे.

author img

By

Published : Sep 27, 2021, 2:19 PM IST

कर चोरी के स्रोतों की पहचान करने के लिए दो मंत्री समूह गठित
कर चोरी के स्रोतों की पहचान करने के लिए दो मंत्री समूह गठित

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने करों के मौजूदा स्लैब और जीएसटी से छूट वाली वस्तुओं की समीक्षा करने, कर चोरी के स्रोतों की पहचान करने और आयकर प्रणालियों में बदलाव का सुझाव देने के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों की दो समितियां गठित की हैं. दर युक्तिकरण संबंधी मंत्रियों का समूह (जीओएम) उल्टी शुल्क संरचना की समीक्षा करेगा और कर की दरों के स्लैब के विलय सहित युक्तिकरण उपायों की सिफारिश करेगा.

सात सदस्यीय समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई इसके अध्यक्ष होंगे और इसमें पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल, बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद सहित अन्य शामिल होंगे. यह कर आधार का विस्तार करने और इनपुट टैक्स क्रेडिट (वस्तु विनिर्माताओं को सरकार से मिलने वाली एक तरह की छूट) श्रृंखला का टूटना खत्म करने के उद्देश्य से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत छूट प्राप्त वस्तुओं तथा सेवाओं की आपूर्ति की भी समीक्षा करेगा.

वहीं, जीएसटी प्रणाली सुधारों से जुड़ा मंत्री समूह (जीओएम) कर चोरी के संभावित स्रोतों की पहचान करेगा और राजस्व में कमी को रोकने के लिए व्यावसायिक प्रक्रियाओं तथा आईटी प्रणालियों में बदलाव का सुझाव देगा. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता वाली इस आठ सदस्यीय समिति में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी टी राजन और छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री टी एस सिंह देव शामिल होंगे.

समिति करदाताओं के पास उपलब्ध आयकर साधनों एवं इंटरफेस की समीक्षा करेगी तथा उन्हें और ज्यादा कारगर बनाने के तरीके सुझाएगी, बेहतर कर अनुपालन के लिए डेटा विश्लेषण के संभावित इस्तेमाल की पहचान करेगी तथा केंद्रीय एवं राज्य कर अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय के तरीके सुझाएगी. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने गत 17 सितंबर को इन दो मंत्री समूहों का गठन करने का फैसला किया था.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने करों के मौजूदा स्लैब और जीएसटी से छूट वाली वस्तुओं की समीक्षा करने, कर चोरी के स्रोतों की पहचान करने और आयकर प्रणालियों में बदलाव का सुझाव देने के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों की दो समितियां गठित की हैं. दर युक्तिकरण संबंधी मंत्रियों का समूह (जीओएम) उल्टी शुल्क संरचना की समीक्षा करेगा और कर की दरों के स्लैब के विलय सहित युक्तिकरण उपायों की सिफारिश करेगा.

सात सदस्यीय समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई इसके अध्यक्ष होंगे और इसमें पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल, बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद सहित अन्य शामिल होंगे. यह कर आधार का विस्तार करने और इनपुट टैक्स क्रेडिट (वस्तु विनिर्माताओं को सरकार से मिलने वाली एक तरह की छूट) श्रृंखला का टूटना खत्म करने के उद्देश्य से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत छूट प्राप्त वस्तुओं तथा सेवाओं की आपूर्ति की भी समीक्षा करेगा.

वहीं, जीएसटी प्रणाली सुधारों से जुड़ा मंत्री समूह (जीओएम) कर चोरी के संभावित स्रोतों की पहचान करेगा और राजस्व में कमी को रोकने के लिए व्यावसायिक प्रक्रियाओं तथा आईटी प्रणालियों में बदलाव का सुझाव देगा. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता वाली इस आठ सदस्यीय समिति में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी टी राजन और छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री टी एस सिंह देव शामिल होंगे.

समिति करदाताओं के पास उपलब्ध आयकर साधनों एवं इंटरफेस की समीक्षा करेगी तथा उन्हें और ज्यादा कारगर बनाने के तरीके सुझाएगी, बेहतर कर अनुपालन के लिए डेटा विश्लेषण के संभावित इस्तेमाल की पहचान करेगी तथा केंद्रीय एवं राज्य कर अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय के तरीके सुझाएगी. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने गत 17 सितंबर को इन दो मंत्री समूहों का गठन करने का फैसला किया था.

पीटीआई-भाषा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.