मुंबई: रिजर्व बैंक की कर्मचारी यूनियनों ने बैंकों में जमा राशि पर बीमा कवर को मौजूदा एक लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की सरकार से मांग की है. सहकारी क्षेत्र के पंजाब ऐंड महाराष्ट्र सहकारी बैंक में जारी संकट के बीच बैंक जमा पर बीमा कवर बढ़ाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह इस संबंध में सरकार की मंशा बताते हुए कहा था कि सरकार मौजूदा शीतकालीन सत्र में ही बैंक जमा पर बीमा गारंटी को बढ़ाने के लिए संशोधन विधेयक संसद में पेश करेगी.
उन्होंने कहा कि जमा राशि पर बीमा कवर को एक लाख रुपये से ऊपर किया जाएगा. हालांकि उन्होंने इस बारे में कोई संकेत नहीं दिया कि यह कितनी हो सकती है.
अखिल भारतीय रिजर्व बैंक कर्मचारी संघ ने एक बयान में कहा है, "इससे पहले भी हमने इस बारे में सुझाव दिया था कि किसी भी व्यक्ति की बैंकों में रखी गई सब तरह की जमा पर बीमा कवर को बढ़ाकर कम से कम दस लाख रुपये किया जाना चाहिए. हम अपनी इस मांग को दोहराते हुए सरकार से इस पर विचार करने का आग्रह करते हैं."
ये भी पढ़ें: केंद्रीय उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने के प्रस्ताव पर जल्द फैसला संभव
कर्मचारी संघ ने कहा है कि प्रस्तावित दस लाख रुपये की राशि करीब 14,000 डॉलर तक बैठेगी जो कि कई अन्य देशों के मुकाबले कम है. वर्तमान में जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम प्रत्येक बैंक जमाधारक को उसके बैंक के लिक्विडेशन और बैंक लाइसेंस निरस्त होने की तारीख को उसकी जमा पर अधिकतम एक लाख रुपये का बीमा कवर उपलब्ध कराता है.
एसबीआई रिसर्च की हाल में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार एक लाख रुपये का जमा बीमा कवर दुनिया में सबसे कम कवर में से एक है, जबकि ब्राजील में जमा राशि पर 42 लाख रुपये और रूस में 12 लाख रुपये का कवर दिया जाता है.