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नीरव, चोकसी और माल्या से कर्ज की वसूली के लिए कदम उठाए रिजर्व बैंक: चिदंबरम

पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि कर्ज़माफी या बट्टेखाते में डाले जाने पर बहस अव्यवहारिक है. इससे नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे लोग खुश होंगे.

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Published : Apr 30, 2020, 2:38 PM IST

Updated : Apr 30, 2020, 4:10 PM IST

नीरव, चोकसी और माल्या से कर्ज की वसूली के लिए कदम उठाए रिजर्व बैंक: चिदंबरम
नीरव, चोकसी और माल्या से कर्ज की वसूली के लिए कदम उठाए रिजर्व बैंक: चिदंबरम

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कई पूंजीपतियों के कर्ज बट्टे खाते में डालने से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक को नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों से कर्ज की वसूली के लिए कदम उठाना चाहिए.

पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इन लोगों से कर्ज वसूल करने के लिए मौजूदा नियमसें में बदलाव भी किए जा सकते हैं. चिदंबरम ने ट्वीट किया, "कर्ज़माफी या बट्टेखाते में डाले जाने पर बहस अव्यवहारिक है. इससे नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे लोग खुश होंगे. नियम इंसानों ने ही बनाए हैं. अगर कोई नियम बनाया जा सकता है, तो उसे खत्म भी किया जा सकता है."

ये भी पढ़ें- वैश्विक स्तर पर असंगठित क्षेत्र के आधे श्रमिकों के सामने रोजगार खोने का संकट: आईएलओ

उन्होंने कहा, "इस ऐतिहासिक गलती को दुरुस्त करने का एकमात्र रास्ता है कि रिजर्व बैंक सभी संबद्ध बैंकों को निर्देश दे कि वे अपने बही-खातों में लिखे ब्यौरे को पलटें और भगोड़ों से वसूल नहीं किए जा सके कर्ज़ को अपनी बही में बकाया कर्ज के तौर पर दिखाकर उनकी वसूली के लिए कदम उठाएं."

दरअसल, कांग्रेस का दावा है कि 24 अप्रैल को आरटीआई के जवाब में रिज़र्व बैंक ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रुपया माफ करने की बात स्वीकार की. इनमें भगोड़े कारोबारी चोकसी, नीरव मोदी और माल्या के नाम भी शामिल हैं.

कांग्रेस के इस दावे को लेकर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार रात कहा कि जानबूझ कर ऋण नहीं चुकाने वाले संप्रग सरकार की फोन बैंकिंग के लाभकारी हैं और मोदी सरकार उनसे बकाया वसूली के लिए उनके पीछे पड़ी है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कई पूंजीपतियों के कर्ज बट्टे खाते में डालने से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक को नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों से कर्ज की वसूली के लिए कदम उठाना चाहिए.

पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इन लोगों से कर्ज वसूल करने के लिए मौजूदा नियमसें में बदलाव भी किए जा सकते हैं. चिदंबरम ने ट्वीट किया, "कर्ज़माफी या बट्टेखाते में डाले जाने पर बहस अव्यवहारिक है. इससे नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे लोग खुश होंगे. नियम इंसानों ने ही बनाए हैं. अगर कोई नियम बनाया जा सकता है, तो उसे खत्म भी किया जा सकता है."

ये भी पढ़ें- वैश्विक स्तर पर असंगठित क्षेत्र के आधे श्रमिकों के सामने रोजगार खोने का संकट: आईएलओ

उन्होंने कहा, "इस ऐतिहासिक गलती को दुरुस्त करने का एकमात्र रास्ता है कि रिजर्व बैंक सभी संबद्ध बैंकों को निर्देश दे कि वे अपने बही-खातों में लिखे ब्यौरे को पलटें और भगोड़ों से वसूल नहीं किए जा सके कर्ज़ को अपनी बही में बकाया कर्ज के तौर पर दिखाकर उनकी वसूली के लिए कदम उठाएं."

दरअसल, कांग्रेस का दावा है कि 24 अप्रैल को आरटीआई के जवाब में रिज़र्व बैंक ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रुपया माफ करने की बात स्वीकार की. इनमें भगोड़े कारोबारी चोकसी, नीरव मोदी और माल्या के नाम भी शामिल हैं.

कांग्रेस के इस दावे को लेकर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार रात कहा कि जानबूझ कर ऋण नहीं चुकाने वाले संप्रग सरकार की फोन बैंकिंग के लाभकारी हैं और मोदी सरकार उनसे बकाया वसूली के लिए उनके पीछे पड़ी है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Apr 30, 2020, 4:10 PM IST
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